Zerodha क्यों नहीं लेती ब्रोकरेज फीस? नितिन कामथ ने बताई असली वजह, इन्वेस्टर्स के प्रॉफिट से जुड़े हैं तार

Zerodha के नितिन कामथ ने बताया कि जीरो-ब्रोकरज मॉडल क्यों यूजर्स को कम ट्रेड करने में मदद करता है. उनके मुताबिक ज्यादा ट्रेडिंग से नुकसान बढ़ता है और निवेशक का अकाउंट ब्लो हो सकता है. सोशल मीडिया पर यूजर्स ने कामथ की पारदर्शिता और इंटीग्रिटी की सराहना की.

जीरोधा के को-फाउंडर नितिन कामथ. Image Credit: TV9 Bharatvarsh

Zerodha के को-फाउंडर नितिन कामथ ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये बताया है कि कैसे उनकी फर्म का जीरो-ब्रोकरज मॉडल निवेशकों के लिए फायदे का सौदा है. कामथ के मुताबिक प्लेटफॉर्म का मकसद ग्राहकों को ज्यादा ट्रेड करवाना नहीं, बल्कि उन्हें नुकसान से बचाना है. कामथ ने बताया कि Zerodha के क्लाइंट दूसरी ब्रोकरेज फर्म के क्लाइंट्स के मुकाबले 75% कम ट्रेड करते हैं.

क्यों कम ट्रेडिंग से बढ़ती है प्रॉफिट की संभावना

कामथ ने बताया कि उनकी फर्म के जीरो ब्रोकरेज मॉडल की वजह से निवेशकों को फायदा होता है. कामथ का कहना है कि अधिकतर मामलों में ज्यादा ट्रेडिंग का मतलब बेहतर रिटर्न नहीं होता. बल्कि, ट्रेडिंग की फ्रीक्वेंसी बढ़ने से निवेशकों के अकाउंट के ‘ब्लो आउट’ होने की संभावना बढ़ जाती है. यानी, जितनी अधिक एक्टिविटी, उतना ज्यादा रिस्क और नुकसान होता है. इसी वजह से Zerodha शुरुआत से ही नोटिफिकेशन, ट्रेंडिंग स्टॉक्स या डार्क पैटर्न जैसी चीजें इस्तेमाल नहीं करता. क्योंकि, इनकी वजह से यूजर बार-बार ऐप पर आते हैं और ट्रेड करते हैं.

क्या है Zerodha का मॉडल?

कामथ ने साफ किया कि Zerodha की टीम को कभी भी ब्रोकरज रेवेन्यू पर इंसेंटिव नहीं दिया गया. यह कंपनी का सिद्धांत है कि क्लाइंट जितना कम ट्रेड करेगा, उतनी ज्यादा संभावना है कि वह लंबे समय तक सरवाइव करेगा और प्लेटफॉर्म से जुड़ा रहेगा. उन्होंने कहा कि शॉर्टकट से रेवेन्यू बढ़ाना आसान होता है, लेकिन कंपनी ने शुरुआत से ही इस FOMO को दरकिनार किया.

यूजर्स ने कहा ‘इंटीग्रिटी यही है’

कामथ की पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई. एक यूजर ने लिखा, “कम ट्रेडिंग का मतलब ज्यादा सरवाइवल—किसी फाउंडर को यह मानते देखना दुर्लभ है. जब इंसेंटिव चर्न पर नहीं बल्कि लॉन्ग-टर्म पर हों, तभी ट्रेडर सोच पाता है, सिर्फ क्लिक नहीं.” एक अन्य यूजर ने कहा, “कस्टमर वेलबीइंग को प्राथमिकता देने वाला ब्रोकरेज मॉडल ताजगी भरा है. कम एक्टिविटी भी बेहतर रिजल्ट दे सकती है. इंटीग्रिटी बनाए रखें.”

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