चीन पर लगे 245 फीसदी टैरिफ का आ गया ब्रेकअप, जानें- ट्रंप का ड्रैगन पर बदले वाला दांव
US-China Tariff War: गुरुवार को व्हाइट हाउस की एक फैक्ट शीट ने चीनी वस्तुओं पर अमेरिकी टैरिफ की सीमा के बारे में भ्रम पैदा कर दिया है. क्या वाकई ट्रंप ने अमेरिका पर 245 फीसदी का नया टैरिफ लगाया है. क्या है इसके पीछे की खेल, आसान भाषा में समझ लीजिए.

US-China Tariff War: अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ पर तकरार थमने का नाम नहीं ले रही है. दोनों देश एक दूसरे पर ताबड़तोड़ टैरिफ लगाते जा रहे हैं. गुरुवार को व्हाइट हाउस की एक फैक्ट शीट ने चीनी वस्तुओं पर अमेरिकी टैरिफ की सीमा के बारे में भ्रम पैदा कर दिया है. कुछ मीडिया रिपोर्टों में चीन पर 245 फीसदी टैरिफ दर का दावा किया जा रहा है. हालांकि, करीब से देखने पर पता चलता है कि यह आंकड़ा ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए नए व्यापक 245 फीसदी टैरिफ की बजाय सिरिंज जैसे खास प्रोडक्ट्स पर कई टैरिफ के कम्युलेटिव प्रभाव के संदर्भ में है.
दोनों देशों के बीच और बढ़ सकता है तनाव
15 अप्रैल को जारी की गई फैक्ट शीट में 16 अप्रैल को कई भ्रामक मीडिया रिपोर्ट्स को जन्म दिया है, जिसमें दावा किया गया है कि अमेरिका ने चीनी वस्तुओं पर नए टैरिफ लगाए हैं, जो दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार तनाव को और बढ़ा सकता है.
क्या चीन को 245 फीसदी टैरिफ का सामना करना पड़ेगा
अमेरिकी उद्योग को मजबूत बनाने के सब-सेक्शन के तहत फैक्ट शीट में कहा गया है कि चीन को अब अपने प्रतिशोधात्मक कार्यों के नतीजे के रूप में अमेरिका में इंपोर्ट पर 245 फीसदी तक के टैरिफ का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन क्या इसका मतलब यह है कि ट्रंप प्रशासन ने चीन पर एक नए टैरिफ की घोषणा की है? इसका जवाब आसान नहीं है. बयान का मतलब है कि कुछ प्रोडक्ट्स पर दरें कुल 245 फीसदी तक जा सकती हैं.
लगातार बदलता रहा है टैरिफ
पिछले कुछ हफ्तों में दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर में एक-दूसरे के सामान पर कई जवाबी हमले हुए हैं, जिसकी वजह से टैरिफ से जुड़े नियम लगातार बदलते रहे हैं. कुछ मामलों में घोषित टैरिफ प्रोडक्ट्स की कीमत से भी अधिक हो गई. हालांकि, पिछले हफ्ते ट्रंप ने चीन के सामानों पर 125 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जो पहले लगाए गए 20 फीसदी टैरिफ से अलग था. इस तरह कुल टैरिफ 145 फीसदी हो गया. हालांकि, टैरिफ की लिस्ट यहीं खत्म नहीं होती है.
टैरिफ का ब्रेकअप
- द न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, चीन की वस्तुओं पर मुख्य रूप से चार तरह के शुल्क लगाए हैं.
- बेस टैरिफ (औसतन 3.4 फीसदी).
- 2025 से पहले के प्रोटेक्टिनिस्ट टैरिफ (7.5 फीदी से 100 फीसदी तक).
- स्टील, एल्युमीनियम और ऑटो जैसे खास सेक्टरों को टार्गेट करने वाले टैरिफ (25 फीसदी).
- ‘फेंटेनल’ और ‘पारस्परिक’ टैरिफ.
इनमें से कुछ दरों की घोषणा चीन के आयातों को प्रभावित करने के लिए की गई थी. जैसे कि सोलर पैनल और ईवी बैटरी, जो अपने अमेरिकी समकक्षों की तुलना में चीन बहुत सस्ती दरों पर बेचता है.
टैरिफ दरों का एप्लिकेशन जितना लगता है, उससे कही ज्यादा जटिल है. NYT की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रभावी दर कई फैक्टर्स पर निर्भर करते हैं. जैसे इंपोर्ट का सोर्स, इस्तेमाल होने वाला मैटेरियल्स और क्या कोई छूट या स्पेशल दरें लागू हैं. ट्रंप ने फोन और कुछ अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के लिए भी छूट की घोषणा की थी. हालांकि, ट्रुथ सोशल पर राष्ट्रपति ने कहा कि किसी को भी छूट नहीं दी गई है, जिससे पहले से ही भ्रमित करने वाली स्थिति और भी जटिल हो गई है.
क्या चीन के किसी भी आयात पर 245% टैरिफ लगता है?
हां, सभी चार प्रमुख प्रकार की दरों को जोड़ने पर, सिरिंज जैसे कुछ प्रोडक्ट्स पर 245 फीसदी का टैरिफ लगता है. इसमें 2025 से पहले की 100 फीसदी दर, 20 फीसदी फेंटेनाइल लेवी, 125 फीसदी पारस्परिक शुल्क शामिल है. इस तरह कुछ चीन के चुनिंदा प्रोडक्ट्स पर कुल 245 फीसदी का टैरिफ लगता है. इसी तरह, लिथियम-आयन बैटरियों पर कुल 173 फीसदी की दर लागू है. स्क्विड पर 170 फीसदी, ऊनी स्वेटर पर 169 फीसदी, इलेक्ट्रिक कारों पर 148 फीसदी और इसके अलावा लिस्ट में कई और प्रोजक्ट्स भी शामिल हैं.
तो 245 फीसदी के टैरिफ को आसान भाषा में समझें, तो यह सभी नई और पुरानी दरों का एक कॉम्बिनेशन है. यह पूरी तरह से एक नई टैरिफ दर नहीं है.
Latest Stories

साल 2014 में अक्षय तृतीया पर 30000 रुपये था सोने का रेट, जानें 10 साल में कैसे पहुंच गया एक लाख

अक्षय तृतीया पर आए चांदी के लड्डू गोपाल, जानें कहां से खरीदें और कितनी है कीमत

70000000000000 का कर्ज, पास में ना डॉलर ना सोना; पाकिस्तान भुगतेगा 78 साल का सबसे बड़ा संकट!
