एक बर्तन धोने वाले ने बना दी दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी, देखते रह गए मस्क-जुकरबर्ग और अंबानी
चिप बनाने वाली और दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी NVIDIA के को-फाउंडर और सीईओ जेंसन हुआंग चर्चा में हैं. उनका लिंक्डइन प्रोफाइल बताता है कि उन्होंने बर्तन धोने और वेटर तक का काम किया है.

मार्केट कैप के हिसाब दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी के सीईओ ने अचानक लिंक्डइन (सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म) पर बताया कि एक समय में उन्होंने बर्तन धोने, वेटर और बस में काम किया है. चलिए आज जानते हैं दुनिया की सबसे बड़ी कपंनी एनवीडिया (Nvidia) के सीईओ जेंसन हुआंग की कहानी जो अमेरिका की पापुलर डिनर चेन डेनीज में बर्तन धोने का काम कर चुके हैं.
61 साल के अरबपति जो चिप बनाने वाली कंपनी एनवीडिया के को-फाउंडर और सीईओ हैं, उनका नाम जेंसन हुआंग है. हुआंग की नेटवर्थ लगभग 111 अरब डॉलर है. ताइवान में पैदा हुए हुआंग अपनी युवा अवस्था में अमेरिका के ओरिगन राज्य पहुंचे और वहीं पले-बढ़े.
1970 से 1980 के बीच उन्होंने डेनीज नाम के रेस्तरां में बर्तन धोने का काम किया, फिर उन्होंने बसों में काम किया और फिर वेटर बन गए. लिंक्डइन पर उन्होंने खुद इस बात की जानकारी दी है.
‘मां-बाप ने मेहनत करना सिखाया’
स्ट्रिप के सीईओ पेट्रीक कोलिजन के साथ एक इंटरव्यू में जेंसन हुआंग ने अपने शुरुआती जीवन के अनुभवों के बारे में बात की और कहा कि, “मैंने अपने जीवन में कई तरह के काम किए, स्कूल में भी टास्क के रूप में छोटा-मोटा काम करने को दिया जाता था. मेरे माता-पिता अमीर नहीं थे लेकिन उन्होंने मुझे मेहनत करना सिखाया.”
जेंसन हुआंग ने जोर देकर कहा कि उनकी शुरुआती नौकरियों ने उन्हें अनुशासन सिखाया, और इन्हीं नौकरियों ने उनके आज के काम और लीडरशिप स्किल को आकार दिया है.
कब हुई Nvidia की स्थापना?
हालांकि लिंक्डइन पर इसका जिक्र नहीं है लेकिन उन्होंने LSI Logic में CoreWare में डायरेक्टर के रूप में काम किया है. साथ ही वे एडवांस्ड माइक्रो डिवाइसेस (AMD) में माइक्रोप्रोसेसर डिजाइनर भी रह चुके हैं.
साल 1993 में उन्होंने Nvidia कंपनी खोली, इसके दो और को फाउंडर्स हैं – क्रिस मैलाचाउस्की और कर्टिस प्रायम. हुआंग के नेतृत्व में एनवीडिया ने शानदार प्रदर्शन किया और 2019 से लेकर अब तक एनवीडिया का स्टॉक 3,700% उछला है. आज AI टेक्नोलॉजी की डिमांड काफी बढ़ गई है, इसी वजह से कंपनी को फायदा हुआ है. बता दें कि एनवीडिया का मार्केट कैप भारत की इकोनॉमी से भी ज्यादा बड़ा है.
‘जब तक कुछ हासिल नहीं होता मैं वो काम नहीं छोड़ता’
सोशल मीडिया हुआंग की तारीफों से भरा रहता है. एक्स पर एक यूजर ने उनके लिए लिखा है कि, “हुआंग की कहानी हमें याद दिलाती है कि कोई काम किसी से कम नहीं है. डिशवॉशर से सीईओ तक उनकी यात्रा कड़ी मेहनत और विनम्रता के महत्व को दर्शाती है.”
एक अन्य ने लिखा कि, “उनका करियर ही हमारे लिए सबसे ज्यादा प्रेरणादायक है.”
हाल ही में स्टैनफोर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस के साथ एक इंटरव्यू में, हुआंग ने अपनी शुरुआती नौकरियों को लेकर कहा कि, “मैंने कभी भी कोई भी काम बिना कुछ हासिल करने से पहले नहीं छोड़ा. मैं कभी भी खाली हाथ वापस नहीं गया, मैं बहुत स्किल्ड था.”
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