Swiggy ने ₹2400 करोड़ में बेची Rapido से अपनी हिस्सेदारी, ये कंपनियां बनीं खरीदार

फूड डिलीवरी कंपनी Swiggy ने बड़ा कदम उठाते हुए Rapido में अपनी हिस्सेदारी लगभग 2,400 करोड़ रुपये में बेच दी है. इस डील के तहत Prosus Ventures और Westbridge Capital ने हिस्सेदारी खरीदी है. कंपनी का यह कदम कैश पोजिशन मजबूत करने और फूड डिलीवरी बिजनेस पर फोकस करने की दिशा में अहम माना जा रहा है.

Swiggy. Image Credit: TV9 Bharatvarsh

Swiggy Rapido Stake: फूड डिलीवरी कंपनी Swiggy ने राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म Rapido में अपनी हिस्सेदारी बेचने का बड़ा फैसला लिया है. कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी में बताया कि बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने लगभग 2,400 करोड़ रुपये के इस डील को मंजूरी दे दी है. स्विगी ने Rapido में अपने 10 इक्विटी शेयर और 1,63,990 कम्पल्सरी कन्वर्टिबल प्रेफरेंस शेयर (CCPS) को 1,968 करोड़ रुपये में Prosus Ventures की डच कंपनी MIH Investments One B.V. को बेचने की मंजूरी दी है.

इसके अलावा, स्विगी ने 35,958 CCPS शेयर को 431.49 करोड़ रुपये में Westbridge Capital के Setu AIF Trust को बेचने पर भी सहमति जताई है. इस तरह, दोनों डील मिलाकर स्विगी को करीब 2,400 करोड़ रुपये मिलेंगे.

पहले कितना था स्विगी का हिस्सा?

स्विगी ने अप्रैल 2022 में Rapido में लगभग 12 फीसदी हिस्सेदारी के लिए 180 मिलियन डॉलर का निवेश किया था. लेकिन जुलाई 2025 में कंपनी ने शेयरधारकों को बताया था कि Rapido अब अपने नए प्लेटफॉर्म Ownly के जरिए फूड डिलीवरी बिजनेस में भी उतर चुका है, इसलिए निवेश पर पुनर्विचार किया जा रहा है.

Rapido के मौजूदा शेयरहोल्डर्स

Rapido में पहले से ही Prosus और Westbridge हिस्सेदारी रखते हैं. जून 2025 तक के आंकड़ों के मुताबिक, Prosus के पास 2.7 फीसदी, Nexus के पास 9.9 फीसदी, WestBridge के पास 19 फीसदी हिस्सेदारी थी. Rapido के फाउंडर्स में से पवन गुंटुपल्ली और अरविंद संका के पास 4.8-4.8 फीसदी, जबकि को-फाउंडर ऋषिकेश एस.आर. के पास 1.8 फीसदी हिस्सेदारी है.

स्विगी की फाइनेंशियल हेल्थ

स्विगी ने नवंबर 2024 में IPO लाकर 4,359 करोड़ रुपये जुटाए थे और भारत की दूसरी पब्लिकली लिस्टेड फूड डिलीवरी कंपनी बन गई थी. दिसंबर 2024 तक कंपनी के पास 8,183 करोड़ रुपये की कैश रिजर्व थी, लेकिन जून 2025 के आखिर तक यह घटकर 5,354 करोड़ रुपये रह गई. वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही (Q1FY25) में कंपनी को 1,197 करोड़ रुपये का नेट लॉस हुआ. यह घाटा पिछले साल की समान तिमाही के 611 करोड़ रुपये के मुकाबले लगभग दोगुना था. हालांकि, कंपनी की कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू बढ़कर 4,961 करोड़ रुपये पहुंच गई, जो पिछले साल की समान तिमाही में 3,222 करोड़ रुपये थी.

क्या है Swiggy के शेयरों का हाल?

मंगलवार, 23 सितंबर को स्विगी के शेयर मामूली गिरावट के साथ 449.15 रुपये पर कारोबार करते हुए बंद हुए. पिछले 1 सप्ताह में स्टॉक 5.81 फीसदी तक चढ़ा वहीं, महीनेभर में इसमें 5.16 फीसदी की तेजी आई. पिछले 6 महीने में स्टॉक ने 25 फीसदी का रिटर्न दिया है. स्विगी का मार्केट कैप 1,12,052 करोड़ रुपये दर्ज किया गया.

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