फर्जी पुलिसवाला बनकर ऐसे करते थे लोगों से ठगी, केरल पुलिस ने किया रैकेट का भंडाफोड़; ऐसे रखें खुद को सेफ
टेक्नोलॉजी के बढ़ने के साथ-साथ साइबर क्राइम की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. कई लोग अभी भी ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं. हाल ही में केरल के अलुवा में एक ऐसा मामला सामने आया. इसमें कुछ ठगों ने एक युवक को फंसाने की कोशिश की. उन्होंने खुद को मुंबई पुलिस का अफसर बताया.

Cyber Crime: टेक्नोलॉजी के बढ़ने के साथ-साथ साइबर क्राइम की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. कई लोग अभी भी ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं. हाल ही में केरल के अलुवा में एक ऐसा मामला सामने आया. इसमें कुछ ठगों ने एक युवक को फंसाने की कोशिश की. उन्होंने खुद को मुंबई पुलिस का अफसर बताया. 27 जून को अलुवा के एक युवक को बार-बार एक अनजान नंबर से फोन आने लगे. फोन करने वाले ने कहा कि वह मुंबई पुलिस से है और युवक के आधार नंबर से दो वेबसाइट बनाई गई हैं, जो गैरकानूनी कामों में शामिल हैं.
ड्रग तस्करी के मामले में गिरफ्तार करने की दी धमकी
युवक ने कहा कि उसे इन वेबसाइट्स के बारे में कुछ नहीं पता. फिर भी, कॉलर ने धमकी दी कि वह ड्रग तस्करी के मामले में गिरफ्तार हो सकता है. उसने यह भी कहा कि शायद किसी ने युवक का आधार गलत इस्तेमाल किया है. उसने युवक को अपने आधार और बैंक डिटेल्स की जांच के लिए ‘साइबरक्राइम डिवीजन’ के साथ वीडियो कॉल करने को कहा. युवक घबराकर अलुवा साइबर पुलिस स्टेशन पहुंचा. तभी ठग का फिर से फोन आया. इस बार पुलिस अफसर ने खुद को युवक बताकर फोन उठाया.
केरल पुलिस ने किया भंडाफोड़
ठग ने फिर से गिरफ्तारी की धमकी दी. जब अफसर ने उससे उसका नाम, बैज नंबर और पुलिस स्टेशन का पता पूछा तो वह घबरा गया. उसने एक ऐसा पुलिस स्टेशन का नाम बताया जो असल में है ही नहीं. उसने यह भी कहा कि वह ‘बाहर’ है और वीडियो कॉल किसी बंद कमरे से करनी होगी. अफसर ने वीडियो कॉल के लिए हां कर दी, लेकिन जब उसने और सवाल पूछे, तो ठग घबरा गया और फोन काट दिया.
जांच में पता चला कि ठग ने फर्जी आईडी से लिया हुआ सिम इस्तेमाल किया था. युवक को आश्वासन दिया गया कि उसका आधार सुरक्षित है. पुलिस ने बताया कि ऐसे ठग अक्सर उत्तर भारत या विदेशों जैसे कंबोडिया और लाओस से काम करते हैं. वे फर्जी सिम और बैंक खातों का इस्तेमाल करते हैं.
ऐसे रखें खुद को सेफ
- अगर कोई फोन या मैसेज पर धमकी दे शांत रहें। तुरंत पुलिस से संपर्क करें.
- कोई खुद को पुलिस या सरकारी अधिकारी बताए, तो उसका नाम, बैज नंबर, और कार्यालय का पता पूछें.
- आधार, बैंक खाता, या पासवर्ड जैसी निजी जानकारी कभी फोन या वीडियो कॉल पर न साझा करें.
- साइबर ठगी के नए तरीकों की जानकारी रखें. पुलिस और सोशल मीडिया पर दी जाने वाली चेतावनियों को पढ़ें.
- संदिग्ध कॉल या मैसेज मिले, तो तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन जाएं या साइबर सेल को सूचित करें.
- अपने परिवार और दोस्तों को साइबर ठगी के बारे में जागरूक करें ताकि वे भी सतर्क रहें.
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