अप्रैल में 13 महीने के निचले स्‍तर पर पहुंची थोक महंगाई दर, खाद्य और ईंधन की कीमतों ने दी राहत

थोक महंगाई दर में कमी दर्ज की गई है. सरकार की ओर से बुधवार को जारी WPI आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2025 में इसमें 0.85% की गिरावट देखने को मिली है, जिससे ये 13 महीने के निचले स्‍तर पर पहुंच गई है. तो किन वजह से इसमें आई नरमी, जानें वजह.

WPI में अप्रैल में आई गिरावट Image Credit: Money9

WPI inflation 2025: भारत में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई दर अप्रैल 2025 में 13 महीने के निचले स्‍तर पर पहुंच गई है. ये घटकर 0.85% पर आ गई है. सरकार की ओर से बुधवार को जारी WPI आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं और ईंधन की कीमतों में नरमी के कारण यह कमी आई है. मार्च में WPI महंगाई दर 2.05% थी, जबकि पिछले साल अप्रैल में यह 1.19% थी.

इन चीजों ने दी राहत

अप्रैल में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में 0.86% की गिरावट दर्ज की गई, जो मार्च में 1.57% थी. सब्जियों के दाम घटने से थोक महंगाई दर कम हुई है. इसके अलावा प्याज की महंगाई भी मार्च के 26.65% से घटकर अप्रैल में मात्र 0.20% रह गई. इसके अलावा ईंधन और बिजली सेगमेंट में अप्रैल में 2.18% की कमी देखी गई, जबकि मार्च में यह 0.20% था.

खुदरा मंहगाई भी घटी

मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में घटकर 3.16% पर आ गई, जो जुलाई 2019 के बाद सबसे निचला स्तर है. सब्जियों, फलों, दालों और अन्य प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी इसका मुख्य कारण रही. बता दें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) मौद्रिक नीति तय करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर विचार करता है.

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RBI के लिए दर कटौती का मौका

महंगाई में नरमी ने RBI के लिए जून 2025 में होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में रेपो रेट में कटौती का रास्ता खोल दिया है. बता दें अप्रैल में, RBI ने बेंचमार्क नीतिगत दर को 0.25% घटाकर 6% कर दिया था. इसका मकसद अमेरिकी जवाबी टैरिफ के खतरे का सामना कर रही अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देना था. RBI ने चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान 4.2% से घटाकर 4% कर दिया है.