न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में RBI ने ऐसे पकड़ा घोटाला, जानिए उन दो ब्रांच की कहानी
मुंबई के न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में 122 करोड़ रुपये की नकदी घोटाले का खुलासा RBI की ऑडिट में हुआ. हितेश मेहता बैंक का हेड ऑफ अकाउंट्स ने पैसे गबन करने की बात कबूली है. इस मामले में पहला केस दादर पुलिस ने दर्ज किया था और फिर इस EOW को सौंपा गया है. पुलिस ने मेहता को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी है.

New India Cooperative Bank scam : मुंबई स्थित न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में 122 करोड़ रुपये का कैश घोटाला सामने आया है. यह घोटाला भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमित ऑडिट के दौरान पकड़ा गया था. अब इस मामले में बैंक के एक कर्मचारी का बयान सामने आया है, जिससे पता चलता है कि RBI अधिकारियों ने कोविड के बाद से चल रहे इस घोटाले का पता कैसे लगाया. इस मामला में पहले दादर पुलिस ने केस दर्ज किया था , लेकिन बाद में इसे मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को सौंप दिया गया. शनिवार को EOW अधिकारियों ने हितेश मेहता के दहिसर स्थित घर की तलाशी ली और उसे गिरफ्तार कर लिया. अब पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि गबन किए गए पैसों का इस्तेमाल कहां और कैसे किया गया.गया.
कैसे हुआ खुलासा?
इंडिया टुडे के रिपोर्ट के अनुसार, 12 फरवरी को RBI के डिप्टी जनरल मैनेजर (DGM) रविंद्रन और संजय कुमार बैंक के प्रभादेवी मुख्यालय में ऑडिट करने पहुंचे. उसी समय, एक अन्य टीम ने गोरगांव शाखा में भी जांच शुरू की. इस दौरान बैंक के वरिष्ठ अधिकारी, जिनमें जनरल मैनेजर (GM), असिस्टेंट जनरल मैनेजर (AGM), और हेड ऑफ अकाउंट्स हितेश मेहता मौजूद थे. बैंक का सेफ (तिजोरी) तीसरी मंजिल पर था, जिसे कर्मचारी अतुल म्हात्रे से चाबियां लेकर खोला गया. घंटों की गिनती के बाद RBI अधिकारियों को पता चला कि रजिस्टर में दर्ज नकदी और हकीकत में मौजूद नकदी में भारी अंतर है.
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RBI ने दी सख्त चेतावनी
जांच के बाद, RBI अधिकारियों ने बैंक के वरिष्ठ कर्मचारियों को बुलाकर बताया कि 122 करोड़ रुपये नकद गायब है और गोरगांव शाखा में भी गड़बड़ी मिली है. RBI अधिकारियों ने चेतावनी दी कि अगर बैंक के अधिकारी गुमशुदा नकदी के बारे में जानकारी नहीं देंगे, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इस घोटाले कि शिकायत करने वाले शख्स ने इंडिया टुडे को बताया कि घोटाले की बात सामने आने से सभी कर्मचारी हैरान थे, RBI के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनसे कहा कि अगर हमने नकदी के ठिकाने के बारे में जानकारी नहीं दी, तो वे सभी मुश्किल में पड़ सकते हैं. अधिकारियों ने कर्मचारियों को कहा कि अगर उन्हें कुछ कहना है, तो ईमेल के जरिए भी संपर्क कर सकते हैं.
आरोपी ने कबूला गबन की बात
RBI अधिकारियों ने हितेश मेहता को अलग से बुलाकर पूछताछ की, जहां उसने स्वीकार किया कि उसने नकदी गबन की है. जब उससे पूछा गया कि पैसे कहां गए, तो उसने बताया कि उसने यह रकम अपने जान-पहचान के लोगों को दे दी और कोविड-19 महामारी के दौरान पैसों का गबन शुरू किया था.
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