TCS में बढ़ सकता है छंटनी का नंबर, जानें क्या है बेंच पॉलिसी जिससे सहमे IT इंजीनियर
TCS ने 12 हजार कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान किया है, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार यह संख्या और बढ़ सकती है. कंपनी की नई बेंच पॉलिसी के तहत कर्मचारी साल में सिर्फ 35 दिन बेंच पर रह सकते हैं, वरना नौकरी जाने का खतरा है. यह नीति खासकर अनुभवी कर्मचारियों को प्रभावित कर रही है.

TCS layoffs Bench policy: देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज यानी TCS ने हाल ही में 12 हजार कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की है. लेकिन अब कर्मचारियों में यह डर फैल गया है कि यह संख्या और ज्यादा हो सकती है. इस डर का कारण बना है कंपनी की नई बेंच पॉलिसी. जिसके वजह से और नौकरी जाने का खतरा बढ़ गया है. इस पॉलिसी से वे कर्मचारी सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे जो किसी प्रोजेक्ट पर काम नहीं कर रहें है.
क्या है TCS की नई बेंच पॉलिसी
ET Prime की एक रिपोर्ट के अनुसार, TCS ने साल 2025 में धीमी ग्रोथ को देखते हुए अपनी बेंच पॉलिसी में बदलाव किया है. अब कर्मचारी साल भर में सिर्फ 35 दिन तक ही बेंच पर रह सकते हैं और 225 दिन तक किसी प्रोजेक्ट पर काम करना जरूरी है. ऐसा नहीं करने पर PIP यानी परफॉर्मेंस सुधार योजना में डाला जा सकता है या नौकरी से निकाला जा सकता है.
अनुभवी कर्मचारियों पर ज्यादा असर
रिपोर्ट के मुताबिक यह नई नीति कंपनी के अनुभवी कर्मचारियों पर ज्यादा असर डाल रही है. सीनियर स्टाफ के लिए किसी नए प्रोजेक्ट में एडजस्ट होना आसान नहीं होता, क्योंकि टीम में जगह और तालमेल की चुनौती होती है. अक्सर उन्हें नया प्रोजेक्ट मिलने में 2 महीने तक का समय लग जाता है.
क्या 12 हजार से ज्यादा होगी छंटनी
कंपनी ने जब 12 हजार छंटनी की बात कही तो साथ ही यह भी स्पष्ट नहीं किया कि अगर इस संख्या से ज्यादा कर्मचारी बेंच लिमिट क्रॉस करते हैं तो क्या किया जाएगा. ET Prime की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी के अलग अलग यूनिट हेड्स को संभावित छंटनी के नामों की लिस्ट तैयार करने को कहा गया है, खासकर मिड और सीनियर लेवल स्टाफ की.
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TCS पर दबाव और बाकी कंपनियों को संकेत
इस छंटनी से यह संकेत भी मिल रहा है कि अब आईटी सेक्टर में छंटनी सामान्य होती जा रही है. पहले इस सेक्टर में छंटनी कम ही देखने को मिलती थी. NASSCOM का भी मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑटोमेशन के चलते आईटी इंडस्ट्री एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रही है, और इसमें और भी कटौती हो सकती है.
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