लगातार तीन सप्ताह की गिरावट का दौर थमा, विदेशी मुद्रा भंडार में आया 2 अरब डॉलर से ज्यादा का उछाल

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में पिछले तीन सप्ताह से जारी लगातार गिरावट का दौर थम गया है. RBI की तरफ से जारी साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक 25 जुलाई, 2025 को खत्म हुए सप्ताह में फॉरेक्स रिजर्व में 2 अरब डॉलर से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है.

फॉरेक्स रिजर्व Image Credit: FreePik

Forex Reserve Weekly Update: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक 25 जुलाई, 2025 तक देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserves) बढ़कर 698.19 बिलियन अरब डॉलर यानी करीब 60.41 लाख करोड़ रुपये हो गया है. यह न केवल सप्ताह-दर-सप्ताह आधार पर बढ़ा है. पिछले सप्ताह की तुलना में विदेशी मुद्रा भंडार में 2.7 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है. वहीं, इस साल मार्च के अंत की तुलना में विदेशी मुद्रा भंडार में 29.86 अरब डॉलर और एक साल पहले की तुलना में 30.8 अरब डॉलर का उछाल आ चुका है.

FCA कितना बढ़ा?

फॉरेक्स रिजर्व का सबसे बड़ा हिस्सा विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां (Foreign Currency Assets – FCA) का होता है. फिलहाल, यक कुल रिजर्व का करीब 84 फीसदी है. रिजर्व बैंक की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक 25 जुलाई को FCA 588.9 अरब डॉलर का रहा, जो पिछले सप्ताह की तुलना में 1.3 अरब डॉलर ज्यादा है.

गोल्ड रिजर्व में हुआ इजाफा

फॉरेक्स रिजर्व के तौर पर रखे जाने वाले गोल्ड रिवर्ज में भी बढ़ोतरी हुई है. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक गोल्ड रिजर्व 85.7 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. पिछले एक सप्ताह में इसमें 1.2 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है. इस दौरान SDR और IMF में रिजर्व में भी बढ़ोतरी देखी गई है.

घटक ₹ करोड़US$ मिलियनसाप्ताहिक बदलावमार्च 2025 से बदलावसालाना बदलाव
कुल भंडार 60,40,8806,98,192+2,703+29,866+30,807
विदेशी मुद्रा50,95,4875,88,926+1,316+21,368+2,049
सोना7,41,52885,704+1,206+7,528+28,009
SDRs1,62,74118,809+126+640+607
IMF रिजर्व 41,1254,753+55+330+141

क्या है इसका महत्व?

बढ़ता हुआ विदेशी मुद्रा भंडार भारत के लिए कई लिहाज से फायदेमंद होता है. सबसे पहले तो यह यह रुपये की स्थिरता बनाए रखने में मदद करता है. इसके अलावा वैश्विक अनिश्चितताओं, तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और FII आउटफ्लो के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती बनाए रखता है. जुलाई 2025 में विदेशी मुद्रा भंडार का 698 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंचना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है.