भारत ने अमेरिका को दी बड़ी चुनौती, बोला- हम भी बढ़ाएंगे टैरिफ, WTO में की जवाबी शुल्क लगाने की बात
भारत ने अमेरिका की ऑटोमोबाइल टैरिफ बढ़ोतरी के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है. WTO को भेजे नोटिस में भारत ने कहा कि वह अमेरिका से आने वाले चुनिंदा उत्पादों पर जवाबी शुल्क लगाएगा. यह कदम अमेरिकी टैरिफ के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए उठाया जाएगा.
India On US Auto Sector Tariff: भारत सरकार ने अमेरिका के खिलाफ कड़े कदम उठाने की तैयारी कर ली है. वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) के नियमों के तहत भारत ने अमेरिका पर जवाबी शुल्क (Retaliatory Duties) लगाने का प्रस्ताव रखा है. यह कदम अमेरिका की ओर से भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर पर भारी टैरिफ बढ़ोतरी के विरोध में उठाया जा रहा है. आइए जानते हैं इस टैरिफ को लेकर भारत का अमेरिका के प्रति क्या रुख है.
WTO को भारत का नोटिस
WTO को भेजी गई नोटिफिकेशन में भारत ने कहा है कि अमेरिका से आने वाले कुछ चुनिंदा प्रोडक्ट्स पर टैरिफ बढ़ाए जाएंगे. इस कदम को “सस्पेंशन ऑफ कंसेशन” यानी रियायतें वापस लेने के रूप में देखा जा रहा है. PTI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने WTO के काउंसिल फॉर ट्रेड इन गुड्स को इस बारे में जानकारी दी है और कहा है कि उसने अमेरिका से इस मुद्दे पर चर्चा की कोशिश की थी, लेकिन अब तक कोई बातचीत नहीं हुई है. नोटिफिकेशन में कहा गया, “भारत अपने अधिकार के तहत अमेरिका के प्रोडक्ट पर टैरिफ बढ़ाने का फैसला ले रहा है. यह वही ड्यूटी होगी, जो अमेरिका की ओर से भारतीय प्रोडक्ट्स पर लगाए गए शुल्क के बराबर होगी.”
अमेरिका ने बढ़ाई टैरिफ, भारत ने जताई आपत्ति
गौरतलब है कि 26 मार्च 2025 को अमेरिका ने भारत से आने वाले पैसेंजर व्हीकल्स, लाइट ट्रक और कुछ ऑटो पार्ट्स पर 25 फीसदी तक टैरिफ बढ़ा दिया था. भारत का कहना है कि यह कदम WTO के जनरल एग्रीमेंट ऑन टैरिफ्स एंड ट्रेड (GATT) 1994 और सेफगार्ड्स एग्रीमेंट के नियमों के खिलाफ है. WTO नोटिफिकेशन में भारत ने यह भी कहा कि वह भविष्य में अपनी लिस्ट में बदलाव कर सकता है और अलग-अलग अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर नए टैरिफ लागू कर सकता है.
WTO में बातचीत विफल, अमेरिका ने दी सफाई
इससे पहले भारत ने WTO में अमेरिका के साथ इस मामले पर चर्चा करने की कोशिश की थी, लेकिन अमेरिका ने बातचीत का प्रस्ताव ठुकरा दिया. अमेरिका का कहना है कि उसने यह टैरिफ राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर लगाया है और यह WTO के नियमों के दायरे में नहीं आता. इस बीच भारत और अमेरिका के अधिकारी एक व्यापक Trade Deal को अंतिम रूप देने के लिए लगातार बातचीत कर रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रिसिप्रोकल टैरिफ की डेडलाइन 9 जुलाई को खत्म हो रही है.
क्या है भारत का स्टैंड?
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने ANI से बातचीत में कहा, “भारत हमेशा अपनी शर्तों पर चर्चा करता है. हम कोई व्यापार समझौता किसी डेडलाइन के आधार पर नहीं करते. जब डील पूरी तरह से परिपक्व और देश के हित में होती है, तभी उसे मंजूरी दी जाती है.”उन्होंने आगे कहा, “फ्री ट्रेड एग्रीमेंट तब ही होता है जब दोनों देशों को फायदा हो. भारत का राष्ट्रीय हित सर्वोपरि है और हम उसी के अनुसार निर्णय लेते हैं.”
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