कर्मचारियों की वेलनेस, कॉस्ट नहीं इन्वेस्टमेंट है: TV9 नेटवर्क समिट में दिग्गज बोले-नई सोच बनाएगी मजबूत संगठन
टीवी9 नेटवर्क के Wellness & HealthTech Summit में “Well-being: The Ultimate Retention Tool” पर चर्चा हुई. कॉरपोरेट लीडर्स ने कहा कि सैलरी से ज्यादा मेंटल हेल्थ, वर्क-लाइफ बैलेंस और ओवरऑल वेल-बीइंग कर्मचारियों को जोड़ने में अहम हैं, जो अब कंपनियों की अनिवार्य रणनीति बन चुके हैं.
TV9 Network Wellness & Healthtech Summit:आज के प्रतिस्पर्धी दौर में कर्मचारियों को लंबे समय तक जोड़े रखने के लिए सैलरी से ज्यादा मेंटल हेल्थ, वर्क–लाइफ बैलेंस और ओवरऑल वेल-बीइंग निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं. TV9 नेटवर्क वेलनेस एंड हेल्थटेक समिट में देश के दिग्गज कॉरपोरेट लीडर्स ने इन अहम बदलावों को साझा किया. कार्यक्रम में वर्कप्लेस वेलनेस और टैलेंट रिटेंशन थीम पर हुई चर्चा में इन लीडर्स का कहना है कि अब कंपनियों के लिए वेल-बीइंग अहम पहलू हो गया है. पैनल चर्चा में आदित्य बिड़ला कैपिटल के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट संजय सिंह, Chegg Inc. इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर उदय एस कार्तिकेयन, HDFC AMC के वाइस प्रेसिडेंट (एचआर) अनिष केसकर और Suzuki R&D सेंटर इंडिया के हेड एचआर मुस्सरत हुसैन ने अपने अनुभव और रणनीतियां साझा कीं हैं. उनके अनुसार भविष्य की कंपनियों के लिए वेल-बीइंग अब विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्य रणनीति बन चुकी है.
छोटे शहरों में मिले बड़े शहरों जैसी सुविधाएं
आदित्य बिड़ला कैपिटल के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट संजय सिंह ने कहा कि कर्मचारियों के स्वास्थ्य और भलाई पर किया गया खर्च भविष्य में बेहतर प्रदर्शन, अच्छे टर्नओवर और मजबूत संगठन के रूप में रिटर्न देता है. HDFC AMC के वाइस प्रेसिडेंट अनिष केसकर ने बताया कि कर्मचारियों को छोटे शहरों में भी वो सब फैसिलिटी मिलनी चाहिए जो बड़े शहरों में मिलती है.
Suzuki R&D सेंटर इंडिया के हेड एचआर मुस्सरत हुसैन के मुताबिक, कर्चारियों को हेल्थ से जुड़ी ज्यादा सुविधायें मिलनी चाहिए, उन्होंने कहा कि अब ओपीडी के खर्च बढ़ गए हैं और अन्य हॉस्पिटल के कॉस्ट बढ़ गए हैं ऐसे में एम्प्लॉई को हेल्थ बेनिफिट अधिक मिलने चाहिए.
कर्मचारियों में सुरक्षा की भावना बढ़े
Chegg Inc. इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर उदय एस कार्तिकेयन के अनुसार, लोग PSU कंपनियों में अधिक समय तक नौकरी करते हैं ,जबकि प्राइवेट कंपनियां उन्हें अधिक पैसा दे सकती हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि कर्मचारियों के लिए वेलनेस और रिटायमेंट की सुरक्षा ज्यादा अहम होती है इसलिए वे पैसे से अधिक उन चीजों को तरजीह देते हैं. इसी तरह वेलनेस लूप: काम पर स्ट्रेस साइकिल को तोड़ना’ विषय पर पैनल डिस्कशन में आज के समय में डिजिटल स्ट्रेस पर चर्चा हुई है. लीडर्स का कहना था कि हमेशा डिजिटल रूप से प्रेजेंट होना और सोशल मीडिया से खुद को अलग नहीं कर पाने का स्ट्रेस बढ़ता जा रहा है और ये प्रोफेशनल और पर्सनल दोनों ही लेवल पर है.