भारत को मिला ‘चिकन नेक’ का तोड़, जरूरत पड़ने पर दो तरफ से पिटेगा बांग्लादेश; चीन भी तांकता रह जाएगा मुंह

सिलीगुड़ी कॉरिडोर को चिकन नेक के नाम से भी जाना जाता है. इसे लेकर भारत और बांग्‍लादेश के बीच तनाव की स्थिति है. हाल ही में बांग्‍लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुखिया मोहम्मद युनूस के चीन दौरे पर दिए गए एक बयान के बाद से मसला और गर्म हो गया है. तो क्‍या है मामला और क्‍यों चिकन नेक भारत के लिए है अहम जानें डिटेल.

क्‍या है चिकन नेक, क्‍यों इसकी वजह से भारत-बांग्‍लादेश के बीच बढ़ा तनाव? Image Credit: money9

India-Bangladesh Tension: भारत के दूसरे हिस्‍सों से नॉर्थ इंडिया को जोड़ने वाला सिलीगुड़ी कॉरिडोर, जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है, ये दोबारा चर्चाओं में है. बांग्‍लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुखिया मोहम्मद युनूस के एक हालिया बयान ने इस मुद्दे को और गर्मा दिया है. दरअसल युनूस ने चीन को निवेश का न्‍योता दिया है और उसे इस रास्‍ते का उपयोग करने को कहा है. मगर भारत ने भी इसका तोड़ निकाल लिया है. युनूस को असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने करारा जवाब देते हुए चेतावनी दी कि अगर बांग्‍लादेश भारत के लिए मुश्किलें खड़ी करेगा तो वो उनके चिकन नेक पर निशाना साधेंगे. तो आखिर क्‍या है चिकन नेक और क्‍यों भारत के लिए ये है एक अहम हिस्‍सा जानें पूरी डिटेल.

क्‍या है ‘चिकन नेक’?

भारत के सिलीगुड़ी कॉरिडोर को चिकन नेक के नाम से जाना जाता है. यह पश्चिम बंगाल में है. यह कॉरिडोर भारत के 8 राज्‍यों- अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है. यह इलाका काफी संकरा है. ये बांग्‍लादेश का 60 किमी लंबा और महज 21 किलोमीटर चौड़ा है. सिक्किम, तिब्बत की चुंबी वैली और भूटान के डोकलाम का ट्राई जंक्शन इसके पास है. कॉरिडोर की संकरी संरचना की वजह से इसे चिकन नेक कहते हैं. यह मुर्गी की गर्दन की तरह लगता है.

भारत के लिए क्‍यों है जरूरी हिस्‍सा?

सिलिगुड़ी कॉरिडोर से पूर्वोत्तर में सैन्य बलों की तैनाती होती है. यहां से गुजरने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग और रेल लाइनें पूर्वोत्तरी राज्यों को देश के बाकी हिस्से से जोड़ती हैं. इस रास्ते में समुद्र, नदी और जमीन तीनों विकल्‍प शामिल हैं. कोलकाता पोर्ट से समुद्र के रास्ते म्यांमार के सितवे पोर्ट तक का रास्ता, इससे आगे कालादान नदी का रास्ता और फिर म्यांमार से मिजोरम का रास्‍ता जुड़ता है. भारत के लिए यह बहुत संवेदनशील जगह है. अगर यह हिस्सा देश के हाथ से निकल जाए तो भारत के दो हिस्से अलग हो जाएंगे.

असम के सीएम ने दी चेतावनी

असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने युनूस को चेतावनी देते हुए कहा कि भारत के पास एक चिकन नेक है, लेकिन बांग्लादेश के पास दो चिकन नेक हैं. अगर बांग्लादेश उनके इस क्षेत्र पर हमला करता है, तो वे उनके दोनों चिकन नेक पर निशाना साधेंगे. बता दें बांग्लादेश का एक चिकन नेक मेघालय के पास है, जो चटगांव बंदरगाह को जोड़ता है, जबकि दूसरा कॉरिडोर रंगपुर डिवीजन के पास है, जो बांग्लादेश के विभिन्न प्रशासनिक क्षेत्रों को जोड़ता है. इस कॉरिडोर को बंद करने से चटगांव, जो बांग्लादेश के 90% से अधिक बाहरी व्यापार को संभालता है, देश के बाकी हिस्सों से कट जाएगा.

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चीन की ‘चिकन नेक’ पर नजर

रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन बांग्लादेश के लालमोनिरहाट हवाई अड्डे को रीजनरेट करने में मदद कर रहा है. यह कदम चीन की हिमालयी सीमा पर उन्नत हवाई अड्डों के विस्तार की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. ये एयरपोर्ट सिलिगुड़ी कॉरिडोर के नजदीक है, जो बांग्लादेश वायु सेना के नियंत्रण में है, हालांकि ये दशकों से निष्क्रिय था. अगर इसे सैन्य उद्देश्यों के लिए उपयोग किया गया, तो यह भारत के लिए रणनीतिक खतरा पैदा कर सकता है. मगर असम के सीएम की चेतावनी के बाद यह साफ है कि भारत का रास्‍ता रोकने की कोशिश करने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा, इसमें चीन भी कुछ नहीं कर पाएगा.