शांतनु नायडू Tata Motors में बनें GM, जानें इस पोस्ट पर कितनी मिलती है सैलरी
टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा के सबसे युवा दोस्त शांतनु नायडू को टाटा मोटर्स में बड़ी जिम्मेदारी मिली है. उन्हें जनरल मैनेजर और हेड ऑफ स्ट्रैटेजिक इनिशिएटिव्स नियुक्त किया गया है. तो इस पोस्ट के लिए उन्हें कितनी सैलरी मिलने वाली है, उनकी रतन टाटा से कैसे मुलाकात हुई थी, जानिए सारी डिटेल.

Shantanu Naidu Salary: Ratan Tata के असिस्टेंट रहे शांतनु नायडू उनके बेहद करीबी माने जाते हैं. वह उनके सबसे यंग दोस्त कहलाते हैं. रतन टाटा के साथ Shantanu Naidu की तस्वीरें अक्सर सामने आती हैं. टाटा का उन पर काफी भरेासा था यही वजह है कि वह अपने निधन के बाद शांतनु के लिए काफी कुछ छोड़कर गए थे. अब शांतनु को Tata Motors में एक बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. वह कंपनी में बतौर जनरल मैनेजर नियुक्त हुए हैं. इसकी जानकारी उन्होंने खुद अपने सोशल मीडिया हैंडल लिंक्डइन पर एक पोस्ट के जरिए दी. मगर क्या आपको पता है शांतनु को इस पोस्ट के लिए आखिरकार सैलरी कितनी मिलेगी.
शांतनु नायडू को टाटा मोटर्स का जनरल मैनेजर और हेड ऑफ स्ट्रैटेजिक इनिशिएटिव्स नियुक्त किया गया है. एम्बिशन बॉक्स वेबसाइट के मुताबिक टाटा मोटर्स में बतौर जनरल मैनेजर बनने पर सालाना 23.3 लाख रुपये से 95 लाख रुपये तक की सैलरी मिलती है. ऐसे में शांतनु को भी इतनी सैलरी मिलने की उम्मीद है. ये व्यक्ति के एक्सपीरियंस और क्वालिफिकेशन पर भी निर्भर करता है, साथ ही अलग-अलग डिपार्टमेंट के हिसाब से सैलरी में बदलाव संभव है. हालांकि मनी9 लाइव अलग से इसकी पुष्टि नहीं करता है. बता दें शांतनु ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय से की है, इसके बाद उन्होंने अमेरिका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से MBA किया है.
डिपार्टमेंट के आधार पर सैलरी
- Ambitionbox के मुताबिक टाटा मोटर्स में रिसर्च एंड डेवलपमेंट विभाग में जनरल मैनेजर की सैलरी 35 लाख से लेकर 95 लाख रुपये तक सालाना मिलती है.
- स्ट्रैटेजिक एंड टॉप मैनेजमेंट में जनरल मैनेजर की सैलरी 43 से 75 लाख रुपये तक मिलती है.
- प्रोडक्शन, मैन्यूफैक्चरिंग एंड इंजीनियरिंग में जनरल मैनेजर की सैलरी 30 लाख से लेकर 80 लाख रुपये तक सालाना सैलरी होती है.
- इसी तरह प्रोजेक्ट एंड प्रोग्राम मैनेजमेंट में 32 से 60 लाख रुपये तक सालाना सैलरी मिलती है.
टाटा की 10,000 करोड़ की संपत्ति में नायडू को क्या मिला था?
टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने वसीयत में अपने सबसे युवा सहयोगी शांतनु नायडू को भी शामिल किया था. उन्होंने अपनी 10,000 करोड़ रुपये की संपत्ति में शांतनु नायडू के वेंचर गुडफेलो में अपनी हिस्सेदारी छोड़ी थी. साथ ही उन्होंने नायडू के एजुकेशन लोन को भी माफ कर दिया था. बता दें कि नायडू ने टाटा के सहयोग से 2022 बुजुर्गों के लिए ‘गुडफेलो’ स्टार्टअप शुरू किया था.
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कैसे शांतनु की हुई थी रतन टाटा से मुलाकात?
ऑटोमोबाइल डिजाइन इंजीनियर शांतनु नायडू ने आवारा कुत्तों को तेज रफ्तार कारों से बचाने के लिए 2014 में एक सिस्टम डेवलप किया था, चूंकि रतन टाटा को भी जानवरों से लगाव था, इसलिए उन्होंने टाटा के मुख्यालय बॉम्बे हाउस में स्ट्रीट डॉग्स के लिए एक आश्रय बनाया था. नायडू के काम से प्रभावित होकर रतन टाटा ने खुद उनसे संपर्क किया था और उनके प्रोजेक्ट में निवेश किया. धीरे-धीरे उनकी दोस्ती बढ़ती गई. साल 2018 में उन्होंने रतन टाटा के असिस्टेंट के तौर पर काम करना शुरू किया था. रतन टाटा का पिछले साल 9 अक्टूबर को निधन हो गया था, इससे शांतनु काफी भावुक थे, उन्होंने सोशल मीडिया पर एक इमोशनल पोस्ट डाला था.
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