TATA ने चंद्रशेखरन के लिए बदल दिया इतिहास, चेयरमैन की उम्र का तोड़ा नियम, जानें क्यों किया ऐसा

टाटा समूह ने अपने चेयरमैन एन चंद्रशेखरन को उनके रिटायरमेंट की आयु 65 वर्ष पूरी होने के बाद भी तीसरा कार्यकाल देने का फैसला किया है. यह निर्णय समूह की रिटायरमेंट पॉलिसी से हटकर है. उन्हें यह विस्तार सेमीकंडक्टर, एवी बैटरी और एयर इंडिया जैसे प्रमुख प्रोजेक्ट्स में निरंतरता बनाए रखने के लिए दिया गया है.

Tata Chairman Natarajan Chandrasekaran Image Credit: Canva/ Money9

Tata Chairman Natarajan Chandrasekaran: टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन (Natarajan Chandrasekaran) को टाटा ट्रस्ट ने तीसरा कार्यकाल देने का फैसला किया है. यह पहली बार है जब टाटा समूह ने अपने रिटायरमेंट नियम को तोड़ा है. चंद्रशेखरन फरवरी 2027 में अपनी दूसरी पारी खत्म होने पर 65 साल के होंगे. ग्रुप के नियम के अनुसार, 65 साल की उम्र में कार्यकारी भूमिका छोड़नी होती है, लेकिन वे 70 साल तक गैर-कार्यकारी यानी नॉन-एग्जीक्यूटिव भूमिका में रह सकते हैं.

क्यों मिला तीसरा कार्यकाल?

टाटा ट्रस्ट्स ने चंद्रशेखरन को तीसरा कार्यकाल देने का फैसला इसलिए किया ताकि सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी और एयर इंडिया जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स को पूरा करने में निरंतरता बनी रहे. ET की एक रिपोर्ट के अनुसार, टाटा ट्रस्ट्स की बैठक में 11 सितंबर को नोएल टाटा और वेणु श्रीनिवासन ने यह प्रस्ताव रखा, जिसे सभी ने मंजूरी दी. टाटा समूह के नियमों के अनुसार, नया कार्यकाल खत्म होने से एक साल पहले मंजूर किया जाता है. इसलिए, फरवरी 2026 में टाटा ट्रस्ट्स इस फैसले को अंतिम रूप देगा. टाटा ट्रस्ट्स के पास टाटा सन्स की 66 फीसदी हिस्सेदारी है, जो टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी है.

ग्रुप में कुछ लोग इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि टाटा सन्स को निजी कंपनी रहना चाहिए या नहीं. जुलाई में यह फैसला हुआ था कि टाटा सन्स प्राइवेट ही रहेगी, लेकिन अब कुछ ट्रस्टी इस पर फिर से विचार कर रहे हैं. ऐसे में चंद्रशेखरन का नेतृत्व और महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

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चंद्रशेखरन क्यों है अहम ?

चंद्रशेखरन 2017 से टाटा सन्स के चेयरमैन हैं. उनके नेतृत्व में टाटा समूह की आय दोगुनी और मुनाफा तीन गुना हुआ है. पिछले पांच सालों में समूह ने 5.5 लाख करोड़ रुपये खर्च किए. वित्त वर्ष 2025 में टाटा समूह की कुल आय 15.34 लाख करोड़ रुपये और मुनाफा 1.13 लाख करोड़ रुपये रहा. हालांकि, पिछले एक साल में समूह का मार्केट वैल्यू 6.9 लाख करोड़ रुपये कम होकर 26.5 लाख करोड़ रुपये रह गया, क्योंकि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के शेयर पिछले एक साल में 27 फीसदी गिर गए.

इन सेक्टर में भी हाथ आजमा रही कंपनी

चंद्रशेखरन के नेतृत्व में टाटा समूह ने कई नए बिजनेस शुरू किए. टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग शुरू की. टाटा डिजिटल ने टाटा न्यू ऐप, क्रोमा, बिगबास्केट, टाटा 1एमजी और टाटा क्लिक जैसे प्लेटफॉर्म बनाए. एयर इंडिया 69 साल बाद फिर से टाटा समूह में वापस आई. विस्तारा और एयरएशिया इंडिया का एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस में विलय हुआ. इसके अलावा, टाटा समूह ने तेजस नेटवर्क्स खरीदा और भारत और UK में बैटरी फैक्ट्रियां शुरू कीं.