रियल टाइम में पकड़े जाएंगे ऑनलाइन फ्रॉड! SBI-BOB बना रहे डिजिटल पेमेंट AI प्लेटफॉर्म, ऐसे करेगा काम

देश का सबसे बड़ा बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) मिलकर Indian Digital Payment Intelligence Corporation (IDPIC) नाम की नई प्लेटफॉर्म बनाने जा रहे हैं. इसका मकसद रियल टाइम में फ्रॉड ट्रांजैक्शन पकड़ना और डिजिटल धोखाधड़ी रोकना. आइए जानते हैं इसकी क्या खासियत होगी.

SBI-BOB बना रहे नया डिजिटल पेमेंट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म

डिजिटल पेमेंट में बढ़ते फ्रॉड को रोकने के लिए बड़ी पहल की जा रही है. देश का सबसे बड़ा बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) मिलकर Indian Digital Payment Intelligence Corporation (IDPIC) नाम की नई प्लेटफॉर्म बनाने जा रहे हैं. इसका मकसद रियल टाइम में फ्रॉड ट्रांजैक्शन पकड़ना और डिजिटल धोखाधड़ी रोकना होगा.

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के सभी 12 सरकारी बैंक इस कंपनी में हिस्सेदारी लेंगे. ये कंपनी Section 8 यानी नॉन-प्रॉफिट मॉडल पर बनाई जाएगी. इसका ऑथराइज्ड कैपिटल 500 करोड़ रुपये और पेड-अप कैपिटल 200 करोड़ रुपये रखा गया है.

कैसे होगा काम?

रिपोर्ट के मुताबिक, प्लेटफॉर्म AI और Machine Learning की मदद से बैंकिंग फ्रॉड को रियल टाइम में ट्रैक और ब्लॉक करेगा. शुरुआत में SBI और बैंक ऑफ बड़ौदा के दो सीनियर अधिकारी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल होंगे. फिलहाल SBI और Bank of Baroda ने शुरुआत में 10-10 करोड़ रुपये निवेश करने पर सहमति दी है. इसके अलावा बाकी बैंक भी वित्तीय योगदान देंगे और प्रोजेक्ट में शामिल होंगे. साथ ही जिस नाम से इसे शुरु किया जायेगा उस नाम की मंजूरी के लिए कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) में आवेदन भी भेज दिया गया है.

क्यों जरूरी पड़ी यह पहल?

भारत में डिजिटल पेमेंट तेजी से बढ़ा है, लेकिन इसके साथ ऑनलाइन फ्रॉड का खतरा भी तेजी से बढ़ा है. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, FY24 में बैंक फ्रॉड के मामले 36,014 करोड़ रुपये के रहे, जो एक साल पहले 12,230 करोड़ रुपये थे यानी बैंक फ्रॉड की रकम एक साल में लगभग तीन गुना बढ़ गई.

फ्रॉड रोकने के लिए अभी क्या हो रहा है?

फिलहाल साइबर फ्रॉड को Indian Cyber Crime Coordination Centre (I4C) मॉनिटर करता है. बैंक पहले से RBI की MuleHunter.AI तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो म्यूल अकाउंट पकड़ती है. म्यूल अकाउंट ऐसे खाते होते हैं जिनका इस्तेमाल अपराधी पैसे घुमाने या धोखाधड़ी छिपाने के लिए करते हैं. इस सिस्टम को केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा और AU स्मॉल फाइनेंस बैंक पहले ही अपना चुके हैं.

RBI भी बना रहा डिजिटल पेमेंट इंटेलिजेंस सिस्टम

कुछ दिन पहले RBI के डिप्टी गवर्नर टी. रबी शंकर ने बताया कि हम एक डिजिटल पेमेंट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म बना रहे हैं, जो अलग-अलग स्रोतों जैसे म्यूल अकाउंट, टेलिकॉम डाटा, लोकेशन डाटा आदि को जोड़कर AI सिस्टम को ट्रेन करेगा, ताकि फ्रॉड तुरंत पकड़ा जा सके.

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