IPO बाजार में सन्नाटे की ये हैं 3 बड़ी वजह, LG, टाटा कैपिटल समेत इन कंपनियों ने टाला 1.47 लाख करोड़ का प्लान
पिछले साल मार्केट में एक के बाद एक कई कंपनियां अपना आईपीओ ला रही थी, लेकिन साल 2025 से इसमें सन्नाटा छाया हुआ है. कई दिग्गज कंपनियों ने अपने आईपीओ के प्लान को टाल दिया है, तो क्या है इसकी बड़ी वजह और क्यों निवेशकों का रिस्पांस है ठंडा जानें पूरी डिटेल.

IPO market down: भारत का आईपीओ बाजार जो कभी निवेशकों के लिए गुलजार हुआ करता था, अब ठंडा पड़ चुका है. पिछले साल कंपनियां शेयर बाजार में उतरने के लिए लाइन लगाए खड़ी थीं, वहीं तस्वीर अब बिल्कुल उलट है. प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के मुताबिक, 144 कंपनियां जिनके प्रस्तावित आईपीओ की कीमत 1.47 लाख करोड़ रुपये है, फिलहाल ठप पड़ी हैं. इनमें से 67 कंपनियां तो सेबी की मंजूरी के इंतजार में अटकी हैं. 2025 की शुरुआत से ही आईपीओ बाजार में सुस्ती बनी हुई है. जनवरी और फरवरी में महज 10 मेनबोर्ड आईपीओ आए, जिनसे 16,000 करोड़ रुपये जुटाए गए. यह दिसंबर 2024 की तुलना में 37% कम है. वहीं मार्च में एक भी मेनबोर्ड आईपीओ नहीं आया. तो क्या है इस सुस्ती की वजह आइए जानते हैं.
सेबी की सख्ती का दिखा असर
IPO बाजार में सुस्ती सिर्फ मार्केट की अस्थिरता की वजह से नहीं है, बल्कि इस पर सेबी की सख्ती का भी असर दिखाई दे रहा है. बाजार नियामक के सख्त नए नियम कंपनियों की राह में रोड़ा बने हुए हैं. सेबी के मार्केट इन्फ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस (MII) फ्रेमवर्क नए अनुपालन नियम और समय-सीमा से कंपनियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
बड़ी कंपनियों के बदले प्लान
आईपीओ मार्केट में छाए सन्नाटे का एक कारणा कई बड़ी कंपनियों के प्लान को टालना भी है. दरअसल कई कंपनियों ने या तो अपने आईपीओ को टाल दिया है या फिर उनकी वैल्यूएशन को कम कर दिया है. तो कौन-सी हैं वो कंपनियों जिनके टले आईपीओ प्लान आइए जानते हैं.
एथर एनर्जी
इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली इस कंपनी ने पहले 4,000 करोड़ रुपये का आईपीओ लाने वाली थी, लेकिन कंपनी ने अब इसे घटाकर 3,000 करोड़ कर दिया है. कंपनी की वैल्यूएशन भी 20,000 करोड़ से लुढ़ककर 12,800 करोड़ रुपये पर आ गई. दो बार ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) में बदलाव करने के बाद अब यह अप्रैल के अंत तक लॉन्च की उम्मीद है.
अर्बन कंपनी
इस कंपनी ने पहले 2-3 बिलियन डॉलर की वैल्यूएशन के साथ 3,000 करोड़ रुपये जुटाने का प्लान बनाया था, लेकिन अब बात 500 करोड़ पर आईपीओ लाने की प्लानिंग है, यानी इसमें 80% की कटौती की गई है. कंपनी ने अभी तक आईपीओ को लेकर DRHP दाखिल नहीं किया है. सूत्रों के मुताबिक 2025 के अंत तक इसके आईपीओ के आने की उम्मीद है.
मिल्की मिस्ट
डेयरी ब्रांड अपने 2,000 करोड़ रुपये के आईपीओ के साथ साल के अंत तक बाजार में उतरने की तैयारी में है. FY24 में 50 करोड़ का मुनाफा कमाने वाली इस कंपनी को निवेशकों से ठंडा रिस्पांस मिलने की आशंका है. इसलिए कंपनी प्री-आईपीओ फंडिंग राउंड पर काम कर रही है.
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया
देश की नामी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी एलजी 15,000 करोड़ रुपये का मेगा ऑफर-फॉर-सेल लाने वाली थी. इसे देश के सबसे बड़े कंज्यूमर आईपीओ में से एक माना जा रहा था. हालांकि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और निवेशकों के ठंडे रवैये के चलते कंपनी ने आईपीओ के प्लान पर अभी ब्रेक लगा दिया है.
JSW सीमेंट
4,000 करोड़ रुपये का आईपीओ अब जुलाई तक खिसक गया है.
जेप्टो
क्विक कॉमर्स कंपनी प्री-आईपीओ फंडिंग के जरिए देसी निवेशकों को अपने साथ जोड़ने में जुटी है. वैल्यूएशन में बदलाव के बीच अब यह 2025 की तीसरी तिमाही में आईपीओ लाने की सोच रही है.
टाटा कैपिटल
15,000 करोड़ रुपये का यह बहुप्रतीक्षित आईपीओ भी मौजूदा बाजार माहौल के चलते टल गया है.
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निवेशकों का ठंडा रिस्पांस
आईपीओ को लेकर निवेशकों का उत्साह भी ठंडा पड़ गया है. ब्याज दरों की अनिश्चितता, वैश्विक आर्थिक मंदी और स्थानीय बाजार को देखते हुए निवेशक अपना ज्यादा पैसा नहीं लगाना चाहते हैं. इससे कंपनियां भी सतर्क हो गई हैं. निवेशकों के रिस्पांस को ध्यान में रखते हुए वो आईपीओ लाने से बच रहे हैं.
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