खांसी सिरप से मौत पर केंद्र सरकार का एक्शन, दवा बांटने पर लगाई रोक; NCDC ने शुरू की जांच
राजस्थान और मध्यप्रदेश में बच्चों की मौत और गंभीर बीमारियों के मामलों के बाद खांसी की सिरप पर जांच तेज हो गई है. NCDC और राज्य स्वास्थ्य विभाग ने संदिग्ध सिरप के सैंपल इकट्ठा किए हैं. प्रभावित बैच पर वितरण रोक लगा दी गई है और कोल्ड्रिफ और नेक्स्ट्रो-डीएस सिरप पर बैन लगाया गया है. माता-पिता को सलाह दी गई है कि पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कोई भी दवा बिना डॉक्टर की सलाह न दें.
cough syrup: राजस्थान और मध्यप्रदेश में बच्चों की मौत और बीमार होने की घटनाओं के बाद खांसी की सिरप पर जांच तेज हो गई है. राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र ने संदिग्ध सिरप के सैंपल इकट्ठा किए हैं. राजस्थान में मुफ्त दवा योजना के तहत बांटे गए सिरप पर रोक लगा दी गई है. मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में दो प्रकार के सिरप पर बैन लगाया गया है. अधिकारियों का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी.
राजस्थान में बच्चों की तबीयत खराब
राजस्थान के सीकर, भरतपुर और जयपुर में कई बच्चों की तबीयत खराब हुई है. बच्चों को सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती करना पड़ा. मुख्यमंत्री मुफ्त दवा योजना के तहत बांटी गई दवा अब राज्य भर में रोक दी गई है. दवा के प्रभावित बैच के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं. जांच के नतीजे आने तक किसी भी बच्चे को यह सिरप नहीं दिया जा रहा है.
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में छह मौतें
छिंदवाड़ा जिले में पिछले एक महीने में छह बच्चों की मौत हुई है. शुरुआती लक्षण बुखार और पेशाब में कठिनाई के बताए गए. बच्चों ने संदिग्ध खांसी की सिरप का सेवन किया था. प्रशासन ने कोल्ड्रिफ और नेक्स्ट्रो-डीएस सिरप पर रोक लगा दी है. अब जिले में सख्त निगरानी और जांच जारी है.
दवा कंपनियों और सप्लाई पर रोक
राजस्थान मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन ने प्रभावित बैच की शिकायतें मिलने के बाद डिस्ट्रीब्यूशन रोक दिया है. सिरप जयपुर की एक कंपनी द्वारा निर्मित था. सभी बैचों को क्वालिटी जांच के लिए भेजा गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय होगी. इसके अलावा अन्य सप्लायर की खांसी की दवा का भी पुनः परीक्षण किया जा रहा है.
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एक्सपर्ट ने जारी की चेतावनी
हेल्थ एक्सपर्ट ने माता-पिता से कहा है कि पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कोई भी दवा बिना डॉक्टर की सलाह न दें. कई सिरप बच्चों के लिए उपयुक्त नहीं होते. जानकारों ने कहा कि घर पर ओवर-द-काउंटर दवाओं का प्रयोग खतरनाक हो सकता है. सभी परिवारों को सतर्क रहने और डॉक्टर की सलाह लेने की हिदायत दी गई है.