सोलर इंडस्ट्रीज में महाराष्ट्र के इन चार भाइयों का कमाल, कमा लिए ₹6.6 लाख करोड़, Forbes भी कर रहा सलाम
तीस साल पहले चार भाइयों ने मुंबई में एक छोटा कारखाना शुरू किया. आज उनकी कंपनी वारी एनर्जीज भारत की प्रमुख सोलर पैनल निर्माता है. फोर्ब्स इंडिया रिच लिस्ट 2025 में 7.5 अरब डॉलर (6.6 लाख करोड़ रुपये) की संपत्ति के साथ पहली बार शामिल होकर ये 37वें स्थान पर पहुंचे.
Doshi brothers onto Forbes 2025 Rich List: आज से लगभग 30 साल पहले चार भाइयों ने मिलकर मुंबई में एक कंपनी शुरू की. यह छोटा सा कारखाना प्रेशर और टेंपरेचर मापने वाली डिवाइस बनाता था. इन चार भाईयों का नाम हितेश, किरीट, पंकज और विरेन दोशी है. वक्त और जरूरत बदलने के साथ इन्होंने अपना बिजनेस भी स्विच किया और Waaree Energies की स्थापना की. उनकी सोलर एनर्जी कंपनी वारी एनर्जीज की शानदार सफलता ने उन्हें फोर्ब्स इंडिया रिच लिस्ट 2025 में पहली बार शामिल करवाया है. 7.5 अरब डॉलर (6.6 लाख करोड़ रुपये) की कुल संपत्ति के साथ ये चारों भाई इस लिस्ट में 37वें स्थान पर काबिज हैं. एक छोटे से बिजनेस से शुरू हुई यह कहानी आज भारत की सोलर इंडस्ट्री में क्रांति ला रही है.
दोशी ब्रदर्स की फोर्ब्स इंडिया रिच लिस्ट में एंट्री
जब वारी एनर्जीज अक्टूबर 2024 में पब्लिक हुई, तो किसी को इतनी बड़ी सफलता की उम्मीद नहीं थी. इस कंपनी के IPO को निवेशकों को जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला था. शेयर बाजार में लिस्टिंग पर निवेशकों को 70 फीसदी प्रीमियम मिला था. उसके बाद शेयरों में 50 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई. इस तेजी के बाद इन भाईयों की कुल संपत्ति 7.5 अरब डॉलर यानी 6.6 लाख करोड़ रुपये हो गई.
31 मार्च 2025 को खत्म हुए वित्त वर्ष में वारी की कमाई 27 फीसदी बढ़कर 144.5 अरब रुपये (1.6 अरब डॉलर) हो गई. नेट प्रॉफिट 51 फीसदी बढ़कर 19.8 अरब रुपये पहुंच गया. यह सोलर इंस्टॉलेशन की मजबूत मांग की वजह से हुआ.
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गेज से सोलर पैनल तक कैसा रहा सफर?
वारी की कहानी 1990 में शुरू हुई, जब हितेश दोशी ने फर्नेस और बॉयलर में इस्तेमाल होने वाले इंडस्ट्रियल गेज बनाने वाली छोटी कंपनी शुरू की. 17 साल बाद, दुनिया में रिन्यूएबल एनर्जी की ओर शिफ्ट देखकर उन्होंने सोलर पैनल बनाने वाली कंपनी शुरू कर दी. 2007 में कंपनी ने सोलर पैनल मैन्युफैक्चरिंग शुरू की.
आज वारी एनर्जीज उसी का परिणाम है. आज वारी भारत की क्षमता के हिसाब से सबसे बड़ी सोलर पैनल बनाने वाली कंपनी है. कंपनी सोलर सेल, इनवर्टर, ट्रांसफॉर्मर और पूरे सोलर मॉड्यूल बनाती है. वर्तमान में वारी के भारत में पांच बड़े मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं. कुल उत्पादन क्षमता करीब 17 गीगावॉट है. कंपनी और 8 गीगावॉट जोड़ने की योजना बना रही है.
अमेरिका तक फैला रहे कारोबार
भारत के बाहर वारी अमेरिका में भी अपना कारोबार फैला रहा है. 2028 तक टेक्सास में सोलर मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए 1.2 अरब डॉलर का निवेश किया है. हालांकि अभी कंपनी अमेरिकी एजेंसी के निशाने पर है. सितंबर 2025 में अमेरिका के कॉमर्स डिपार्टमेंट ने भारत, इंडोनेशिया और लाओस से सोलर सेल आयात की जांच शुरू की. वारी भी जांच के दायरे में है. आरोप है कि चीनी सोलर सेल को भारतीय लेबल लगाकर अमेरिका में बेचा जा रहा है. ताकि टैरिफ से बचा जा सके. वारी ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि वह सभी कानूनों और ट्रेड नियमों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है.
कंपनी में दोशी ब्रदर्स की क्या है भूमिका?
हितेश दोशी का जन्म और पालन पोषण महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के छोटे से गांव में हुआ था. उसी गांव में दोशी के पिता के नाम पर किराने की एक छोटी दुकान थी जिसकी कमाई पर पूरा घर निर्भर करता था. दोशी परिवार की संपत्ति वारी एनर्जीज में उनके शेयरों से आती है, जो अब पब्लिकली लिस्टेड है और भारतीय बाजार में मजबूत प्रदर्शन कर रही है. हितेश दोशी 58 साल के हैं. वे कंपनी में चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. उन्होंने कंपनी को छोटे इंडस्ट्रियल पार्ट्स फर्म से रिन्यूएबल एनर्जी पावरहाउस बनाया. विरेन दोशी कंपनी के बोर्ड, इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन यानी EPC की देखभाल करते हैं. किरीट दोशी और पंकज दोशी दोनों के पास माइनॉरिटी स्टेक हैं और वे कंपनी के विस्तार और विकास में गाइडर की तरह काम कर रहे हैं.
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