संजय कपूर की मौत के बाद Sona Comstar में कलह! बहू की ताजपोशी, मां हुई बेदखल? रानी कपूर का बड़ा खुलासा
Sona Comstar के चेयरमैन संजय कपूर की मौत के बाद कंपनी के प्रमोटर परिवार में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. उनकी मां रानी कपूर ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि उन्हें प्रॉपर्टी और शेयरहोल्डिंग से बाहर कर दिया गया. कंपनी ने इन आरोपों को नकारते हुए कानूनी जवाब पेश किया है.
Sona Comstar Sunjay Kapoor and Rani Kapoor: ऑटो कंपोनेंट्स बनाने वाली दिग्गज कंपनी Sona BLW Precision Forgings Ltd (Sona Comstar) के संस्थापक परिवार में गंभीर विवाद सामने आया है. यह विवाद कंपनी के पूर्व चेयरमैन संजय कपूर की अचानक मौत के बाद उभरा है. दरअसल संजय कपूर की मां रानी कपूर ने आरोप लगाया है कि उन्हें भावनात्मक स्थिति का फायदा उठाकर प्रॉपर्टी और कंपनी के अधिकारों से बाहर कर दिया गया है. वहीं दूसरी ओर कंपनी का बिल्कुल अलग कहना है. कंपनी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कानूनी आधारों पर अपना पक्ष रखा है. रानी कपूर ने मैनेजमेंट पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी स्थिति का फायदा उठा कर कंपनी ने कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवा लिया.
क्या है पूरा मामला?
12 जून को इंग्लैंड में एक पोलो मैच के दौरान संजय कपूर का निधन हो गया. इसके बाद रानी कपूर, जो कंपनी के संस्थापक सुरिंदर कपूर की पत्नी हैं, ने आरोप लगाया कि उन्हें संजय की मौत के बाद मजबूरी में दस्तावेजों पर साइन करवाया गया और उन्हें अपने बैंक खातों और निवेशों तक पहुंच नहीं दी जा रही है. इसके बाद ही उन्होंने Sona Comstar की सालाना बैठक (AGM) को टालने की मांग की थी, लेकिन कंपनी ने यह कहकर इनकार कर दिया कि रानी कपूर 2019 से कंपनी की शेयरधारक नहीं हैं, इसलिए उनकी मांग का कोई लीगर बेसिस नहीं बनता.
कंपनी का क्या है कहना?
रानी कपूर के तमाम आरोपों को खारिज करते हुए कंपनी ने साफ किया कि संजय कपूर के निधन के बाद उनसे किसी तरह के दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं करवाए गए. कंपनी ने आगे बताया कि AGM तय समय पर ही हुई और यह निर्णय कानूनी सलाह और नियम के आधार पर लिया गया. इसी के साथ, प्रिया सचदेव कपूर, जो संजय कपूर की पत्नी हैं, को Aureus Investments Pvt. Ltd. की ओर से नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया. Aureus कंपनी Sona Comstar की प्रमोटर यूनिट है और इसके पास 28.02 फीसदी हिस्सेदारी है. बाकी 71.98 फीसदी शेयर पब्लिक इन्वेस्टर्स के पास हैं. कंपनी के मुताबिक, प्रिया की नियुक्ति नॉमिनेशन एंड रेम्यूनरेशन कमेटी की ओर से जांच और मंजूरी के बाद की गई है.
रानी कपूर का दूसरा बड़ा दावा
रानी कपूर का एक और बड़ा दावा यह है कि वह Sona Group की सबसे बड़ी हिस्सेदार रही हैं. हालांकि कंपनी के मुताबिक, मई 2019 में प्राप्त “Significant Beneficial Ownership” की घोषणा में संजय कपूर को ही कंपनी का एकमात्र लाभार्थी बताया गया था, और उसके बाद से रानी कपूर का शेयरधारिता से कोई संबंध नहीं रहा. अब यह मामला सिर्फ पारिवारिक नहीं बल्कि कॉरपोरेट गवर्नेंस का भी बन गया है, जहां बोर्ड की ट्रांसपैरेंसी और लीगैलिटी पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
प्रिया सचदेव कपूर कौन हैं?
प्रिया सचदेव कपूर एक बिजनेसवुमन और इन्वेस्टमेंट प्रोफेशनल हैं. उन्होंने अपनी पढ़ाई University College London (UCL) और UCLA से की है. अपने करियर की शुरुआत उन्होंने Credit Suisse First Boston (लंदन) में M&A डिपार्टमेंट से की थी. भारत लौटने के बाद उन्होंने ऑटो, इंश्योरेंस, फैशन और ई-कॉमर्स जैसे सेक्टर्स में कई बिजनेस वेंचर खड़े किए. उन्होंने TSG International Marketing Pvt. Ltd. की शुरुआत की और Rock N Shop नाम की लग्जरी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की को-फाउंडर भी रहीं.
2017 में उनकी शादी संजय कपूर से हुई और उनका एक बेटा भी है- अजारियास कपूर. संजय की मृत्यु के बाद उन्हें Sona Comstar के बोर्ड में शामिल किया गया, जिससे विवाद और बढ़ गया है. Sona Comstar करीब 30,000 करोड़ रुपये की वैल्यू वाली कंपनी है और इस पारिवारिक विवाद का असर कंपनी की लीडरशिप, शेयरहोल्डर्स ट्रस्ट और भविष्य की गवर्नेंस पर साफ देखा जा सकता है. अगर यह विवाद और बढ़ता है, तो हो सकता है मामला कानूनी लड़ाई तक पहुंच जाए, जिसका असर कंपनी के प्रदर्शन और निवेशकों के विश्वास पर भी पड़ सकता है.
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