हाईवे पर डायवर्जन और एक्सीडेंट प्रोन जोन को लेकर अब मोबाइल पर मिलेगा सेफ्टी अलर्ट, Jio और NHAI में हुआ करार
राष्ट्रीय राजमार्गों पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए NHAI और रिलायंस जियो ने एक समझौता किया है. इसके तहत जियो के 4G–5G नेटवर्क के माध्यम से ड्राइवरों को हाईवे पर कोहरे, दुर्घटना-प्रवण क्षेत्र, पशु, डायवर्जन और अन्य खतरे का रीयल-टाइम अलर्ट मिलेगा. यह सिस्टम पायलट प्रोजेक्ट के बाद देशभर में लागू होगा.
राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रियों की सुरक्षा और यात्रा अनुभव को बेहतर बनाने के उद्देश्य से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने रिलायंस जियो के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं. इस पार्टनरशिप के तहत देश के पूरे नेशनल हाईवे नेटवर्क पर एक उन्नत टेलीकॉम-आधारित सेफ्टी अलर्ट सिस्टम शुरू किया जाएगा, जिससे जियो के 50 करोड़ से अधिक मोबाइल यूजर्स को यात्रा के दौरान रीयल-टाइम अलर्ट मिल सके.
ऐसे करेगा यह काम
इसके लिए जियो के 4G और 5G नेटवर्क का उपयोग किया जाएगा. ड्राइवरों को सड़क पर आगे मौजूद खतरों की जानकारी समय रहते मोबाइल पर भेजी जाएगी, जैसे — कोहरा, हादसा-संभावित क्षेत्र, सड़क पर आवारा पशु, अचानक डायवर्जन, और किसी अन्य इमरजेंसी स्थिति की सूचना. मैसेज एसएमएस, व्हाट्सऐप और उच्च-प्राथमिकता वाले कॉल के जरिए भेजे जाएंगे, ताकि यूजर्स उन्हें तुरंत नोटिस कर सकें.
सबसे खास बात यह है कि यह सिस्टम पूरी तरह ऑटोमेटेड होगा और इसके लिए सड़क किनारे कैमरे या नए हार्डवेयर लगाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी. यह सीधे मौजूदा टेलीकॉम टावरों के माध्यम से काम करेगा, जिससे इसका संचालन तेज और लागत प्रभावी रहेगी.
NHAI और Jio ने क्या कहा
NHAI के चेयरमैन संतोष कुमार यादव ने कहा कि सही समय पर मिली जानकारी सड़क दुर्घटनाओं की संभावना को काफी कम कर सकती है. उन्होंने यह भी उम्मीद जताई है कि यह MoU रोड सेफ्टी मैनेजमेंट में नया मॉडल स्थापित करेगा और यात्रा के दौरान लोगों की जागरूकता बढ़ाएगा.
वहीं, रिलायंस जियो के प्रेसिडेंट ज्योतिंद्र ठक्कर के अनुसार, दूरसंचार नेटवर्क का व्यापक दायरा बड़े पैमाने पर सुरक्षा अलर्ट पहुंचाने में मदद करेगा और राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा को और अधिक सुरक्षित बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा. ठक्कर ने कहा कि तकनीक का उपयोग करके सड़क सुरक्षा को बढ़ाना समय की बड़ी आवश्यकता है और जियो इस दिशा में योगदान देने को तैयार है.
अभी कुछ हाईवे सेक्शन पर होगा शुरू
आगे चलकर यह सिस्टम “राजमार्गयात्रा ऐप” और राष्ट्रीय राजमार्ग हेल्पलाइन 1033 से भी जोड़ा जाएगा. शुरुआती चरण में इसका पायलट परीक्षण कुछ चुनिंदा हाइवे सेक्शनों में किया जाएगा जिसके बाद इसे पूरे देश में लागू किए जाने की योजना है.
इस पहल को सरकार की “जीरो फेटैलिटी अप्रोच” के तहत भी एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिसका लक्ष्य राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं को कम करना और यात्रा को सुरक्षित, व्यवस्थित और तकनीक-सक्षम बनाना है.
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