UPI पेमेंट के लिए अब नहीं डालना पड़ेगा PIN, फेस और फिंगरप्रिंट ही बन जाएगा पासवर्ड, इस डेट से मिलेगी सुविधा
अगर आप UPI से पेमेंट करते हैं तो आपके लिए एक बड़ी खबर हैं. भारत में 8 अक्टूबर से UPI पेमेंट्स को फेस रेकॉग्निशन और फिंगरप्रिंट से अप्रूव किया जा सकेगा. इसमें आधार बायोमेट्रिक डेटा का उपयोग होगा. यह PIN आधारित सिस्टम को बदलकर डिजिटल लेनदेन को सुरक्षित, तेज और आसान बनाने के लिए उठाया गया है.
UPI पेमेंट के लिए अब यूजर्स को PIN नहीं डालना पड़ेगा बल्कि फेस और फिंगरप्रिंट ही पासवर्ड का काम करेगा. सरकार इसको मंजूरी देने जा रही है. इससे पेमेंट एक्सपीरियंस एकदम बदलने वाला है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 8 अक्टूबर से यूजर्स को अपने लोकप्रिय घरेलू भुगतान नेटवर्क यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के माध्यम से किए जाने वाले पेमेंट को फेस रेकॉग्निशन और फिंगरप्रिंट के जरिए अप्रूव करने की सुविधा मिलेगी. रॉयटर्स के अनुसार, इस मामले से सीधे तौर पर जुड़े 3 सोर्सेज ने मंगलवार को यह जानकारी दी. एक सोर्स ने रॉयटर्स को बताया कि पेमेंट की ऑथेंटिकेशन प्रक्रिया में बायोमेट्रिक डेटा का उपयोग किया जाएगा, जो भारत सरकार के आधार (Aadhar) सिस्टम में सुरक्षित है. यह कदम डिजिटल पेमेंट सुरक्षा को और अधिक मजबूत बनाने के साथ-साथ यूजर्स के लिए पेमेंट प्रक्रिया को सरल बनाने का प्रयास है.
PIN सिस्टम से क्या अलग होगा
यह कदम भारतीय रिज़र्व बैंक के हालिया दिशानिर्देशों के बाद उठाया गया है, जिसमें ऑथेंटिकेशन प्रक्रिया के वैकल्पिक तरीकों की अनुमति दी गई है और यह वर्तमान सिस्टम से अलग होगा जिसमें पेमेंट ऑथराइज करने के लिए एक संख्यात्मक PIN की आवश्यकता होती है लेकिन यह नया सिस्टम उस PIN सिस्टम से अलग होगी और बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन को प्राथमिकता देगी.
चोरी या धोखाधड़ी रुकेगी
UPI का संचालन करने वाली संस्था भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने बताया कि यह नया बायोमेट्रिक फीचर मुंबई में जारी ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल में प्रदर्शित किया जाएगा. रॉयटर्स के मुताबिक, सोर्सेज ने नाम न छापने की शर्त पर यह जानकारी साझा की क्योंकि उन्हें मीडिया से सीधे बात करने की अनुमति नहीं है. इस नए फीचर के आने से डिजिटल लेनदेन में सुरक्षा और विश्वसनीयता बढ़ेगी. बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन के माध्यम से यूजर्स सिर्फ चेहरे की पहचान या फिंगरप्रिंट से पेमेंट को अप्रूव कर पाएंगे जिससे PIN चोरी या धोखाधड़ी के जोखिम में काफी कमी आने की उम्नीद है.
क्या बोली NPCI
NPCI ने अभी तक पर इस विषय में कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं दी है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम भारत के डिजिटल पेमेंट पारिस्थितिकी तंत्र में एक बड़ा बदलाव होगा और इसे अपनाने से डिजिटल लेनदेन अधिक सुरक्षित और आसान बनेंगे. कुल मिलाकर, यह पहल भारतीय यूजर्स को तेज, सरल और सुरक्षित तरीके से भुगतान करने की सुविधा प्रदान करेगी जो देश में डिजिटल लेनदेन को और भी भरोसेमंद बनाएगी।
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