कहां से लाखों करोड़ कमाता है RBI, ना डिपॉजिट लेता है ना लोन देता है; जानें कमाई का राज
RBI का मुख्य उद्देश्य मुनाफा कमाना नहीं है, लेकिन वह कई गतिविधियों से आय प्राप्त करता है जैसे बैंकों को लोन देना, विदेशी मुद्रा लेनदेन, और नोट छापना. इनसे होने वाली आय का एक हिस्सा वह केंद्र सरकार को ट्रांसफर करता है. 2023-24 में RBI ने 2.1 लाख करोड़ रुपया और 2024-25 में रिकॉर्ड 2.7 लाख करोड़ रुपया सरकार को दिए.
RBI Profit: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी RBI , जिसे ‘बैंकर ऑफ बैंक’ के नाम से भी जाना जाता है, देश के सभी बैंकों को रेगुलेट करने और महंगाई को कंट्रोल करने का काम करता है. इसके अलावा RBI कई और कार्य भी करता है, जिससे उसे अच्छा-खासा मुनाफा होता है. हालांकि, इस बैंक का मुख्य उद्देश्य मुनाफा कमाना नहीं है. इसलिए जो भी लाभ RBI को होता है, उसे वह केंद्र सरकार को ट्रांसफर कर देता है. RBI कैसे कमाई करता है, इस बारे में कम लोग जानते हैं. आइए जानते हैं कि देश का सबसे बड़ा बैंक अपनी कमाई कैसे और किन स्रोतों से करता है.
कैसे पैसा कमाता है RBI?
RBI की कमाई मुख्य रूप से विदेशी करेंसी मैनेजमेंट , बैंकों को लोन देने और करेंसी छापने से होती है. जब RBI करेंसी मार्केट में हस्तक्षेप करता है, यानी डॉलर खरीदता या बेचता है, तो उसे लाभ होता है. जैसे ही रुपया कमजोर होता है और RBI डॉलर बेचता है, उसे मुनाफा होता है. दूसरा बड़ा स्रोत बैंकों को दिए गए लोन पर मिलने वाला ब्याज है. सभी बैंक RBI से लोन लेते हैं. इसके अतिरिक्त, RBI नोट भी छापता है, जिससे उसे लाभ होता है क्योंकि नोट छापने की लागत उसकी वास्तविक कीमत से कम होती है. इस प्रक्रिया को सीन्योरज (Seigniorage) कहा जाता है.
RBI इन पैसों का क्या करता है?
RBI जो मुनाफा कमाता है, उसका एक हिस्सा अपने पास रखता है और शेष सरकार को देता है. पैसों का यह बंटवारा नियमानुसार किया जाता है. वर्ष 2019 में सरकार ने इसके लिए विमल जालान समिति गठित की थी, जिसके अनुसार RBI को अपनी बैलेंस शीट का 5.5 फीसदी से 6.5 फीसदी तक Contingency Risk Buffer (CRB) के रूप में बनाए रखना होता है. यदि CRB इस सीमा से अधिक हो जाता है, तो अतिरिक्त राशि सरकार को ट्रांसफर की जाती है. वर्ष 2023-24 में RBI ने CRB को 5.5 फीसदी पर रखते हुए 2.1 लाख करोड़ रुपया सरकार को ट्रांसफर किए थे.
इस साल रिकॉर्ड डिविडेंड
इस साल RBI ने सरकार को 2.7 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड डिविडेंड दिया है, जिससे बाजार को उम्मीद है कि सरकार की उधारी घटेगी. जब सरकार कम कर्ज लेती है, तो ब्याज दरें गिर सकती हैं, जिससे पुराने बांड (जो अधिक ब्याज देते हैं) की कीमतें बढ़ जाती हैं. इस बार RBI को विदेशी मुद्रा लेनदेन, विदेशी निवेश पर रिटर्न और लिक्विडिटी ऑपरेशन से अधिक आय हुई है. हालांकि RBI ने इस बार CRB को 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 7.5 फीसदी कर दिया है, जिसका मतलब है कि वह चाहता तो ज्यादा राशि अपने पास रख सकता था, लेकिन उसने सरकार को अधिक ट्रांसफर करने का फैसला लिया.
RBI द्वारा सरकार को लाभांश (डिविडेंड) का डिटेल
वित्त वर्ष (FY) | सरकार को RBI का लाभांश (करोड़ रुपये में) |
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FY20 | ₹57,100 करोड़ |
FY21 | ₹99,100 करोड़ |
FY22 | ₹30,300 करोड़ |
FY23 | ₹87,400 करोड़ |
FY24 | ₹2.1 लाख करोड़ |
FY25 | ₹2.7 लाख करोड़ |
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क्या RBI प्रॉफिट कंट्रोल कर सकता है?
RBI केवल तब बाजार में हस्तक्षेप करता है जब आवश्यक होता है, इसलिए लाभ कमाना उसका प्राथमिक उद्देश्य नहीं है. आमतौर पर आर्थिक अस्थिरता के समय RBI की गतिविधियां बढ़ती हैं, जिससे उसकी आय भी बढ़ सकती है. जबकि स्थिर समय में उसकी आय कम हो जाती है.