57185 करोड़ के कर्ज में फंसी इस कंपनी पर अडानी, वेदांता, डालमिया की नजर, जानें किसके प्लान में दम; कौन मारेगा बाजी
कर्ज में फंसी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) को दिवाला प्रक्रिया के तहत खरीदने के लिए अडानी और डालमिया समेत कई दिग्गजों ने अपनी दिलचस्पी दिखाई है. इसके लिए उन्होंने रेजोल्यूशन प्लान भी जमा किया है. 25 जून को कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स की 15वीं बैठक है, जिसमें इन योजनाओं की समीक्षा होगी.

Jaypee Group insolvency case: रियल एस्टेट, सीमेंट, हॉस्पिटैलिटी, इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में अपनी धाक जमाने वाली दिग्गज कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) एक बार फिर सुर्खियों में है. दरअसल JAL ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी कर्ज के जाल में फंसी है और इसे खरीदने के लिए गौतम अडानी की अडानी ग्रुप, अनिल अग्रवाल की वेदांता, और डालमिया भारत सीमेंट जैसी दिग्गज कंपनियों ने अपनी दिलचस्पी दिखाई है. एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक इन दिग्गज कंपनियों ने JAL को दिवाला प्रक्रिया (CIRP) के जरिए हासिल करने के लिए अपनी समाधान योजनाएं पेश की हैं. JAL पर ₹57,185 करोड़ का कर्ज है.
JAL को खरीदने की रेस में सुरक्षा ग्रुप ने भी बोली लगाई थी, इसने पहले जयप्रकाश इन्फ्राटेक को खरीदा था. इससे अलावा बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने भी शुरुआती दौर में दिलचस्पी दिखाई थी, लेकिन बाद में इसने कदम पीछे खींच लिए.
कौन-कौन हैं रेस में?
अप्रैल 2024 में 25 कंपनियों ने JAL को खरीदने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) जमा किया था. इनमें अडानी एंटरप्राइजेज, वेदांता, डालमिया भारत सीमेंट, टोरेंट पावर, GMR बिजनेस एंड कंसल्टेंसी, जिंदल इंडिया पावर, जिंदल पावर, कोटक ऑल्टरनेट असेट मैनेजर्स, ओबेरॉय रियल्टी, और PNC इन्फ्राटेक जैसे बड़े नाम शामिल थे. इसके अलावा कुछ और कंपनियों जैसे ऑथम इनवेस्टमेंट, विंरो कमर्शियल, डिकी असेट मैनेजमेंट, और रश्मि मेटालिक्स भी इस रेस में शामिल थे. हालांकि, 24 जून 2025 की डेडलाइन तक सिर्फ अडानी ग्रुप, वेदांता, डालमिया भारत सीमेंट, और सुरक्षा ग्रुप ने ही फाइनल रेजोल्यूशन प्लान जमा किया है.
बढ़ाई गई थी डेडलाइन, फैसले पर नजर
JAL के लेनदारों ने संभावित बोलीदाताओं के अनुरोध पर, समाधान योजनाओं को जमा करने की समय सीमा को 9 जून से बढ़ाकर 24 जून 2025 कर दिया था. 25 जून यानी आज कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (CoC) की 15वीं बैठक में इन योजनाओं की समीक्षा होगी, जो कंपनी के भविष्य का फैसला करेगी.
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क्या है JAL का मामला?
जयप्रकाश एसोसिएट्स को 3 जून 2024 को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT), इलाहाबाद बेंच ने कॉर्पोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस (CIRP) में भेजा था. कंपनी ने लोन चुकाने में डिफॉल्ट किया, जिसके बाद लेनदारों ने ₹57,185 करोड़ का दावा पेश किया था. बता दें नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NARCL) ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के नेतृत्व वाले लेनदारों के कंसोर्टियम से JAL के स्ट्रेस्ड लोन लिया था और अब वह इसके लिए सबसे बड़ा दावेदार है.
कैसे मुश्किलों में घिरी कंपनी?
1979 में जयप्रकाश गौर की ओर से स्थापित जयप्रकाश ग्रुप ने यमुना एक्सप्रेसवे, जयप्रकाश ग्रीन्स विशटाउन (नोएडा), और जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास जयप्रकाश इंटरनेशनल स्पोर्ट्स सिटी जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स बनाए. लेकिन भारी कर्ज और प्रोजेक्ट्स में देरी ने ग्रुप को मुश्किल में डाल दिया. जयप्रकाश इन्फ्राटेक को पहले ही सुरक्षा ग्रुप ने CIRP के जरिए ले लिया था, इसे नोएडा-ग्रेटर नोएडा में 20,000 अपार्टमेंट्स पूरे करने हैं. JAL की सब्सिडियरी जयप्रकाश पावर वेंचर्स (JPVL) भी कर्ज में डूबी है.
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