भूषण पावर डील पर सुप्रीम कोर्ट की तलवार, JSW Steel और बैंकों की उड़ी नींद, निवेशकों में डर का माहौल
देश की एक बड़ी औद्योगिक डील पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है, जिसने कॉरपोरेट और बैंकिंग जगत को चौंका दिया है. सरकार, बैंक और संबंधित कंपनियां इस फैसले के बाद क्या कदम उठाएंगी, इस पर सबकी नजरें टिकी है.। पूरी जानकारी के लिए पढ़ें यह एक्सक्लूसिव रिपोर्ट.
JSW Steel द्वारा भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (BPSL) के 19,350 करोड़ रुपये के अधिग्रहण को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. जिससे बैंकों, कर्जदाताओं और JSW खुद की वित्तीय स्थिरता पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. अब इस फैसले से उपजी स्थिति से निपटने के लिए केंद्र सरकार और लेनदारों की समिति (CoC) कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है.
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज के सचिव एम. नागराजू ने 5 मई को कहा कि सरकार इस फैसले का अध्ययन कर रही है और सरकारी वकीलों से सलाह लेने के बाद ही अगली कार्रवाई तय करेगी. ज्यादातर बैंकरों का मानना है कि यह फैसला बिजली गिरने जैसा है और वे इसकी उम्मीद नहीं कर रहे थे. CoC के अंदर इस मुद्दे पर कानूनी कार्रवाई को लेकर एकराय भी फिलहाल नहीं बन पाई है.
बैंकों को चुकाना पड़ सकता है JSW का पैसा
Macquarie की रिपोर्ट के हवाले से मनीकंट्रोल ने लिखा है कि वे सभी बैंक जिन्होंने JSW से भुगतान लिया है, उन्हें यह रकम लौटानी पड़ सकती है. वहीं, भविष्य में इस डील से मिलने वाली रिकवरी की संभावनाएं भी बेहद कम नजर आ रही हैं. बैंकों को अब FY26 की दूसरी या तीसरी तिमाही में इसके लिए अतिरिक्त प्रावधान करना पड़ सकता है.
JSW को निवेश डूबने का खतरा
भले ही JSW को बैंकों से भुगतान वापस मिल जाए, लेकिन Macquarie की रिपोर्ट बताती है कि 2021 से अब तक कंपनी ने BPSL में जो निवेश किया है, उसका क्या होगा यह स्पष्ट नहीं है. अगर कोर्ट BPSL के परिसमापन (liquidation) को “as-is basis” पर लागू करता है तो JSW के निवेश पर संकट गहरा सकता है.
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Moneycontrol की रिपोर्ट के अनुसार, JSW Steel और CoC सुप्रीम कोर्ट के इसी बेंच के सामने 30 दिन के भीतर रिव्यू पेटिशन दाखिल कर सकते हैं. हालांकि जानकारों के मुताबिक, ऐसी याचिकाएं सिर्फ स्पष्ट कानूनी त्रुटियों या नए सबूतों के आधार पर ही स्वीकार की जाती हैं और इसमें सुनवाई की संभावना कम होती है.