पाकिस्तान से अंबानी-अडानी को खतरा! भारत सरकार ने जारी किया हाई अलर्ट; इन जगहों पर हो सकता है बड़ा हमला

केंद्र सरकार ने गुजरात में रिलायंस की तेल रिफाइनरी और कच्छ में दुनिया के सबसे बड़े सोलर पावर पार्क की सुरक्षा बढ़ा दी है, जो पाकिस्तानी सीमा के पास स्थित हैं. इन प्रोजेक्ट्स में अडानी ग्रीन, रिलायंस, NTPC और अन्य कंपनियां शामिल हैं.

रिलायंस जामनगर समेत कई एनर्जी कंपनियां अलर्ट पर Image Credit: Money9live/Canva

RIL Global Refinery at Risk: गुजरात के जामनगर में स्थित रिलायंस की तेल रिफाइनरी पर खतरा बढ़ गया है जिसके बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तानी सीमा के पास एनर्जी सेक्टर की कंपनियों की सुरक्षा बढ़ा दी है. इनमें खावड़ा में बनाया जा रहा दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पावर पार्क भी शामिल है जिसमें एक बड़ा हिस्सा अडानी ग्रीन का है और जामनगर में स्थित दुनिया की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी भी शामिल हैं.

NTPC और अन्य कंपनियां भी अलर्ट पर!

मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, खावड़ा रिन्यूएबल एनर्जी पार्क और जामनगर रिफाइनरी जैसे एनर्जी प्रोजेक्ट्स की सुरक्षा पहले से ही हाई अलर्ट पर थी और अब इसे और सख्त कर दिया गया है. खावड़ा प्रोजेक्ट को दुनिया का सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी पार्क कहा जा रहा है, जिसकी कुल क्षमता 45 गीगावाट है. इसमें सबसे बड़ा हिस्सा अडानी ग्रीन का है, जो 30 गीगावाट का प्लांट विकसित कर रहा है. इसके अलावा NTPC और गुजरात इंडस्ट्रीज पावर कंपनी भी इस प्रोजेक्ट में शामिल हैं. ये पार्क कच्छ जिले में भारत-पाक सीमा से महज 1 किलोमीटर दूर है और इसकी निगरानी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) करती है.

जामनगर में स्थित रिफाइनरी भी हाई अलर्ट पर है क्योंकि वहां एयरबेस है और वह इलाका आम फ्लाइट के लिए नो-फ्लाई जोन है. ये रिफाइनरी रिलायंस इंडस्ट्रीज की है और दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी मानी जाती है, जो रोजाना 14 लाख बैरल तेल प्रोसेस करने की क्षमता रखती है.

कैसी सुरक्षा चाहिए?

रिपोर्ट के मुताबिक, हर्टेक ग्रुप के सीईओ सिमरप्रीत सिंह का कहना है कि रिन्यूएबल एनर्जी रिसोर्सेस की सुरक्षा के लिए कई स्तरों पर ठोस रणनीति चाहिए, इसमें:

  • फिजिकल सुरक्षा जैसे चारदीवारी
  • निगरानी
  • स्टाफ
  • साइबर सुरक्षा चाहिए

साथ ही उन्होंने कहा कि रिस्पॉन्स टाइम को कम रखना, बीमा पॉलिसियों से आर्थिक जोखिम को मैनेज करना और नियमित सेफ्टी ड्रिल्स भी जरूरी हैं. उनका मानना है कि सिर्फ बिजली की सप्लाई ही नहीं, बल्कि मजबूत बुनियादी ढांचे की भी जरूरत है.

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हाई अलर्ट की वजह

दरअसल जामनगर, नलिया और भुज, ये इन तीनों वायुसेना अड्डों के 50 किलोमीटर के दायरे में हैं और यह इलाके पूरी तरह हाई अलर्ट पर है. इसके अलावा जामनगर एयरपोर्ट समेत देश के 24 एयरपोर्ट 9 मई तक बंद कर दिए गए हैं.