HAL के शेयर भर सकते हैं उड़ान! मार्च तक वायुसेना को देगी 6 तेजस लड़ाकू विमान, मेगा कॉन्ट्रैक्ट से बूस्ट की उम्मीद
प्रमुख डिफेंस कंपनी HAL भारतीय वायुसेना को अगले साल मार्च तक 6 तेजस लडाकू विमान डिलीवर करेगी, इससे न सिर्फ सेना की ताकत बढ़ेगी, बल्कि इससे कंपनी के शेयरों पर भी असर देखने को मिल सकता है. हालांकि एचएएल को ये प्रोजेक्ट पहले डिलीवर करना था, लेकिन इसमें इंजन के समय पर न मिलने से देरी हो रही है, इस बात का खुलासा खुद कंपनी के प्रमुख ने एक इंटरव्यू में किया.

HAL share price: डिफेंस सेक्टर की दिग्गज कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के शेयरों में आने वाले दिनों में हलचल दिख सकती है. दरअसल कंपनी भारतीय वायु सेना को मार्च 2026 तक वायुसेना को कम से कम आधा दर्जन यानी करीब 6 तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) मुहैया कराएगी. इसका ऐलान खुद कंपनी के सीएमडी डी के सुनील ने किया है. उनका ये बयान ऐसे समय आया है, जब हाल ही में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने तेजस Mk-1A की डिलीवरी में देरी पर चिंता जताई थी.
HAL ने साफ किया कि तेजस की डिलीवरी में देरी की वजह अमेरिकी कंपनी GE Aerospace की ओर से F404 इंजनों की सप्लाई में देरी है. वहीं HAL ने प्रचंड लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर के लिए ₹62,700 करोड़ का मेगा कॉन्ट्रैक्ट भी हासिल किया है. ऐसे में आने वाले दिनों में कंपनी के शेयरों में हलचल देखने को मिल सकती है.
क्यों हुई तेजस डिलीवरी में देरी?
HAL के प्रमुख सुनील ने PTI वीडियोज को दिए एक इंटरव्यू में तेजस की डिलीवरी के लेट होने का कारण बताया. उनका कहना है कि तेजस Mk-1A की डिलीवरी में देरी GE Aerospace की ओर से इंजन सप्लाई में देरी के कारण हुई. उनकी कंपनी ने छह विमान तैयार कर लिए हैं, लेकिन GE से इंजन नहीं आए है. उन्होंने यह भी बताया कि 2023 में इंजन मिलने वाले थे, लेकिन अब तक सिर्फ एक इंजन ही मिला है. कोविड महामारी और GE के सीनियर इंजीनियर्स के कंपनी छोड़ने से सप्लाई चेन में रुकावट आई हैं, हालांकि अब तकनीकी समस्याएं सुलझ गई हैं. एचएएल प्रमुख ने बताया कि GE मार्च 2026 तक 12 इंजन सप्लाई करेगा. ऐसे में वे इस वित्त वर्ष में एयरफोर्स को अपना प्रोडक्ट डिलीवर कर देंगे.
तेजस की खासियत
तेजस Mk-1A एक सिंगल-इंजन मल्टी-रोल फाइटर जेट है, जो हाई-थ्रेट हवाई माहौल में ऑपरेट कर सकता है. यह एयर डिफेंस, समुद्री टोही और स्ट्राइक मिशनों के लिए डिजाइन किया गया है. इसमें विश्व स्तरीय रडार, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सुइट्स और कई तरह की मिसाइलें हैं, जो इसे वायुसेना के लिए एक ताकतवर हथियार बनाती हैं. यह जेट IAF के पुराने MiG-21 फाइटर जेट्स की जगह लेगा, क्योंकि वायुसेना की स्क्वाड्रन संख्या 42 के सैंक्शन स्ट्रेंथ से घटकर 31 रह गई है. 2021 में रक्षा मंत्रालय ने HAL के साथ 83 तेजस Mk-1A के लिए ₹48,000 करोड़ का सौदा किया था, और अब 97 और जेट्स के लिए ₹67,000 करोड़ का ऑर्डर प्रक्रिया में है.
विदेशों में तेजस की डिमांड
सुनील ने इंटरव्यू में बताया कि कई देश तेजस जेट में दिलचस्पी दिखा रहे हैं, और HAL कुछ देशों के साथ बातचीत कर रहा है. उन्हें जल्द ही कोई बड़ा ऑर्डर मिलने की उम्मीद है. यह भारत के रक्षा निर्यात को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है. एचएएल के पास मौजूद इन बड़े प्रोजेक्ट्स के चलते डिफेंस सेक्टर में इसकी पकड़ मजबूत है, जिसका असर इसके शेयरों पर भी देखने को मिल रहा है. HAL के शेयर अभी 4,885.10 रुपये पर है. इसने 6 महीने में 15.51% का रिटर्न दिया है, जबकि पांच साल में ये 1,182.58% है.
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प्रचंड हेलिकॉप्टर की भी HAL पर जिम्मेदारी
HAL ने मार्च 2025 में 156 प्रचंड लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर (LCH) के लिए ₹62,700 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया था. प्रचंड भारत का पहला स्वदेशी कॉम्बैट हेलिकॉप्टर है, जो 4,500 मीटर से ज्यादा की ऊंचाई पर ऑपरेट कर सकता है. इसकी डिलीवरी 2028 से शुरू होगी, जो भारतीय सेना की युद्ध क्षमता को और मजबूत करेगा.
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