अमीरों का नया फॉर्मूला: गोल्ड छोड़कर क्रिप्टो में क्यों पैसा लगा रहे देश के रईस?

क्या भारत के सबसे अमीर निवेशक सोने से क्रिप्टो की ओर रुख कर रहे हैं? एक नई रिपोर्ट से पता चलता है कि हाई नेट वर्थ वाले व्यक्ति (HNI) अपनी संपत्ति का 2-5% बिटकॉइन और एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी में लगा रहे हैं. लेकिन वे सोने और रियल एस्टेट जैसी पारंपरिक संपत्तियों से क्यों दूर जा रहे हैं? क्या क्रिप्टो को अब एक ज्यादा लाभदायक दीर्घकालिक निवेश माना जा रहा है? हमारे जैसे खुदरा निवेशकों के लिए इसका क्या मतलब है? क्या यह रुझान भारत में क्रिप्टो के वैधीकरण को गति दे सकता है? आइए निवेश की बदलती मानसिकता को समझते हैं.

हालांकि, देश में नियामक स्पष्टता की कमी और उच्च कराधान के कारण क्रिप्टो ट्रेडिंग और निवेश में अभी भी सावधानी बरती जा रही है. क्रिप्टो निवेश प्लेटफॉर्म मुड्रेक्स ने एचएनआई ट्रेडिंग वॉल्यूम को पिछले सप्ताह से 30 प्रतिशत बढ़ाकर $10 मिलियन तक देखा है. कॉइनडीसीएक्स पर एचएनआई का औसत प्रति ट्रेड साइज, जो जून में लगभग 5 लाख रुपये प्रति ट्रेड था, जुलाई में लगभग 25-30 प्रतिशत बढ़ गया.