Agni 5 का हुआ सफल परीक्षण, अब भारतीय न्यूक्लियर हथियारों की जद में पूरा एशिया और आधा यूरोप
भारत ने ओडिशा के चांदीपुर से Agni-5 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया. 5000+ किमी की रेंज वाली यह मिसाइल अब पूरे एशिया और आधे यूरोप तक पहुंच रखती है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, लॉन्च ने सभी तकनीकी और ऑपरेशनल पैरामीटर्स को सफलतापूर्वक पूरा किया.
भारत के स्ट्रैटेजिक हथियारों का जखीरा अब और ज्यादा मजबूत व खतरनाक हो गया है. बुधवार को भारत ने न्यूक्लियर हमले में सक्षम Agni-5 इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (IRBM) का सफल परीक्षण किया. यह लॉन्च ओडिशा के चांदीपुर स्थित Integrated Test Range से किया गया. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, Strategic Forces Command (SFC) की देखरेख में किए गए इस परीक्षण के दौरान मिसाइल ने सभी तकनीकी और ऑपरेशनल पैरामीटर्स को सफलतापूर्वक पूरा किया है.
कितनी है Agni-5 की रेंज?
भारत अक्सर अपनी मिसाइलों की वास्तविक क्षमता को अंडरस्टेट करता है, ताकि कूटनीतिक कारणों और मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रेजीम (MTCR) जैसी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के साथ संतुलन बना रहे. DRDO की तरफ से आधिकारिक तौर मिसाइल की रेंज का सटीक आंकड़ा नहीं दिया गया है.
अग्नि मिसाइल | रेंज (किमी) | करंट स्टेटस | प्रमुख खासियत |
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Agni-1 | 700 किमी | ऑपरेशनल | शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल, पाकिस्तान को कवर करने के लिए डिजाइन. |
Agni-2 | 2000 किमी | ऑपरेशनल | मीडियम-रेंज, चीन और पाकिस्तान के स्ट्रैटेजिक टारगेट्स तक पहुंच. |
Agni-3 | 2500-3000 किमी | ऑपरेशनल | हेवी पेलोड (2 टन तक), डीप स्ट्राइक कैपेबिलिटी. |
Agni-4 | 3500-4000 किमी | ऑपरेशनल | हाई एक्युरेसी, नॉर्थ चाइना तक पहुंच. |
Agni-5 | 5000–8000 किमी | ऑपरेशनल | भारत की सबसे लंबी रेंज वाली न्यूक्लियर कैपेबल मिसाइल, यूरोप तक कवरेज. |
Agni-6 | 8000–10,000 किमी | डेवलपमेंट स्टेज | MIRV टेक्नोलॉजी (एक साथ कई न्यूक्लियर वॉरहेड), इंटरकॉन्टिनेंटल रेंज. |
हालांकि, आधिकारिक बयान के मुताबिक Agni-5 की रेंज 5000 किमी से अधिक है. वहीं, कई डिफेंस एक्सपर्ट्स और इंटरनेशनल थिंक टैंक जैसे- SIPRI और GlobalSecurity.org का मानना है कि असल में इसकी रेंज 7000–8000 किमी तक हो सकती है.
क्यों अहम है यह परीक्षण?
Agni-5 की जद में पूरा एशिया और करीब आधा यूरोप आता है. इस तरह भारत को दुनिया के उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल करती है, जिनके पास इतनी लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें मौजूद हैं. भारत की यह उपलब्धि पड़ोसियों के लिए भी बड़ा संदेश है. Agni-5 का परीक्षण ऐसे समय में हुआ है जब वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा माहौल लगातार बदल रहा है और भारत को अपनी स्ट्रैटेजिक डिटरेंस कैपेबिलिटी और मजबूत करनी है.
चीन और पाकिस्तान की तुलना में भारत कहां?
Agni-5 का सीधा असर भारत के दोनों पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान पर पड़ता है. इन दोनों ही देशों के साथ सीमा विवाद के चलते हमेशा संघर्ष की आशंका बनी रहती है. बहरहाल, इस तरह की मिसाइल के लिहाज से देखें, तो चीन के पास Dongfeng-31A (DF-31A) और DF-41 जैसी लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें हैं. DF-31A की रेंज करीब 11,000 किमी है जबकि DF-41 की रेंज 12,000–15,000 किमी तक मानी जाती है. वहीं, Agni-5 से भारत को चीन के हर हिस्से को टारगेट करने की क्षमता मिल जाती है. वहीं, पाकिस्तान के पास Agni-5 जैसी लंबी दूरी की मिसाइल नहीं है. उसकी सबसे लंबी दूरी की मिसाइल Shaheen-III है, जिसकी रेंज करीब 2750 किमी है.
क्या है दुनिया को अग्नि का संदेश?
Agni-5 का यह परीक्षण भारत की सैन्य क्षमता को ही नहीं बल्कि उसकी रणनीतिक स्थिति को भी मजबूत करता है. चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसियों के बीच भारत अब एक ऐसी शक्ति के रूप में सामने आया है जिसके पास न सिर्फ शॉर्ट और मीडियम रेंज बल्कि अल्ट्रा-लॉन्ग रेंज स्ट्राइक कैपेबिलिटी भी मौजूद है. Agni-5 मिसाइल का सफल परीक्षण भारत को वैश्विक स्तर पर उन चंद देशों की कतार में शामिल करता है, जिनके पास 5000 किमी से ज्यादा रेंज वाली मिसाइलें हैं. यह भारत की न्यूक्लियर डिटरेंस स्ट्रेटेजी को और मजबूती देता है और यह साफ संदेश देता है कि भारत अपने हितों और सुरक्षा की रक्षा के लिए पूरी तरह सक्षम है.