9900% तक का रिटर्न और कर्ज ना के बराबर, इन 3 कंपनियों पर विदेशी निवेशक भी हुए फिदा; बढ़ाया स्टेक

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय बाजार में भरोसा जताते हुए कई कंपनियों में जमकर पैसा लगाया है. इस खबर में हमने वैसी ही तीन कंपनियों की सूची बनाई है जिसमें विदेशी निवेशकों का निवेश तो बढ़ा ही है साथ ही उनपर कर्ज भी न के बराबर है.

इन स्टॉक्स में FIIs ने भरे पैसे Image Credit: @Canva/Money9live

3 Stock Where FIIs Increase Stake: विदेशी संस्थागत निवेशक यानी FIIs, वैश्विक वित्तीय बाजारों के बड़े खिलाड़ी माने जाते हैं. इनमें म्यूचुअल फंड्स, पेंशन फंड्स, हेज फंड्स और दूसरे संस्थाएं शामिल होती हैं. ये निवेशक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़े पैमाने पर पूंजी निवेश करते हैं, जिससे न केवल बाजार की लिक्विडिटी बढ़ती है बल्कि निवेश की दिशा और रुझान भी तय होते हैं. इस वजह से FIIs वैश्विक निवेश परिदृश्य और आर्थिक विकास को आकार देने में अहम भूमिका निभाते हैं. इस खबर में हम आपको ऐसे ही चार कंपनियों के बारे में बताने वाले हैं जिनमें विदेशी निवेशकों ने भरोसा जताते हुए अपने निवेश को बढ़ाया है. केवल यहीं नहीं, इन सभी कंपनियों में कर्ज न के बराबर है. आइए विस्तार में बताते हैं.

Sirca Paints India Ltd

Sirca Paints India पेंट और कोटिंग्स इंडस्ट्री की प्रमुख कंपनी है, जो इटालियन तकनीक और डिजाइन से बने हाई क्वालिटी प्रोडक्ट्स के लिए जानी जाती है. कंपनी का टारगेट है कि भारत के हर घर तक पहुंच बनाकर अपनी पहचान एक विश्वसनीय और एलीगेंट ब्रांड के रूप में स्थापित करना.

  • मार्केट कैप: करीब 2,680 करोड़ रुपये
  • शेयर प्राइस: 501.45 रुपये (2.54 फीसदी की तेजी के साथ हुआ बंद)
  • डेट-टू-इक्विटी रेशियो: 0.02 (यानी कंपनी पर लगभग कोई कर्ज नहीं)
  • रिटर्न ग्राफ: लिस्टिंग के बाद (12, दिसंबर 2022) से अब तक स्टॉक में 43.42 फीसदी की तेजी आई. पिछले 1 साल में स्टॉक का भाव 43.62 फीसदी चढ़ा है.

शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार, FIIs ने अपनी हिस्सेदारी 2.17 फीसदी बढ़ाई है. जून 2025 में उनकी हिस्सेदारी 5.18 फीसदी थी, जो सितंबर 2025 में बढ़कर 7.36 फीसदी हो गई. इसके अलावा, 27.14 फीसदी हिस्सेदारी रिटेल निवेशकों के पास है, 0.32 फीसदी घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) के पास और 65.19 फीसदी प्रमोटर्स के पास है.

Skipper Ltd

Skipper Limited ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन स्ट्रक्चर्स बनाने में वैश्विक स्तर पर लीडिंग कंपनी है. साथ ही यह पॉलिमर प्रोडक्ट्स में भी बड़ी भूमिका निभाती है. कंपनी का विजन है कि भारत को इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोडक्ट्स के लिए दुनिया का पसंदीदा स्रोत बनाया जाए और मजबूत राष्ट्रीय ढांचा तैयार किया जाए.

  • मार्केट कैप: 6,180 करोड़ रुपये
  • शेयर प्राइस: 543 (0.79 फीसदी की गिरावट के साथ बंद)
  • डेट-टू-इक्विटी रेशियो: 0.60
  • रिटर्न ग्राफ: पिछले 5 सालों में इस स्टॉक ने अपने निवेशकों को 1,084 फीसदी का दमदार रिटर्न दिया है. सालभर में भी शेयर में 27.80 फीसदी की तेजी आई है.

FIIs ने Skipper में अपनी हिस्सेदारी 1.23 फीसदी बढ़ाई है. जून 2025 में यह 5.42 फीसदी थी, जो सितंबर 2025 में बढ़कर 6.65 फीसदी हो गई. वहीं, 26.46 फीसदी रिटेल निवेशकों, 0.40 फीसदी DIIs और 66.48 फीसदी प्रमोटर्स के पास हिस्सेदारी है.

Lloyds Enterprises Ltd

Lloyds Enterprises Limited का मुख्य कारोबार आयरन और स्टील प्रोडक्ट्स के ट्रेडिंग का है. इसके अलावा कंपनी इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट में भी एक्टिव है. Lloyds अपने कामकाज में पारदर्शिता, साफ-सुथरे व्यापार मानक और नैतिकता पर जोर देती है.

  • मार्केट कैप: 8,658 करोड़ रुपये
  • शेयर प्राइस: 62.38 (0.72 फीसदी की गिरावट के साथ बंद)
  • डेट-टू-इक्विटी रेशियो: 0.24
  • रिटर्न ग्राफ: कंपनी ने पिछले 5 सालों में 9,946 फीसदी का रिटर्न दिया है. 1 साल में स्टॉक का भाव 9.56 फीसदी तक गिरा है.

यहां भी FIIs ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 0.47 फीसदी से 0.69 फीसदी कर ली है, यानी 0.22 फीसदी की बढ़त हुई है. साथ ही, 36.48 फीसदी शेयर रिटेल निवेशकों, 0.11 फीसदी DIIs और 62.72 फीसदी प्रमोटर्स के पास हैं.

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डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.