भारत-चीन-रूस का महासंगम हिलाएगा ट्रंप साम्राज्य, ये 3 फैक्टर खत्म कर देंगे अमेरिका का गुरूर!
SCO समिट में भारत, चीन और रूस एक साथ आए हैं. इन तीनों शक्तियों का महासंगम ट्रंप साम्राज्य की नींव को हिला सकता है. क्योंकि तीनों ऐसे समय साथ आए हैं जब ट्रंप प्रशासन उन पर टैरिफ को लेकर दबाव बना रहा है. इस बीच अगर तीनों देश साथ आते हैं ताे वे कई फैक्टर्स से अमेरिका को चुनौती दे सकते हैं.

India, China and Russia at SCO: दुनिया के प्रमुख शक्तिशाली देशों में शुमार भारत, चीन और रूस जब एक साथ कदम बढ़ाते हैं, तो केवल भू-राजनीतिक हलचल नहीं होती, बल्कि दुनिया का संतुलन भी बदलने लगता है. इन तीन महाशक्तियों की साझा ताक़त न सिर्फ अर्थव्यवस्था में, बल्कि कूटनीति, सुरक्षा और ऊर्जा क्षेत्र में तहलका मचा सकती है. यही वजह है कि चीन के तियानजिन में 25वें शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट में तीनों देशों के साथ आने से पूरी दुनिया की निगाह इस पर टिक गई है. भारत-चीन और रूस तीनों ऐसे समय साथ आए हैं जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से भारत पर रूसी तेल खरीद को लेकर दबाव बनाया जा रहा है.
इस बीच तीनों देशों का मिलना अमेरिका पर भारी पड़ सकता है. जानकारों के मुताबिक अगर ये तिकड़ी मिलकर किसी साझा मंच या रणनीतिक ब्लॉक में आगे बढ़ते हैं, तो यह अमेरिका के वर्चस्व को चुनौती देने वाला साबित हो सकता है. ऐसे में अगर तीनों देशों की GDP, मैन्यूफैक्चरिंग और डिफेंस की ताकत को शामिल किया जाए तो ये अमेरिका की 30 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी को चुनौती दे सकता है.
कितनी है भारत-चीन और रूस की GDP?
भारत-चीन-रूस का संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद यानी GDP परचेजिंग पावर पैरिटी यानी PPP के आधार पर 63.99 ट्रिलियन है, जो दुनिया की कुल अर्थव्यवस्था का लगभग एक-तिहाई है. इनका निर्यात 5 ट्रिलियन डॉलर से अधिक है और विदेशी मुद्रा भंडार 4.7 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है, जो वैश्विक रिज़र्व का 38% है.
चीन GDP (PPP) – 39.44 ट्रिलियन डॉलर
भारत GDP (PPP) – 17.36 ट्रिलियन डॉलर
रूस GDP (PPP) – 7.19 ट्रिलियन डॉलर
यूनाइटेड स्टेट्स GDP (PPP) – 30.34 ट्रिलियन डॉलर
2025 तक नॉमिनल जीडीपी के आधार पर शीर्ष 6 देश
देश का नाम | सकल घरेलू उत्पाद (ट्रिलियन में) | पीपीपी समायोजित सकल घरेलू उत्पाद (ट्रिलियन में) | वार्षिक वृद्धि (%) | प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (हजारों में) |
---|---|---|---|---|
संयुक्त राज्य अमेरिका | $30.34 | $30.34 | 2.2 | $89.68 |
चीन | $19.53 | $39.44 | 4.5 | $13.87 |
जर्मनी | $4.92 | $6.17 | 0.8 | $57.91 |
जापान | $4.39 | $6.77 | 1.1 | $35.61 |
भारत | $4.27 | $17.36 | 6.5 | $2.94 |
यूनाइटेड किंगडम | $3.73 | $4.42 | 1.5 | $54.28 |
आबादी से लेकर डिफेंस में कितनी है ताकत?
भारत, चीन और रूस की संयुक्त आबादी 3.1 अरब है, यानी दुनिया की कुल जनसंख्या का 38% है. वहीं इन देशों का संयुक्त सैन्य खर्च 549 बिलियन डॉलर है, जो विश्व रक्षा बजट का पांचवां हिस्सा है. साथ ही, ये देश वैश्विक ऊर्जा का 35% हिस्सा खपत करते हैं, जो उनकी इंडस्ट्रियल और आर्थिक गतिविधियों की ताकत को दिखाता है.
यह भी पढ़ें: कुबेर का खजाना न बन जाए ये 4 इंफ्रा स्टॉक्स! 52 वीक हाई से 46% तक सस्ते मिल रहे ये शेयर, रखें नजर
इन सेक्टरों में पकड़
भारत, चीन और रूस, प्रत्येक अपनी खास ताकत के साथ, वैश्विक अर्थव्यवस्था में अलग-अलग योगदान दे रहे हैं. जैसे चीन मैन्युफैक्चरिंग का पावरहाउस माना जाता है, ये वैश्विक सप्लाई चेन को संभालता है. वहीं रूस को ऊर्जा क्षेत्र का बादशाह माना जाता है, खासतौर पर तेल और गैस संसाधनों में इसकी अच्छी पकड़ है. वहीं भारत मूवेबल सर्विस इकोनॉमी और तेजी से बढ़ते तकनीकी केंद्र के तौर पर उभरकर सामने आ रहा है.
Latest Stories

अमेरिका की 25 साल की मेहनत बेकार, अब भारत-चीन साथ, ट्रंप टैरिफ से फंसा सुपरपॉवर

Rupee vs Dollar: टैरिफ की जंग में रुपया लहूलुहान, 10 पैसे की कमजोरी के साथ ऑल टाइम लो पर बंद

GST Collection August 2025: सालाना आधार पर 6.5 फीसदी बढ़ाेतरी, केंद्र के खजाने में आए 1.86 लाख करोड़
