मैसेज इंटरसेप्शन के बने नए नियम, जानें आप पर क्या होगा असर
कहा जा रहा है कि अब खास परिस्थितियों में संयुक्त सचिव या महानिरीक्षक स्तर या उससे ऊपर का अधिकारी भी इंटरसेप्शन का आदेश जारी कर सकता है. लेकिन अधिसूचना के अनुसार, इंटरसेप्शन आदेश जारी होने की तिथि से तीन कार्य दिवसों के भीतर कम्पीटेंट अथॉरिटी को प्रस्तुत किया जाना चाहिए.

केंद्र सरकार ने मैसेज इंटरसेप्शन के लिए नियमों को संशोधित किया है. उसने टेलीकॉम्यूकेशन्स नियम 2024 को नोटिफाइड किया है. ये नियम कॉल-इंटरसेप्शन नियमों के समान हैं. खास बात यह है कि ये नियम कानून प्रवर्तन और सुरक्षा एजेंसियों को खास अवधि के लिए किसी भी संदेश को रोकने की प्रक्रिया के बारे में गाइड करेगा. नए नियमों में कहा गया है कि कम्पीटेंट अथॉरिटी, जो केंद्र सरकार के लिए गृह सचिव और राज्य के लिए मुख्य सचिव हैं, किसी भी मैसेज को रोकने के लिए इंटरसेप्शन आदेश पारित कर सकते हैं.
ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि केंद्र सरकार के इस संशोधन से निजता के अधिकार पर बहस छिड़ सकती है, क्योंकि अतीत में कई एजेंसियों द्वारा अनऑथराइज्ड इंटरसेप्शन के दुरुपयोग के मामले सामने आए हैं. नियमों में संशोधन के बाद अब एजेंसियों को अधिकतम 6 महीने की अवधि के लिए किसी व्यक्ति के मैसेज को रोकने की अनुमति दी गई है. ऐसे इस साल 28 अगस्त को सरकार ने दस्तावेज उपलब्ध कराने के बाद आम जनता से इस मामले में सुझाव मांगे थे.
अधिकारी जारी कर सकता है आदेश
कहा जा रहा है कि अब खास परिस्थितियों में संयुक्त सचिव या महानिरीक्षक स्तर या उससे ऊपर का अधिकारी भी इंटरसेप्शन का आदेश जारी कर सकता है. लेकिन अधिसूचना के अनुसार, इंटरसेप्शन आदेश जारी होने की तिथि से तीन कार्य दिवसों के भीतर कम्पीटेंट अथॉरिटी को प्रस्तुत किया जाना चाहिए. अगर कम्पीटेंट अथॉरिटी उचित समझे, तो जारी होने की तिथि से सात कार्य दिवसों की अवधि के भीतर ऐसे आदेश की पुष्टि करेगा.
ऐसे में इंटरसेप्शन बंद हो जाएगा
अगर अनुमति मांगने वाले अधिकारियों को सात कार्य दिवसों के भीतर कोई उत्तर नहीं मिलता है, तो इंटरसेप्शन बंद हो जाएगा. साथ ही इंटरसेप्टेड किए गए किसी भी मैसेज को किसी भी उद्देश्य के लिए उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जिसमें न्यायालय में साक्ष्य के रूप में उपयोग करना भी शामिल है. इसके अलावा सरकारी एजेंसियों को उस व्यक्ति की डिटेल्स भी देनी होगी, जिसके मैसेज को इंटरसेप्टेड किया जाना है.
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इन अधिकारियों को करना होगा अधिकृत
वहीं, प्रत्येक अधिकृत एजेंसी को इंटरसेप्शन आदेश की जानकारी देने के लिए दो नोडल अधिकारियों को अधिकृत करना होगा. ये अधिकारी पुलिस अधीक्षक या समकक्ष रैंक से नीचे के नहीं होंगे. नियमों के अनुसार एजेंसियों को पिछले पखवाड़े के दौरान प्राप्त इंटरसेप्शन आदेशों की सूची सहित महीने में दो बार रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी. इसमें संदर्भ संख्या और जारी या पुष्टि किए गए इंटरसेप्शन आदेशों की तिथि सहित डिटेल्स भी शामिल होंगे.
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