नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ, समेत UP के इन शहरों में खोलना चाहते हैं शराब का ठेका, यहां जानें पूरा खर्च और प्रोसेस

UP liquor Policy: अगर आप उत्तर प्रदेश में शराब का ठेका लेना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको ई-लॉटरी के जरिए अप्लाई करना होगा. फीस अलग-अलग इलाकों के हिसाब से तय की गई है और अब एक व्यक्ति सिर्फ दो दुकानें ही ले सकता है. क्या है पूरा खर्च और प्रोसेस, यहां जानें…

यूपी में कैसे खोलें शराब का ठेका? Image Credit: Freepik

UP liquor Policy: अगर आप किसी बिजनेस में निवेश करने की योजना बना रहे हैं या जानकारी के लिए जानना चाहते हैं कि शराब का ठेका कैसे खोला जाता है जिसमें प्रॉफिट मार्जिन बेहतर मिलता है. यहां हम उत्तर प्रदेश की शराब नीति के आधार पर बताएंगे कि अगर कोई यूपी में यानी नोएडा, गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, लखनऊ, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर या कानपुर में शराब का ठेका खोलने का खर्च और प्रोसेस समझना चाहता है तो यहां आपको विस्तार में बताएंगे कि उत्तर प्रदेश के किसी भी शहर, जिला या गांव में शराब की दुकान कैसे खोलें?

फरवरी 2025 में यूपी सरकार ने 2025-26 की नई शराब नीति को लागू कर दिया है, जिसमें शराब के ठेकों का आवंटन अब ई-लॉटरी सिस्टम के जरिए किया जाएगा. पहले यह प्रक्रिया रिन्यूअल के जरिए होती थी, लेकिन अब हर दुकान के लिए एप्लिकेशन देना होगा और लॉटरी सिस्टम से ही इसका आवंटन किया जाएगा. इसके अलावा, इस बार एक नई सुविधा “कंपोजिट शॉप्स” की शुरुआत की गई है, जहां एक ही काउंटर पर बीयर, शराब और वाइन मिलेगी.

कैसे मिलेगा शराब का ठेका?

एप्लिकेशन और ई-लॉटरी सिस्टम

लाइसेंस फीस और प्रक्रिया

प्रोसेसिंग फीस कितनी होगी?

फीस को 5 कैटेगरी में बांटा गया है लेकिन जो गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, लखनऊ, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, कानपुर और उनके आसपास 3 किलोमीटर के इलाके में ठेका खोलना चाहते हैं उन्हें पहली कैटेगरी के नियम से चलना होगा. इसके लिए:

इसके अलावा देसी शराब का न्यूनतम गारंटी कोटा (MGQ) 10% बढ़ा दिया गया है, प्रति बल्क लीटर लाइसेंस शुल्क ₹254 से बढ़ाकर ₹260 किया गया है. दुकान खोलने के लिए डिविजनल और जिला मुख्यालयों में लाइसेंस शुल्क ₹50,000 और अन्य जिलों में ₹30,000 तय किया गया है.