पंखा-बल्ब बेचते थे Polycab के ठाकुरदास, आज 100000 करोड़ का साम्राज्य, कंपनी बिड़ला-अडानी को देती है टक्कर

केबल और वायर बनाने वाली कंपनी पॉलिकैब आज इस इंडस्‍ट्री की दिग्‍गज कंपनियों में से एक है, जो अडानी, बिड़ला समेत, हैवल्‍स, केई आदि को टक्‍कर देती है. इसके शेयरों ने भी लंबे समय में निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है. अब ये कंपनी 1 लाख करोड़ का साम्राज्‍य बना चुकी है, तो कैसे हुई कंपनी की शुरुआत, किसने रखी नींव जानें पूरी डिटेल.

polycab ने केबल इंडस्‍ट्री में गाड़े झंडे़ Image Credit: money9

Polycab Share Price: केबल मार्केट में तहलका मचाने वाली देश की प्रमुख वायर और केबल कंपनी पॉलिकैब इंडिया दोबारा सुर्खियों में है. दरअसल कंपनी का बिजनेस अब 1 लाख करोड़ के पार पहुंच गया है. 61 साल पहले एक मामूली-सी इलेक्ट्रिकल दुकान से शुरू होने वाली पॉलिकैब आज देश में अपनी पहचान बना चुकी है. अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी के मुनाफे में सालाना आधार पर करीब 50% की बढ़ोतरी और आय में 26 फीसदी का इजाफा कंपनी के मजबूत वित्‍तीय प्रदर्शन को दर्शाता है. तो आखिर कैसे एक छोटी-सी कंपनी ने केबल इंडस्‍ट्री में बजाया अपना डंका, आज हम आपको इसी के बारे में बताएंगे.

छोटी-सी इलेक्ट्रिकल स्‍टोर से हुई थी शुरुआत

पॉलिकैब इंडिया की नींव साल 1964 में ठाकुरदास जयसिंघानी ने मुंबई में एक छोटी-सी इलेक्ट्रिकल स्‍टोर के रूप में डाली थी. बंटवारे के बाद पाकिस्‍तान से आए ठाकुरदास शुरुआती दाैर में पंखे, लाइटिंग स्विच और तार बेचते थे. साल 1975 में उनके परिवार ने इस बिजनेस को आगे बढ़ाया और मुंबई के अंधेरी में केबल और वायर बनाने के लिए जमीन खरीदी थी. कंपनी ने रफ्तार साल 1983 में पकड़ी, जबकि ठाकुरदास के बेटे इंदर टी जयसिंघानी ने गुजरात के हलोल में बड़े पैमाने पर मैन्‍यूफैक्‍चरिंग के लिए एक कंपनी शुरू की, जिसे पॉलीकैब नाम दिया गया.

शुरुआती दौर में कंपनी ने पीवीसी इंसुलेटेड वायर्स और केबल्‍स बनाएं, बाद में व्‍यापार बढ़ने पर 1996 में कंपनी पॉलिकैब वायर्स प्राइवेट लिमिटेड के तौर पर उभरी. धीरे-धीरे कंपनी ने एलईडी लाइटिंग और स्विच जैसे प्रोड्क्‍ट्स बनाने शुरू किए. 2019 में कंपनी IPO लेकर आई, जिसका मार्केट कैप अब बढ़कर 1.04 लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा का हो गया है.

ग्रोथ की रफ्तार

  • पॉलिकैब इंडिया की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही. अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी का सालाना आधार पर मुनाफा 49.5% बढ़कर 592 करोड़ रुपये हो गया, वहीं आय भी 26% बढ़कर 5,906 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.
  • 2024-25 में कंपनी ने कंसॉलिडेटेड तिमाही आधार पर भी बेहतर शानदार प्रदर्शन किया. नेट सेल्स में 22.408 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ, जिसमें डिस्ट्रीब्यूशन 4,300 ऑथराइज्‍ड डीलर और 2 लाख रिटेल दुकानों तक फैला हुआ है.
  • कंपनी के वायर और केबल बिजनेस से कंपनी की आय जून तिमाही में सालान आधार पर 31 फीसदी बढ़कर 5229 करोड़ रुपये पहुंच गई, जबकि एबिटा मार्जिन भी 2.10% से बढ़कर 14.5% हो गया है.

कितने प्‍लांट्स और वेयरहाउस?

कंपनी ने 27 प्लांट, 15 ऑफिस और 34 वेयरहाउस के साथ 84 से अधिक देशों में उत्पादन और निर्यात का विस्तार किया.

केबल और वायर सेक्‍टर की बढ़ रही डिमांड

सोलर, इलेक्ट्रॉनिक्स, डिफेंस, इन्फ्रा, रियल एस्टेट जैसे कई सेक्टरों में केबल और वायर की जरूरत पड़ती है. देश में यह सेक्टर 12 फीसदी CAGR से ग्रोथ कर रहा है. वहीं, पिछले पांच साल में भारत से इसका एक्सपोर्ट 16 फीसदी CAGR से बढ़ा है. ऐसे में पता चलता है कि भारतीय कंपनियों की इस सेक्टर में ग्लोबल पोजिशनिंग बेहतर हुई है, जिसका फायदा भारतीय कंपनियों को मिल रहा है.

ये हैं केबल इंडस्‍ट्री के दिग्‍गज खिलाड़ी

  • भारत में केबल एंड वायर इंडस्‍ट्री में पॉलिकैब एक बड़ा नाम है, ये फिनोलेक्स, हवेल्स और केई इंडस्ट्रीज जैसी कई कंपनियों के साथ प्रतिस्‍पर्धा करता है. ये कंपनियां भारतीय तार और केबल इंडस्‍ट्री के लीडर के तौर पर जाने जाते हैं.
  • हाल ही में अडानी ग्रुप ने इस इंडस्‍ट्री में एंट्री ली है, इसके लिए उसने प्रणीथा इकोकेबल्स लिमिटेड के साथ हाथ मिलाया है, जिसमें इसकी सहायक कंपनी कच्छ कॉपर लिमिटेड की 50% हिस्सेदारी है.
  • इसके अलावा बिडला ग्रुप भी केबल एंड वायर इंडस्‍ट्री में अपनी पकड़ मजबूत करने की ओर बढ़ रही है.

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शेयरों ने दिया जबरदस्‍त रिटर्न

पॉलिकैब इंडिया के शेयर 21 जुलाई को 1.73% बढ़त के साथ 7046 रुपये पर कारोबार करते नजर आए. पिछले एक महीने में इसमें 17 फीसदी से ज्‍यादा की बढ़त देखने को मिली है. वहीं 3 साल में इसने 219 फीसदी और 5 साल में 731 फीसदी से ज्‍यादा का जबरदस्‍त रिटर्न दिया है.