Kia मोटर्स पर लगा 13.5 अरब रुपये की टैक्स चोरी का आरोप, जानें क्या है पूरा मामला
टैक्स नोटिस में कहा गया है कि जांच के दौरान, Kia की वेबसाइट ने भारत में बेचे जाने वाले कार्निवल मॉडल को "CKD" फॉर्म में दिखाया, जिसकी 2020 और 2022 के बीच खुदरा बिक्री 9,887 यूनिट थी. भारतीय टैक्स नियमों के अनुसार, अगर Kia केस हार जाती है, तो उसे 310 मिलियन डॉलर तक का भुगतान करना पड़ सकता है.

Tax evasion: भारत ने दक्षिण कोरिया की Kia मोटर्स पर 155 मिलियन डॉलर (13.5 अरब रुपये ) के टैक्स की चोरी करने का आरोप लगाया है. सरकार का कहना है कि Kia मोटर्स ने इंपोर्ट किए गए कंपोनेंट को गलत तरीके से क्लासीफाइड किया है. लेकिन कार निर्माता ने किसी भी तरह की टैक्स की चोरी से सीधा इनकार किया है. उसने अपने रुख को स्पष्ट करने के लिए साक्ष्य और दस्तावेजों के साथ अपना जवाब दे दिया है. हालांकि, इससे पहले भी कई विदेशी ऑटोमेकर्स ने भारत सरकार के साथ टैरिफ और टैक्स को लेकर विवाद किया है.
Kia का दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऑटो मार्केट में ह्यूंडई और मारुति सुजुकी के साथ कॉम्पिटिशन है. इस ऑटो मार्केट में Kia की हिस्सेदारी लगभग 6 फीसदी है, जो लगभग 40 लाख यूनिट प्रति वर्ष है. इसकी Kia सेल्टोस और सोनेट एसयूवी सबसे अधिक बिकने वाली गाड़ियों में से एक हैं. जबकि, भारतीय ऑटो बाजार में Kia एक प्रमुख खिलाड़ी है और इसकी गाड़ियों को बहुत पसंद किया जाता है.
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स्टाइलिश गाड़ियों की पेशकश
Kia की सफलता का एक बड़ा कारण इसकी बेहतर और स्टाइलिश गाड़ियों की पेशकश है, जो कस्टमर्स की जरूरतों को पूरा करती हैं. ऐसे Kia की भारत में मजबूत उपस्थिति है और यह देश में अपनी मार्केट हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए लगातार कोशिश कर रही है. हालांकि, भारत में विदेशी कंपनियों को हाई टैक्स पॉलिसी और सरकारी जांच-पड़ताल से परेशानी होती है. ऐसे में उन्हें कारोबार करने में भी परेशानी होती है. इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि टेस्ला इंपोर्ट किए गए इलेक्ट्रिक वाहनों पर हाई टैक्स दरों के बारे में सार्वजनिक रूप से शिकायत भी कर चुकी है. वहीं, वोक्सवैगन ने पिछले हफ्ते एक रिकॉर्ड 1.4 अरब डॉलर के बकाया टैक्स की मांग पर मुकदमा दायर किया है.
यूनिट को एक गोपनीय नोटिस भेजा था
टैक्स अधिकारियों ने अप्रैल 2024 में Kia की भारतीय यूनिट को एक गोपनीय नोटिस भेजा था, जिसमें 13.5 अरब रुपये की कथित टैक्स चोरी के बारे में जिक्र किया गया है. यह टैक्स चौरी कार निर्माता की लक्जरी कार्निवल मिनीवैन की असेंबली के लिए कंपोनेंट्स के आयात की गलत घोषणा पर केंद्रित था. वहीं, रॉयटर्स को दिए गए एक बयान में Kia इंडिया ने कहा कि उसने अपने रुख को स्पष्ट करने के लिए साक्ष्य और दस्तावेजों के साथ अपना जवाब दे दिया है. लेकिन अधिकारी अभी भी मामले की जांच कर रहे हैं. उसने कहा कि Kia इंडिया सभी नियमों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है और उसने अधिकारियों के साथ लगातार सहयोग किया है.
टैक्स अधिकारियों की जांच
अपने 432 पन्नों के नोटिस में सरकार ने कहा कि टैक्स अधिकारियों ने जांच पाया कि Kia के कार्निवल मॉडल को अलग-अलग बंदरगाहों के माध्यम से अलग-अलग कंपोनेंट में आयात किया जा रहा था. वहीं, सूत्रों का कहा है कि Kia का मामला वोक्सवैगन के मामले जैसा ही है, जिस पर एक ही शिपमेंट में पूरी तरह से नॉक डाउन” या CKD फॉर्म में आयात किए गए भागों पर लागू 30 फीसदी से 35 फीसदी के हाई टैक्स से बचने का आरोप है. इसके बजाय अलग-अलग भागों को कई दिनों में शिप किया जाता है, जिससे वे केवल 10 फीसदी से 15 फीसदी की टैक्स दर के लिए पात्र हो जाते हैं.
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