GST में कटौती संभव, कई स्लैब भी किए जा सकते हैं मर्ज; वित्त मंत्री ने संसद में दिया बयान
मौजूदा वक्त में GST के लिए 4टीयर टैक्स स्ट्रक्चर है, जिसके तहत अलग-अलग वस्तुओं पर 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी की दरें लगती हैं. खास कर लग्जरी आइटम्स पर सबसे अधिक 28 प्रतिशत की दर से GST लगता है. वहीं, पैक्ड फूड आइटम्स और रोजमर्रा के सामानों पर सबसे कम 5 प्रतिशत की GST दरें लागू होती हैं.

Budget 2025 में मीडिल क्लास पर राहतों की बौछार करने के बाद अब सरकार GST में बड़े बदलाव कर कारोबारियों के बड़े वर्ग को साधने की तैयारी में दिख रही है. 12 लाख रुपये तक की कमाई पर टैक्स छूट से सरकार को मांग और खपत बढ़ने की उम्मीद है. इसी उम्मीद के आधार पर सरकार गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) में छूट दे सकती है. जल्द ही इस संबंध में कोई बड़ा फैसला हो सकता है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खुद GST में छूट को लेकर स्पष्ट संकेत दिया है. उनके संकेतों से साफ लग रहा है कि सरकार जल्द ही GST दरों में कटौती करने के लिए बड़ा कदम उठा सकती है. इसके साथ ही कई स्लैब भी मर्ज किए जा सकते हैं. अगर ऐसा होता है, तो कारोबार से जुड़े लाखों लोगों को सीधा फायदा होगा. हालांकि, सरकार यह भी चाहती है कि GST में छूट या स्लैब में बदलाव का फायदा आम लोगों को भी मिले. हालांकि, इसके संबंध में सरकार क्या करेगी यह साफ नहीं है.
दरअसल, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में कहा कि GST काउंसिल दरों के स्लैब को तर्कसंगत बनाने पर काम कर रही है. उन्होंने एक सावल का जवाब देते हुए राज्यसभा में कहा कि जीएसटी काउंसिल हर एक आइटम पर विस्तार से चर्चा कर रही है, ताकि यह तय किया जा सके कि किन आइटम्स पर दरों में कटौती की जा सकती है. यानी सरकार जीएसटी की दरों को कम करने और इसे सरल बनाने के लिए कई विकल्पों पर विचार कर रही है.
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21 दिसंबर, 2024 को हुई बैठक
उन्होंने कहा कि हर राज्य का हर वित्त मंत्री अपनी पूरी कोशिश कर रहा है, ताकि जीएसटी सरल हो सके और अनुपालन में आने वाली समस्याओं को कम किया जा सके. जीएसटी काउंसिल की पिछली बैठक 21 दिसंबर, 2024 को हुई थी. तब राज्य वित्त मंत्रियों के पैनल ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए थे. जैसे 1904 के तहत क्लासिफाइ्ड फोर्टिफाइड राइस कर्नेल (FRK) पर GST घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया. इसके अलाव जीन थेरेपी और वाउचर लेनदेन को GST से छूट दी गई. साथ ही लेंडर्स द्वारा लगाए गए और वसूले गए ‘पेनल चार्जेज’ पर अब कोई GST नहीं है.
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार की कोशिश से जीएसटी दरों में कमी की गई है और औसत जीएसटी दर 15.8 प्रतिशत से घटकर 11.3 प्रतिशत हो गई है. उन्होंने कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 279ए (4) के अनुसार, जीएसटी परिषद संघ और राज्यों को GST के बैंड के साथ न्यूनतम दरों सहित दरों पर सिफारिशें करेगी. उन्होंने कहा कि इस प्रकार, जीएसटी दरों को सरकार द्वारा जीएसटी काउंसिल की सिफारिशों के आधार पर अधिसूचित किया जाता है, जिसमें केंद्र और राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं.
GST के लिए 4टीयर टैक्स स्ट्रक्चर
मौजूदा वक्त में GST के लिए 4टीयर टैक्स स्ट्रक्चर है, जिसके तहत अलग-अलग वस्तुओं पर 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी की दरें लगती हैं. खास कर लक्जरी आइटम्स पर सबसे अधिक 28 प्रतिशत की दर से GST लगता है. वहीं, पैक्ड फूड आइटम्स और रोजमर्रा के सामानों पर सबसे कम 5 प्रतिशत की GST दरें लागू होती हैं.
वहीं, बीते दिनों बिजनेस टुडे के एक प्रोग्राम में वित्त मंत्री कहा था कि GST काउंसिल ने एक मंत्री समूह का गठन किया है, ताकि जीएसटी दरों में बदलाव और स्लैब को कम करने के लिए सुझाव दिए जा सकें. वित्त मंत्री ने कहा था कि जीएसटी दरों को तर्कसंगत और सरल बनाने का काम लगभग तीन साल पहले शुरू हुआ था और अब यह काम लगभग पूरा हो गया है.
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बैठक में लिए गए कई फैसले
वित्त मंत्री ने कहा कि था कि GST काउंसिल की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, जिनमें जीएसटी दरों में बदलाव और स्लैब को कम करना शामिल है. इसके अलावा, जीएसटी काउंसिल ने कई वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों को कम करने का निर्णय लिया है, जिनमें स्वास्थ्य सेवाएं, फूड आइटम्स और अन्य आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं.
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