बिटकॉइन पर बढ़ा भरोसा, इंस्टीट्यूशनल बायर्स के साथ पेंशन फंड भी कर रहे निवेश, जानें आपको क्या फायदा?

पेंशन फंड्स को हमेशा से पारंपरिक तरीकों में निवेश करने के लिए जाना जाता है. पेंशन फंड्स का मकसद न्यूनतम रिस्क के साथ स्थिर रिटर्न अर्जित करना होता है. इसके लिए वे हमेशा आजमाये हुए तरीकों में ही निवेश करते हैं. लेकिन, अब एक बड़ा रणनीतिक बदलाव देखने को मिल रहा है. दुनिया के कई बड़े पेंशन फंड बिटकॉइन में भी निवेश कर रहे हैं. एक रिटेल निवेशक के तौर पर आपको इसका क्या फायदा हो सकता है?

पेंशन फंड भी बिटकॉइन में निवेश करने लगे हैं Image Credit: money9live

Pension Fund Investment in Bitcoin: क्रिप्टोकरेंसी फिलहाल दो धड़ों में बंटा है, जहां एक तरफ बिटकॉइन है और दूसरी तरफ सारी क्रिप्टोकरेंसी. फिलहाल, क्रिप्टोकरेंसी का कुल मार्केट कैप 3 ट्रिलियन डॉलर के करीब है. इसमें से 2 ट्रिलियन डॉलर की हिस्सेदारी बिटकॉइन की है. बिटकॉइन में ब्लैकरॉक और वेनगार्ड जैसी फर्मों के निवेश के बाद अब कई बड़े पेंशन फंड भी बिटकॉइन में निवेश कर रहे हैं.

किसकी सलाह पर किया निवेश

अमेरिका के सबसे बड़े पेंशन फंड्स में से एक विस्कॉन्सिन स्टेट पेंशन फंड ने हाल ही में यूके की कंसल्टेंसी फर्म कार्टराइट की सलाह पर यूएस के रेगुलेटेड स्पॉट बिटकॉइन ETF में निवेश का ऐलान किया है. फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक विस्कॉन्सिन रिटायरमेंट फंड ने ब्लैकरॉक के आईशेयर्स बिटकॉइन ट्रस्ट और ग्रेस्केल बिटकॉइन ट्रस्ट में लगभग 16.2 करोड़ डॉलर का निवेश किया है. इसके अलावा सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक मिशिगन स्टेट रिटायरमेंट फंड ने ARK 21शेयर्स बिटकॉइन ETF में 66 लाख डॉलर का निवेश किया है. इसके अलावा वर्जीनिया के फेयरफैक्स काउंटी रिटायरमेंट पेंशन फंड ने मॉर्गन क्रीक डिजिटल के ब्लॉकचेन फंड में 2.1 करोड़ डॉलर का निवेश किया है. फ्लोरिडा स्टेट बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन ने भी बिटकॉइन में 11.9 करोड़ डॉलर का निवेश किया है.

किन देशों के पेंशन फंड ने किया निवेश?

अमेरिका क अलावा ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और जापान जैसे देशों ने भी पेंशन फंड में निवेश किया है. फर्स्ट यूके पेंशन फंड ने अपने कुल फंड का 3 फीसदी आवंटित किया है. इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के AMP Super फंड ने अपने कुल पोर्टफोलियो को 15 फीसदी हिस्सा बिटकॉइन में निवेश किया है. इसके अलावा साउथ कोरिया के नेशनल पेंशन फंड ने 3.37 करोड़ डॉलर बिटकॉइन में निवेश किए हैं. वहीं, नॉर्वे सरकार के पेंशन फंड ने भी हाल में ही 2,400 बिटकॉइन खरीदे हैं.

पेंशन फंड के निवेश से क्या होगा?

पेंशन फंड असल में म्यूचुअल फंड और इंस्टीट्यूशनल फंड्स की तरह भारी-भरकम होते हैं. ये जिस भी एसेट में निवेश करते हैं उस एसेट में रिटेल निवेशकों का भरोसा बढ़ जाता है. इस लिहाज से Bitcoin अब एक ऐसे क्रिप्टो एसेट में तब्दील हो रहा है, जिसमें सबसे रूढ़ीवादी निवेशक भी भरोसा जता रहे हैं.

रिटेल निवेशकों को क्या फायदा?

बिटकॉइन में अभी भारी वोलैटिलिटी बनी रहती है. लेकिन, पेंशन फंड्स के इसमें निवेश करने से स्थिरता आएगी, जिसका लाभ लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर्स को मिलेगा. इसके अलावा बिटकॉइन को वैलिडेशन भी मिलेगा, जिससे दुनिया में ज्यादा देश और ज्यादा जगहों पर बिटकॉइन को स्वीकार किया जाएगा.