तय हुआ बद्रीनाथ और केदारनाथ के कपाट बंद होने का समय, जानिए शुभ मुहूर्त और तारीख
उत्तराखंड के चारधामों में से एक प्रमुख स्थल में जल्द ही शीतकालीन बंद शुरू होने वाला है. इस मौके पर कई धार्मिक अनुष्ठान और शुभ मुहूर्त भी तय किए जाएंगे. पंचकेदार के अन्य धामों के कपाट बंद होने की तारीखें भी घोषित की जाएंगी.
उत्तराखंड के चारधामों में शामिल बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए 25 नवंबर को बंद हो जाएंगे. हर साल बर्फबारी और कड़ाके की ठंड के कारण ऊंचे हिमालयी क्षेत्रों में स्थित धामों के कपाट कुछ महीनों के लिए बंद कर दिए जाते हैं.
चमोली जिले में स्थित इस मंदिर के कपाट बंद करने की तारीख विजयादशमी के दिन परंपरागत पूजा के बाद तय की गई. बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के पीआरओ डॉ. हरीश गौड़ के अनुसार मंदिर के कपाट 25 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर बंद होंगे.
अन्य धामों का कार्यक्रम
इसके अतिरिक्त, इसी दिन श्री उद्धव जी और श्री कुबेर जी के पांडुकेश्वर के लिए प्रस्थान तथा आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी और भगवान विष्णु के वाहन श्री गरुड़ जी के शीतकालीन गद्दीस्थल नरसिंह मंदिर, ज्योतिर्मठ के लिए प्रस्थान का शुभ मुहूर्त भी निर्धारित किया जाएगा.
इसके अलावा यमुनोत्री धाम के कपाट 23 अक्टूबर को बंद होंगे, जबकि गंगोत्री धाम के कपाट दिवाली के अगले दिन, यानी 24 अक्टूबर को बंद कर दिए जाएंगे.
इसी अवसर पर, पंच केदार के शीतकालीन गद्दी स्थल पर भी कार्य संपन्न होंगे. रुद्रप्रयाग के उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में द्वितीय केदार श्री मदमहेश्वर जी के कपाट बंद करने की तिथि घोषित की जाएगी. इसी तरह, रुद्रप्रयाग के मक्कूमठ स्थित श्री मार्कटेश्वर मंदिर में तृतीय केदार श्री तुंगनाथ जी के कपाट बंद करने की तिथि निर्धारित की जाएगी.
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हर साल अप्रैल-मई में कपाट खुलने के बाद से शुरू होने वाली छह महीने की चारधाम यात्रा को उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है. लाखों श्रद्धालु यात्रा के दौरान प्रदेश का रुख करते हैं और यही पर्यटन राज्य की बड़ी आय का साधन बनता है. बद्रीनाथ, जो चारधाम यात्रा का हिस्सा है, भगवान विष्णु को समर्पित है और प्रतिवर्ष यहां लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं.