रिकॉर्ड हाई पर बेचना है सोना, तो पहले जान लें ज्वेलरी, गोल्ड ETF, म्यूचुअल फंड से हुए मुनाफे पर कितना कटेगा टैक्स
गोल्ड इन्वेस्टमेंट टैक्स का नया नियम 23 जुलाई 2024 से लागू है. नए नियमों के अनुसार, फिजिकल गोल्ड, गोल्ड ईटीएफ और म्यूचुअल फंड पर होने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर अब 12.5% का फ्लैट टैक्स लगाया जाता है. पहले की तरह इंडेक्सेशन का लाभ अब नहीं मिलेगा. वहीं, सोवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGB) को मैच्योरिटी से पहले बेचने पर भी 12.5% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना पड़ेगा.

भारत में सोने की कीमतों ने अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है. देश में 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने की कीमत 1,21,200 रुपये के रिकॉर्ड हाई स्तर तक पहुंच गई है. एमसीएक्स पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, पिछले एक साल में सोने की कीमतों में 50 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है और पिछले 3 सालों में इसकी चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) 30 प्रतिशत रही है. भारत में चल रहे त्योहारी सीजन के दौरान इस पीली धातु की मांग ऊंची रहने की उम्मीद है क्योंकि लोग ज्वेलरी के रूप में और निवेश के लिए सोना खरीदना जारी रख रहे हैं. वहीं, आप सोने में चाहे किसी भी रूप में निवेश करें, आपको इसे बेचने पर होने वाले किसी भी लाभ पर इनकम टैक्स देना होगा. आइये जानते हैं कि सोने से होने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स के क्या नियम हैं.
सोना खरीदने और बेचने पर टैक्स
जब आप सोना खरीदते हैं, तो कोई इनकम टैक्स नहीं लगता है लेकिन सोने की खरीद पर 3 फीसदी GST और मेकिंग चार्ज पर भी 5% GST लगता है. दूसरी ओर, जब आप सोना बेचते हैं, तो आपको इनकम टैक्स देना पड़ता है. फिजिकल सोने की बिक्री से होने वाले लाभ पर टैक्स व्यवस्था में बदलाव आया है. वित्त अधिनियम 2024 द्वारा 23 जुलाई 2024 से लागू संशोधनों के कारण फिजिकल गोल्ड और अन्य प्रकार के सोने की बिक्री पर होने वाले लाभ पर टैक्स व्यवस्था में काफी बदलाव आया है. एक प्रमुख बदलाव यह है कि सेकेंड्री मार्केट में फिजिकल गोल्ड, गोल्ड ईटीएफ, गोल्ड म्यूचुअल फंड या एसजीबी से होने वाले लाभ पर कोई इंडेक्सेशन लाभ नहीं मिलता है.
फिजिकल गोल्ड से होने वाले गेन पर टैक्स
अगर आप 24 महीने या उससे कम समय के लिए फिजिकल गोल्ड रखते हैं, तो आपको सोने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (एसटीसीजी) टैक्स देना होगा, जो स्लैब दर पर लगाया जाता है. अगर होल्डिंग पीरियड 24 महीने से ज्यादा है, तो 12.5% की दर से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा और सेलर को इंडेक्सेशन लाभ नहीं मिलेगा.
ईटीएफ और गोल्ड म्यूचुअल फंड से होने वाले लाभ पर टैक्स
गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) हाई प्योरिटी वाले सोने में निवेश करते हैं. गोल्ड म्यूचुअल फंड, गोल्ड ईटीएफ में निवेश करते हैं. अगर गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड म्यूचुअल फंड की होल्डिंग अवधि 12 महीने या उससे कम है, तो लाभ पर एसटीसीजी टैक्स लगेगा. अगर होल्डिंग अवधि 12 महीने से ज्यादा है तो इंडेक्सेशन लाभ के बिना मुनाफे पर 12.5% की दर से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) से होने वाले मुनाफे पर टैक्स
SGB, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा जारी की जाने वाली सिक्योरिटी हैं. ये बॉन्ड 999 शुद्धता वाले सोने से समर्थित होते हैं और इनकी मैच्योरिटी अवधि 8 वर्ष होती है.इसमें निवेशक को सोने की कीमत बढ़ने के साथ-साथ प्रारंभिक निवेश पर 2.5% वार्षिक ब्याज भी मिलता है. SGB को 5वें वर्ष के बाद समय से पहले भी रिडीम किया जा सकता है. यदि डीमैट फॉर्म में हैं, तो इनका व्यापार स्टॉक एक्सचेंजों पर भी किया जा सकता है।
यदि निवेशक मैच्योरिटी तक SGB रखता है, तो मुनाफे पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगता है. अगर SGB को मैच्योरिटी से पहले स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से सेकेंड्री मार्क्ट में बेचा जाता है तो सेलर को STCG और LTCG का भुगतान करना होगा. होल्डिंग अवधि 12 महीने से कम या उसके बराबर है, तो मुनाफे पर रस्लैब दरों के अनुसार टैक्स लगाया जाएगा. वहीं, होल्डिंग अवधि 12 महीने से अधिक है, तो 12.5% टैक्स लगेगा और सेलक को कोई इंडेक्सेशन लाभ नहीं मिलेगा.
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