हरियाणा के 600 प्राइवेट अस्पतालों में आयुष्मान योजना के तहत नहीं होगा मरीजों का इलाज, 3 फरवरी से हो जाएगा बंद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने साल 2018 में आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की. इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को हर साल 5 लाख रुपये तक का फ्री में इलाज किया जाता है. हरियाणा में एक करोड़ से अधिक इस योजना के लाभार्थी हैं.

Ayushman Bharat Scheme: हरियाणा में अगले महीने से आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों का प्राइवेट अस्पतालों में इलाज नहीं हो पाएगा. क्योंकि 600 से ज़्यादा प्राइवेट अस्पताल 3 फरवरी से आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का इलाज करना बंद कर देंगे. इसकी जानकारी राज्य के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने दी है. IMA का कहना है कि प्राइवेट अस्पतालों का सरकार के ऊपर आयुष्मान भारत योजना के 400 करोड़ रुपये का बकाया है. उसने अभी तक इसका पेमेंट नहीं किया है. इसके चलते योजना के लाभार्थियों का इलाज बंद करने का फैसला लिया गया.
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा के लगभग 1,300 अस्पतालों में आयुष्मान भारत के तहत मरीजों के इलाज की सुविधा है. इनमें से 600 प्राइवेट अस्पताल हैं. आयुष्मान योजना का बकाया पेमेंट नहीं होने के चलते इन प्राइवेट अस्पतालों को फाईनेंशियल क्राइसिस का सामना करना पड़ रहा है. गुरुग्राम के एक अस्पताल के डॉक्टर ने कहा है कि समय पर बकाया का भुगतान नहीं होने के चलते वित्तीय संकट खड़ा हो गया है.
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400 करोड़ रुपये का बकाया
डॉक्टर ने कहा कि रीइंबर्समेंट प्रोसेस काफी धीमी है. इससे आयुष्मान भारत योजना के तहत नए बिल बढ़ते ही जा रहे हैं. इसलिए सरकार को आयुष्मान भारत योजना की पूरी बकाया राशि जारी की जानी चाहिए. IMA हरियाणा के अध्यक्ष महावीर जैन ने पुष्टि करते हुए कहा कि प्राइवेट अस्पताल पिछले कई महीनों से रीइंबर्समेंट का इंतज़ार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अस्पताल पैसों के अभाव में सही तरीके से काम नहीं कर पाएंगे. लगभग 400 करोड़ रुपये अभी भी लंबित हैं. अगर जल्द भुगतान नहीं किया गया, तो अस्पताल के काम प्रभावित होंगे.
रीइंबर्समेंट का केवल 15 फीसदी ही भुगतान
आईएमए अधिकारियों ने बताया कि अस्पतालों को बकाया रीइंबर्समेंट का केवल 10-15 प्रतिशत ही मिला है. आमतौर पर, अस्पताल द्वारा आयुष्मान भारत के मरीजों का इलाज करने के बाद ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से रीइंबर्समेंट के लिए रिक्वेस्ट किया जाता है. इसके बाद राज्य सरकार लागत को मंजूरी देती है और रीइंबर्समेंट करती है. हालांकि, इन भुगतानों को प्रोसेस्ड करने में देरी के कारण कई अस्पताल वित्तीय संकट से गुजर रहे हैं.
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फंड जारी करने की प्रक्रिया शुरू
आईएमए अधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के सामने भी बाकाया राशि को लेकर मुद्दा उठाया गया. इसके बाद उन्होंने तुरंत बकाया राशि जारी करने का निर्देश दिया. लेकिन आदेश जारी होने के बावजूद भी अस्पतालों को मामूली रकम ही बकाया राशि के रूप में दी गई. इस बीच, हरियाणा में आयुष्मान भारत की संयुक्त सीईओ अंकिता अधिकारी ने कहा कि उनके कार्यालय को सेवाओं के बंद होने की सूचना नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि हमने पहले ही फंड जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, और हमें विश्वास है कि एक सप्ताह के भीतर समस्या का समाधान हो जाएगा.
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