बंद हो रही है Zomato? CEO दीपिंदर गोयल ने तोड़ी चुप्पी, बताया आखिर क्या है सच
सोशल मीडिया पर Zomato के डूबने और बाजार हिस्सेदारी खोने के दावों के बीच कंपनी के सीईओ दीपिंदर गोयल ने सफाई दी है. उन्होंने इन अफवाहों को पूरी तरह झूठा बताते हुए कहा कि Zomato न तो मार्केट में हिस्सेदारी गंवा रही है और न ही कर्मचारियों पर ऑर्डर करने का दबाव बना रही है.

Deepinder Goyal on Zomato Viral Claim: फूड डिलीवरी के सेगमेंट में कुछ कंपनियां ही पूरे बाजार पर राज कर रही हैं. इनमें शीर्ष कंपनियों में से एक Zomato का नाम भी आता है. जोमैटो फूड डिलीवरी के साथ स्नैक्स और दूसरे आइटम्स की भी डिलीवरी करता है. लेकिन पिछले कुछ समय से कंपनी को लेकर एक दावा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है कि जोमैटो डूब रही है. इसको लेकर कंपनी के सीईओ दीपिंदर गोयल ने सोशल मीडिया पर इसका जवाब दिया है. उन्होंने जोमैटो को लेकर चल रही है बातों को पूरी तरह से बकवास करार दिया है. उन्होंने कहा कि न हम बाजार में अपनी हिस्सेदारी गंवा रहे हैं और न ही कर्मचारियों को ऑर्डर करने के लिए दबाव बना रहे.
क्या कहा दीपिंदर गोयल ने?
कंपनी के सीईओ दीपिंदर गोयल ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए इन तमाम बातों को झूठा ठहरा दिया. गोयल ने लिखा, “न हम मार्केट में अपनी हिस्सेदारी गंवा रहे है और न ही अपने कर्मचारियों को जोमैटो से ऑर्डर करने के लिए फोर्स कर रहे हैं.” उन्होंने कहा कि यह स्पष्टीकरण देना भी शर्मनाक है चूंकि कई लोगों ने मुझसे चिंता जताई है. इसलिए स्पष्ट करना जरूरी लगा.
क्या है पूरा मामला?
पूरे विवाद की शुरुआत 25 अप्रैल को एक रेडिट पोस्ट से हुई. इसमें एक यूजर ने दावा किया कि जोमैटो की आंतरिक स्थिति खराब हो गई है और अब वह पटरी से उतर गई है. उसी के साथ पोस्ट में कंपनी की मार्केट में हिस्सेदारी कम होने की बात को भी शामिल किया गया था. बतौर पोस्ट, जोमैटो अपना बाजार हिस्सेदारी स्विगी और जेप्टो कैफे जैसे कॉम्पटीटर्स के कारण खो रही है.
इसके अलावा पोस्ट में यह भी आरोप लगाया गया कि कर्मचारियों को हर महीने कम से कम सात बार जोमैटो से ऑर्डर करना अनिवार्य किया गया है. उसके साथ जोमैटो के कॉम्पटीटर कंपनियों के इस्तेमाल पर भी पाबंदी होने की बात को पोस्ट में शामिल किया गया है.
रेडिट यूजर के खिलाफ क्या होगा?
रेडिट पोस्ट में डिलीवरी मॉडल को लेकर भी सवाल उठाए गए. उसमें लिखा था कि जोमैटो अपने डिलीवरी पार्टनर को स्विगी और दूसरे प्लेटफॉर्म के मुकाबले कम पैसे देती है जिसके कारण वह पलायन कर रहे हैं. हालांकि इन तमाम दावों को दीपिंदर गोयल ने अपनी प्रतिक्रिया में झूठा करार दिया है. हालांकि उनके पोस्ट में रेडिट यूजर को लेकर कोई एक्शन लिए जाने की बात नहीं लिखी थी.
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