23 से 25 डिग्री तापमान रखने से कितनी बचेगी बिजली, होटल से लेकर दफ्तर तक सरकार ने क्यों जारी किया गाइडलाइन
सरकार ने 3-स्टार होटल, मॉल, थिएटर और बड़े ऑफिसों के लिए AC का डिफॉल्ट तापमान 23–25 डिग्री सेल्सियस रखने की सलाह दी है. अभी अधिकतर जगहों पर 20 से 21°C पर AC चलता है जिससे बिजली की खपत बढ़ती है. ऐसे में आइए जानते हैं कि ये नियम किन पर लागू होता है, इससे कितना फायदा होगा और आम लोगों पर इसका क्या असर पड़ेगा.

Energy Saving Measures Government Advisory For AC: गर्मी बढ़ते ही एयर कंडीशनर हर जगह चलने लगते हैं. घरों से लेकर होटल, दफ्तर, मॉल और थिएटर तक. लेकिन इन्हीं AC की वजह से बिजली की खपत भी बहुत बढ़ जाती है. इसे कंट्रोल में लाने के लिए सरकार ने एक सलाह जारी की है. अब बड़े संस्थानों को कहा गया है कि वे अपने AC की डिफॉल्ट सेटिंग 23°C से 25°C के बीच रखें. इससे आराम भी बना रहेगा और बिजली की बचत भी होगी. ऐसे में आइए जानते हैं कि ये नियम किन पर लागू होता है, इससे कितना फायदा होगा और आम लोगों पर इसका क्या असर पड़ेगा.
क्या है सरकार की गाइडलाइन?
ऊर्जा मंत्रालय के तहत आने वाले ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) ने यह सलाह जारी की है. इसके मुताबिक, 3-स्टार या उससे ऊपर रेटिंग वाले होटल, बड़े कॉर्पोरेट ऑफिस, एयरपोर्ट, शॉपिंग मॉल, थिएटर और ऑडिटोरियम (जहां 500 से ज्यादा लोग बैठते हों) को एयर कंडीशनर का तापमान 23°C से 25°C के बीच बनाए रखना चाहिए.
क्यों जरूरी है तापमान ?
फिलहाल अधिकतर संस्थानों में कमरे का तापमान 20°C से 21°C तक रखा जाता है, जो न सिर्फ जरूरत से ज्यादा ठंडा होता है, बल्कि इससे बिजली की खपत भी काफी बढ़ जाती है. सरकार के अनुसार, अगर तापमान को थोड़ा बढ़ाकर 23 से 25°C के बीच रखा जाए, तो भी आराम का स्तर बना रहता है.
कितनी होगी बिजली की बचत?
BEE का अनुमान है कि अगर एयर कंडीशनर की डिफाल्ट सेटिंग सिर्फ 1°C बढ़ाई जाती है, तो लगभग 6 फीसदी बिजली की बचत हो सकती है. अगर यह तापमान 20°C से बढ़ाकर 24°C किया जाए, तो कुल ऊर्जा बचत 24 फीसदी तक पहुंच सकती है. इससे हर साल करीब 10 अरब यूनिट बिजली बचाई जा सकती है, जिससे सालाना 6,000 करोड़ रुपये तक की बचत संभव है.
फोकस में क्यों हैं 3-स्टार होटल?
बता दें सरकार ने शुरुआत में 3-स्टार और उससे ऊपर के होटलों को इस सलाह का पालन करने के लिए कहा है. इन होटलों को सिर्फ तापमान ही नहीं, बल्कि सही नमी और एयर फ्लो बनाए रखने की भी जिम्मेदारी दी गई है. इसके अलावा, होटल स्टाफ को यह ट्रेनिंग भी दिया जाएगा कि कैसे मेहमानों की सुविधा के साथ-साथ ऊर्जा की बचत की जाए.
क्या मेहमान अपनी सुविधा अनुसार तापमान बदल सकते हैं?
हां, मेहमानों को अपनी जरूरत के अनुसार तापमान बढ़ाने या घटाने की आज़ादी दी जा सकती है, लेकिन डिफ़ॉल्ट सेटिंग 23–25°C के बीच ही होनी चाहिए.
किस पर लागू होता है ये नियम?
यह गाइडलाइंस बड़े संस्थानों और भारी बिजली उपभोक्ताओं के लिए है. यह सलाह स्वैच्छिक रूप से एयरपोर्ट, मॉल, थिएटर और बड़े ऑफिसों के लिए है. किसी भी संस्था को अगर तय सीमा से बाहर तापमान बदलना है, तो इसके लिए उच्च प्रबंधन की अनुमति जरूरी होगी. हालांकि यह सिफारिश सिर्फ गर्मियों में लागू की गई है. सर्दियों के मौसम में इसे लागू नहीं किया जाएगा.
क्या है इसका मकसद?
सरकार का मुख्य उद्देश्य है देश की ऊर्जा खपत को घटाना, वह भी बिना लोगों के आराम से समझौता किए. एयर कंडीशनर की डायल को थोड़ा सा बदलने भर से देश की बिजली की खपत में बड़ा अंतर लाया जा सकता है.
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