स्विगी के साथ हुआ 33 करोड़ रुपये का हेरफेर, कंपनी ने पूर्व कर्मचारी पर लगाया आरोप

स्विगी को लगा 33 करोड़ रुपये का चूना, कंपनी ने आरोप लगाया कि पूर्व कर्मचारी ने उसके साथ 33 करोड़ रुपये का हेरफेर किया है. वित्तीय वार्षिक रिपोर्ट में कंपनी ने किया खुलासा, उठा रही है कानूनी कदम.

स्विगी डिलीवरी एजेंट Image Credit: Sudipta Das/NurPhoto via Getty Images

भारत की फूड डिलीवरी कंपनी  स्विगी के लेकर चौंकाने वाला मामला सामने आया है. कंपनी ने एक पूर्व जूनियर कर्मचारी पर 33 करोड़ रुपये का हेरफेर करने का आरोप लगाया है. बेंगलुरु बेस्ड इस कंपनी ने अपनी वित्तीय वार्षिक रिपोर्ट 2023-24 में इस बात का खुलासा किया है. स्विगी का कहना है कि उसने इस मामले की जांच के लिए एक एक्सटर्नल टीम का गठन किया है. इससे इतर कंपनी ने बताया कि वह पूर्व कर्मचारी के खिलाफ कानूनी कदम भी उठा रही है. बता दें स्विगी को यह झटका तब लगा जब वह आईपीओ लाने तैयारी में व्यस्त थी. कंपनी ने आईपीओ से जुड़े पेपर्स को बाजार नियामक बॉडी सेबी के पास जमा कर दिया था.

कब पता चला फ्रॉड के बारे में?

स्विगी ने जारी एक रिपोर्ट में कहा कि कंपनी के एक सब्सिडियरी कंपनी के साथ 32.67 करोड़ रुपये का हेरफेर हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी को 31 मार्च को खत्म हुए वित्त वर्ष की समीक्षा के दौरान यह पता चला. समीक्षा के दौरान कंपनी को पता चला कि उक्त राशि को खर्चे के रूप में दर्ज किया गया है. हालांकि स्विगी ने अपने कथित आरोप के संबंध में किसी और विवरण का जिक्र नहीं किया.

कितने का आईपीओ लाने वाली है कंपनी?

स्विगी ने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान कंपनी को अच्छा फायदा हुआ. रेवेन्यू, तकरीबन 36 फीसदी बढ़कर 11,247 करोड़ रुपये हो गया है. स्विगी अपने आईपीओ लाने की पूरी तैयारी कर रही है. कंपनी आईपीओ के जरिए 10,414 करोड़ रुपये जुटाएगी जिसको लेकर शेयरधारकों ने मंजूरी दे दी है. आईपीओ की जानकारी के अनुसार कंपनी नए इक्विटी शेयर जारी कर 3,750 करोड़ रुपये जुटाएगी. इसके अलावा 6,664 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) भी पेश करेगी साथ ही कंपनी आईपीओ से पहले 750 करोड़ रुपये एंकर निवेशकों के जरिये जुटाएगी.

प्लेटफॉर्म फीस में बढ़ोतरी

स्विगी और उसके प्रतिद्वंद्वी ने कथित तौर पर बेंगलुरु, दिल्ली सहित कुछ प्रमुख बाजारों में अपने प्लेटफॉर्म फीस को बढ़ाकर 6 रुपये प्रति ऑर्डर कर दिया है. बता दें कि पहले यह फीस 5 रुपये थी.