तुर्किये को भारी पड़ा ‘आतंकिस्‍तान’ से प्यार, ‘खलीफा’ एर्दोआन पर भारतीयों का करारा पलटवार

'ग्लोबल टेरर यूनिवर्सिटी' चलाने वाले पकिस्तान से प्यार तुर्किये के 'खलीफा' तैयब रजब एर्दोआन को भारी पड़ने लगा है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किये ने भारत के आम लोगों पर हमले करने के लिए ड्रोन दिए. भारत के लोगों ने अब इसका बदला लेना शुरू कर दिया है.

तुर्किये को पाकिस्तान की दोस्ती पड़ रही भारी Image Credit: money9live

मदरशिप ऑफ टेररिज्म के नाम से कुख्यात पाकिस्तान को ‘आतंकिस्‍तान’ कहा जाए, तो कुछ गलत नहीं होगा. लेकिन, खुद को तुर्किये का ‘खलीफा’ मानने वाले तैयब रजब एर्दोआन को समझ नहीं आ रहा है कि उन्होंने कितनी बड़ी गलती की है? लेकिन, अब भारत के लोगों ने मोर्चा संभाल लिया है. मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की तरह अब भारतीय लोग एर्दोआन की अकल ठिकाने लगाने में जुट गए हैं.

भारत के लोगों का ‘नेशन फर्स्ट’ मंत्र एर्दोआन को ‘कल्पना से परे’ चोट कर रहा है, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम हमले के बाद बिहार की धरती से आतंक के खिलाफ भारत की जंग का ऐलान करते हुए कहा था कि आतंकी और उनके आकाओं को कल्पना से परे कीमत चुकानी होगी.

एक्शन में भारत के लोग

आतंक के खिलाफ भारत के एक्शन में ग्लोबल टेररिज्म यूनिवर्सिटी को फंड करने वाले पाकिस्तान का साथ देने के लिए एर्दोआन ने जैसे ही साथ देने का ऐलान किया, भारत के लोगों ने अपने-अपने लेवल पर तुर्किये पर स्ट्राइक करना शुरू कर दिया. एक तरफ जहां भारत की कंपनियों ने मोर्चा संभाला, तो वहीं दूसरी तरफ आम लोगों ने भी तुर्किये का बहिष्कार शुरू कर दिया है. मशहूर उद्योगपति हर्ष गोयनका ने सुझाव भर दिया कि तुर्किये और अजरबैजान को भारतीय ट्यूरिस्ट से 4,000 करोड़ रुपये की आय होती है. अगर लोग इन देशों के बजाय भारत में घूमें. हजारों लोगों ने इन दोनों देशों की अपनी यात्रा को कैंसिल कर दिया है.

गिड़गिड़ाने लगा तुर्किये

भले ही फिलहाल पूरी दुनिया का खलीफा बनने की चाहत रखने वाले तुर्किये के डिक्टेटर एर्दोआन अपने आतंकिस्तान प्यार पर अड़े हैं. लेकिन, तुर्किये का ट्यूरिज्म मंत्रालय गिड़गिड़ाने लगा है. भारतीय लोगों से मिन्नतें कर रहा है कि वे तुर्किये आएं. उनका वहां हमेशा की तरह प्यार से स्वागत-सत्कार किया जाएगा. हालांकि, भारत के लोगों ने अब इरादा पक्का कर लिया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और फिलहाल केरल भाजपा के अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने तुर्किये के ट्युरिज्म मंत्रालय के संदेश पर नो थैंक्यू लिखकर भारतीयों की भावनाओं को व्यक्त किया है.

बिजनेस के मोर्चे पर होने लगे हमले

देश की सरकार भले ही अंतरराष्ट्रीय नियमों की वजह से सीधे तौर ट्रेड के मोर्चे पर कोई कदम नहीं उठा रही है. लेकिन, देशभर के तमाम शहरों में इंपोर्ट-एक्सपोर्ट करने वाले कारोबारियों ने अपने स्तर पर तुर्किये के बहिष्कार का फैसला किया है.

सरकार ने भी दबाई दुखती रग

भारत सरकार ने बुधवार को तुर्किये के राजकीय प्रसारक TRT को भारत में बैन कर दिया. यहां तक कि इसके सोशल मीडिया हैंडल भी भारत में बैन कर दिए गए हैं. TRT की तरफ से लगातार पाकिस्तान के पक्ष में प्रोपेगैंडा चलाया जा रहा था. इसके अलावा भारत ने संयुक्त राष्ट्र में भी तुर्किये की दुखती रग को दबाते हुए अर्मेनिया में ओटोमन साम्राज्य की तरफ से किए गए नरसंहार के मुद्दे पर अर्मेनिया का समर्थन किया है. इसके अलावा जिस तरह तुर्किये पाकिस्तान को हथियार दे रहा है. भारत ने भी अर्मेनिया को हथियार देना शुरू कर दिया है. इसके अलावा तुर्किये के कट्टर दुश्मन ग्रीस और साइप्रस के साथ भी भारत ने रिश्तों को गहरा किया है. इसके साथ ही इन देशों को अपने हथियार देने शुरू कर दिए हैं.

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