भारत के पास कितने दिनों का राशन और पेट्रोल-डीजल, लड़ाई खिंची तो भी नहीं रहेगी टेंशन
भारत-पाक युद्ध की आशंका के बीच भारत के पास आवश्यक संसाधनों का पर्याप्त भंडार है. देश में 74 दिन का तेल रिजर्व, 332.22 मिलियन टन अनाज उत्पादन और लगभग 100% घरों में एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध हैं. सरकार ने स्पष्ट किया है कि राशन, पानी और ऊर्जा संसाधनों की कोई कमी नहीं है. जनता से अफवाहों से बचने और कालाबाजारी न करने की अपील की गई है.

India Pakistan conflict: कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से पैदा हुए माहौल ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसी स्थिति पैदा कर दी है. दोनों देश एक-दूसरे पर वार-पलटवार कर रहे हैं. वर्तमान स्थिति को देखते हुए दोनों देशों के बीच किसी बड़े युद्ध से इनकार नहीं किया जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो क्या भारत इस स्थिति में है कि वह कोई बड़ा युद्ध अफोर्ड कर सकता है? इस तरह की आशंका हर भारतीय के मन में है. और इसकी वजह से बहुत से लोग जरूरी सामानों की होर्डिंग भी करने लगे हैं. लेकिन आपको घबड़ाने की जरूरत नहीं है. भारत के पास पर्याप्त भंडार है और किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है.
इसी को देखते हुए आज 8 मई को इंडियन ऑयल ने एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए बताया कि देश के पास तेल की कोई कमी नहीं है. तेल के अलावा भी कई चीजें हैं जो युद्ध के समय जरूरी होती हैं. तो आइए जानते हैं युद्ध की स्थिति में भारत के पास कौन से संसाधन कितने दिन के लिए रिजर्व हैं.
कितने दिन का तेल है उपलब्ध
मिनिस्ट्री ऑफ पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस के मुताबिक, देश में तेल का स्ट्रैटेजिक रिजर्व 5.33 मिलियन मैट्रिक टन है. इन रिजर्व की देखरेख की जिम्मेदारी सरकार ने ‘इंडियन स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड’ को दी है. इसे देश के तीन जगहों विशाखापत्तनम, मंगलुरु और पाडूर में रखा गया है. इस स्ट्रैटेजिक रिजर्व के अलावा ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के पास भी 64.5 दिनों का तेल है. दोनों को मिलाकर देश के पास 74-75 दिन का स्ट्रैटेजिक ऑयल रिजर्व है, यानी अगर युद्ध होता है और तेल का आयात बंद हो जाता है, तो भी 74-75 दिन का तेल उपलब्ध रहेगा.
कितने दिन का राशन उपलब्ध
अनाज को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया है कि देश में राशन-पानी की कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि लोगों को किसी भी अफवाह से बचने की जरूरत है और किसी भी तरह की कालाबाजारी न करें. जोशी ने बताया कि देश के पास पर्याप्त मात्रा में अनाज उपलब्ध है. भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 2023-24 में देश में कुल 332.22 मिलियन टन अनाज का उत्पादन हुआ. इसमें चावल 137.82 मिलियन टन और दलहन 113.29 मिलियन टन था. भारत अनाज के मामले में अपनी खपत से ज्यादा उत्पादन करता है, इसलिए युद्ध के समय भी देश में इसकी कमी नहीं होगी. भारत की क्षमता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह कोविड-19 के समय से ही देश की 80 करोड़ आबादी को फ्री में अनाज उपलब्ध करा रहा है. ऐसे में किसी तरह की चीजों की कमी नहीं होने वाली है.
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कितने दिन का एलपीजी उपलब्ध
देश में जून 2024 तक कुल 121 बॉटलिंग प्लांट थे. भारत एलपीजी गैस का आयात अरब देशों से करता है, इसके अलावा देश में इसका उत्पादन भी होता है. 2014 के आंकड़ों के मुताबिक देश के 55.9 फीसदी लोगों के पास इसका कनेक्शन था, जो कि 2024 तक बढ़कर लगभग 100 फीसदी हो गया है.
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