अब 9 कैरेट गोल्ड पर भी लगेगी हॉलमार्क मुहर, जानिए आपको कैसे होगा फायदा

सोने की हॉलमार्किंग को लेकर सरकार ने एक ऐसा बदलाव किया है जिससे आम उपभोक्ता से लेकर ज्वेलरी इंडस्ट्री तक में हलचल मच गई है. इस फैसले से न केवल डिजाइन और कीमत में अंतर आएगा, बल्कि देशभर में ज्वेलरी कारोबार की दिशा भी बदलेगी. क्या है पूरा मामला?

गोल्ड रिंग Image Credit: FreePik

अगर आप सोना खरीदने की योजना बना रहे हैं लेकिन बजट की चिंता आपको रोक रही है, तो ये आपके फायदे की खबर साबित हो सकती है. अब 9 कैरेट गोल्ड भी हॉलमार्किंग के दायरे में आ गया है. भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने 9 कैरेट यानी 375 पॉयंट फाइननेस वाले सोने को जुलाई 2025 से अनिवार्य हॉलमार्किंग की सूची में शामिल कर दिया है. इससे उपभोक्ताओं को ज्यादा पारदर्शिता मिलेगी और सस्ते विकल्पों में भी गुणवत्ता की गारंटी तय होगी.

अब तक 24KF, 24KS, 23K, 22K, 20K, 18K और 14K ग्रेड तक के सोने पर हॉलमार्किंग लागू थी. BIS के संशोधन के बाद 9K भी इस सूची में जुड़ गया है. इसका मतलब है कि अब 375 ppt फाइननेस वाले सोने के गहनों पर भी BIS की मुहर जरूरी होगी.

डिजाइन और एक्सपोर्ट को मिलेगा बढ़ावा

मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस फैसले से 9 कैरेट हॉलमार्किंग उपभोक्ताओं के लिए सस्ते और ट्रेंडी डिजाइनों को उपलब्ध कराने में मदद करेगी. इससे डायमंड और जेमस्टोन ज्वेलरी को भी अधिक किफायती बनाया जा सकेगा और भारत के एक्सपोर्ट को भी बढ़ावा मिलेगा.

BIS के संशोधन में यह भी स्पष्ट किया गया है कि गोल्ड वॉच और पेन अब ‘आर्टिफैक्ट्स’ की कैटेगरी में नहीं आएंगे. वहीं, 24KF या 24KS वाले गोल्ड कॉइन को केवल मिंट या रिफाइनरी से जारी किया जा सकेगा, बशर्ते उसका कोई कानूनी मुद्रा मूल्य न हो.

क्रम संख्याग्रेड/वर्गीकरणन्यूनतम घोषित शुद्धता (ppt में)कैरेट में शुद्धता (K) (अनुमानित)
i)24 केएफ999
ii)24 केएस995
iii)23 कैरेट95823
iv)22 कैरेट91622
v)20 कैरेट83320
vi)18 कैरेट75018
vii)14 कैरेट58514
viii)9 कैरेट3759

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उपभोक्ताओं को फायदा

BIS एक्ट 2016 के तहत हॉलमार्किंग का उद्देश्य उपभोक्ताओं को शुद्धता की गारंटी देना है. अब 9 कैरेट गोल्ड को शामिल करने से सस्ती ज्वेलरी खरीदने वालों को भी गुणवत्ता का भरोसा मिलेगा.