Trumpomacy: X से दोस्ती का संदेश, Truth Social से टैरिफ को लेकर फिर धमकी, कहा- भारत देर कर रहा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कूटनीति दिन-ब-दिन हास्यास्पद होती जा रही है. ट्रंप प्रशासन की तरफ से एक के बाद एक ऐसी विरोधाभासी बातें सामने आ रही हैं, जिन्हें देखते हुए लगता है कि 'ट्रंप सरकार' का हर पुर्जा अपनी मर्जी से चल रहा है. एक ही दिन में अमेरिका से भारत को दो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दो संदेश मिले हैं. दोनों संदेश पूरी तरह अलग-अलग हैं.
टैरिफ और भारत-पाकिस्तान सीजफायर को लेकर भारत के सख्त रुख से अमेरिका कितना बेचैन है इसकी नजीर दो सोशल मीडिया संदेशों में साफ देखने को मिलती है. एक तरफ ट्रंप प्रशासन X पर पोस्ट कर भारत के साथ ‘स्थायी मित्रता’ को याद कर रहा है. वहीं, दूसरी तरफ ट्रंप अपने सोशल मीडिया प्लटेफॉर्म Truth Social पर टैरिफ को लेकर फिर से भारत को धमकी देते नजर आए.
क्या बोले ट्रंप?
ट्रंप ने भारत के साथ टैरिफ को लेकर जारी तनाव पर ट्रुथ सोशल पर कहा, “जो कुछ कम लोग समझते हैं वह यह है कि हम भारत के साथ बहुत कम व्यापार करते हैं, लेकिन वे हमारे साथ बहुत बड़ा व्यापार करते हैं. दूसरे शब्दों में, वे हमें भारी मात्रा में सामान बेचते हैं, हम उनके सबसे बड़े ‘क्लाइंट’ हैं. लेकिन, हम उन्हें बहुत कम बेचते हैं. अब तक यह एक पूरी तरह से एकतरफा रिश्ता रहा है और यह कई दशकों से ऐसा चला आ रहा है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि भारत ने अब तक हमारे ऊपर इतने ऊंचे टैरिफ लगाए हैं कि हमारी कंपनियां भारत में बेचने में असमर्थ रही हैं. यह पूरी तरह से एकतरफा डिजास्टर रहा है. इसके साथ ही, भारत ज्यादातर तेल और सैन्य उत्पाद रूस से खरीदता है, अमेरिका से बहुत कम. उन्होंने अब अपने टैरिफ को शून्य करने का ऑफर दिया है, लेकिन यह काफी देर से है. उन्हें यह सालों पहले करना चाहिए था. बस कुछ आसान तथ्य हैं जिन पर लोगों को सोचने की जरूरत है.”
भारत का भरोसा खो रहे ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंंप और उनके प्रशासन की तरफ से लगातार इस तरह के संकेत मिल रहे हैं, जिनकी वजह से कूटनीतिक स्तर पर वे भारत का भरोसा खो रहे हैं. ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान युद्ध में सीजफायर कराने की श्रेय लेते हुए कहा था कि टैरिफ लगाने की धमकी देकर भारत को 24 घंटे में युद्ध रोकने के लिए कहा था, जिसके बाद भारत ने 5 घंटे में युद्ध रोक दिया. ट्रंप के इस बयान के हिसाब से उन्हें भारत पर कोई टैरिफ नहीं लगाना चाहिए था. लेकिन, इसके बाद भी टैरिफ लगाया गया. इसके बाद ट्रंप प्रशासन ने भारत पर आरोप लगाया कि भारत रूसी तेल आयात कर युद्ध को फंड कर रहा है. लेकिन, भारत के जवाब ने अमेरिका और यूरोप की भंडाफोड़ कर दिया. क्योंकि, वे खुद भी रूस के साथ लगातार कारोबार कर रहे हैं. अब ट्रंप और उनके सहयोगी ‘ब्राह्मणों के फायदे’ जैसी बेतुकी बातें कर रहे हैं. इसके अलावा भारत की ट्रेड पॉलिसी पर सवाल उठा रहे हैं.
भारत-रूस कनेक्शन पर आलोचना
ट्रंंप ने भारत के रूस से एनर्जी और डिफेंस डील्स पर भी हमला बोला, कहा कि भारत अधिकतर तेल और मिलिट्री प्रोडक्ट्स रूस से खरीदता है और अमेरिका से बहुत कम. उनके टॉप ट्रेड एडवाइज़र पीटर नेवरो ने Fox News पर आरोप लगाया कि भारत रूस का सस्ता क्रूड खरीदकर उसे रिफाइन करता है और यूरोप, एशिया व अफ्रीका में प्रीमियम पर बेचता है, इसे सीधे रूस-युक्रेन युद्ध से जोड़ते हुए कहा कि “ये सब यूक्रेनियंस को मार रहा है और अमेरिकी टैक्सपेयर्स को और बोझ दे रहा है.
ट्रंप की चुनावी रणनीति
विश्लेषकों के अनुसार ट्रम्प का यह नैरेटिव केवल ट्रेड विवाद तक सीमित नहीं है. यह अमेरिकी घरेलू बिजनेस को लुभाने, भारत को रूस-युक्रेन युद्ध में खलनायक के रूप में पेश करने और टैक्सपेयर्स को यह दिखाने की रणनीति का हिस्सा है कि उनका पैसा यूक्रेन में खर्च हो रहा है, जबकि भारत रूस से मुनाफा कमा रहा है. यह पूरी पॉलिटिकल स्ट्रैटेजी जिसे “Trumpomacy” भी कहा जा सकता है, जिसमें दोस्ताना संदेश और धमकी के साथ रिश्तों अविश्वास और तनाव पैदा किया जा रहा है, ताकि भारत दबाव में आकर अमेरिका से डील करे. हालांकि, भारत ने ट्रंप के जाल में फंसने की जगह अपनी मल्टीपोलर वर्ल्ड मल्टी अलाइनमेंट पॉलिसी पर काम करना जारी रखा है. इसके साथ ही भारत लगातार कहता रहा है कि ट्रेड पर बात करने के लिए भारत हमेशा तैयार है.