गोवा में सस्ती तो तेलंगाना में महंगी: जानें किस राज्य में शराब पर कितना टैक्स: कैसे तय होती है इसकी रेट
क्या आप जानते हैं कि हर राज्य में शराब पर लगने वाला टैक्स अलग-अलग होता है. यही वजह है कि एक ही ब्रांड की बोतल दिल्ली में सस्ती और उत्तर प्रदेश में महंगी पड़ सकती है. फिनशॉट्स की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के राज्यों और यूनियन टेरिटरी में शराब पर लगने वाले टैक्स की दरें काफी भिन्न हैं.
भारत में शराब सिर्फ एक पेय नहीं, बल्कि राज्यों की इकोनॉमी का बड़ा हिस्सा भी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर राज्य में शराब पर लगने वाला टैक्स अलग-अलग होता है. यही वजह है कि एक ही ब्रांड की बोतल दिल्ली में सस्ती और उत्तर प्रदेश में महंगी पड़ सकती है. फिनशॉट्स की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के राज्यों और यूनियन टेरिटरी में शराब पर लगने वाले टैक्स की दरें काफी भिन्न हैं. देश में शराब पर एक्साइज ड्यूटी, वैट (VAT) और स्टेट-स्पेसिफिक सरचार्ज मिलाकर टैक्स होता है.
शराब पर सबसे कम टैक्स वाले राज्य (Low Tax: 0–30%)
दमन एंड दीव और दादरा नगर हवेली (DNHDD) जैसे केंद्रशासित प्रदेशों में शराब पर टैक्स 10 से 35 फीसदी लगता है. गोवा में यह टैक्स 22 फीसदी है. खास बात यह है कि यह देश का सबसे कम शराब टैक्स वाला राज्य है. ओडिशा में यह 20 फीसदी है. पुदुचेरी में यह टैक्स 20 फीसदी है. अरुणाचल प्रदेश में 15 फीसदी और मणिपुर में 20 फीसदी वैट है. राजस्थान में शराब पर 20% का Cow Cess on VAT लगाया गया है.
मध्यम टैक्स वाले राज्य (Medium Tax: 31–50%)
ये वे राज्य हैं जहां टैक्स दरें मध्यम लेवल पर हैं. इनमें पंजाब में कुल मिलाकर 35 फीसदी टैक्स लगता है. हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग कैटेगरी की शराब पर अलग-अलग तरीके से टैक्स लगता है. जैसे देशी शराब 50° प्रूफ पर 38 रुपये प्रति PL, 40° प्रूफ पर 53 रुपये प्रति प्रूफ लीटर और बीयर (5 फीसदी तक) पर भी टैक्स लागू है. महाराष्ट्र में 45 फीसदी का टैक्स है. छत्तीसगढ़ में देशी शराब पर 50 फीसदी और माल्ट पर 40 फीसदी टैक्स है. मेघालय में 30 फीसदी टैक्स है. दिल्ली में 25 फीसदी वैट और उत्तराखंड में 32.5 फीसदी वैट है.
हाई टैक्स वाले राज्य (High Tax: 51–70%)
इन राज्यों में शराब पर टैक्स दरें अधिक हैं, जिससे कीमतें भी ऊंची हैं.
- तमिलनाडु (Tamil Nadu) – 58% टैक्स.
- केरल (Kerala) – 52.50% टैक्स.
- कर्नाटक (Karnataka) – 52.80% टैक्स.
- मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) – 40–70% टैक्स.
- आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) – 400 से 2500 रुपये मूल्य की शराब पर 60 फीसदी, 5000 रुपये और उससे ऊपर पर 45 फीसदी टैक्स.
इन राज्यों में शराब की कीमतें ऊंची हैं क्योंकि टैक्स स्ट्रक्चर बहुत जटिल है और सरकारें इससे बड़ा रेवेन्यू कमाती हैं.
बहुत ऊंचे टैक्स वाले राज्य (Very High Tax: >70%)
यह वे राज्य हैं जहां शराब पर टैक्स सबसे ज्यादा वसूला जाता है.
- तेलंगाना (Telangana) – 72% और कुछ मामलों में 120% तक टैक्स. यह पूरे भारत में सबसे अधिक शराब टैक्स वाला राज्य है.
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) – 69% टैक्स.
- झारखंड (Jharkhand) – VAT 75%.
शराबबंदी वाले राज्य
भारत में कुछ राज्यों ने शराब की बिक्री और सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया हुआ है.
- गुजरात (Gujarat) – 1960 से पूर्ण शराबबंदी लागू है.
- बिहार (Bihar) – 2016 से पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है.
- नागालैंड (Nagaland) – शराबबंदी जारी है.
- लक्षद्वीप (Lakshadweep) – यहां भी शराब पर पूर्ण प्रतिबंध है.
- मिजोरम (Mizoram) – यहां भी शराब पर पूर्ण प्रतिबंध है.
क्या भारत को एक समान टैक्स प्रणाली की जरूरत है?
राज्य सरकारों के लिए शराब टैक्स रेवेन्यू का बड़ा सोर्स है. लेकिन इतनी अलग-अलग रेट के कारण टैक्स चोरी, अवैध बिक्री और सीमा पार तस्करी जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं. अगर भारत में यूनिफाइड टैक्स सिस्टम लागू की जाए, तो इससे न सिर्फ पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि राज्यों के बीच टैक्स असमानता भी खत्म हो सकती है.
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