ऑपरेशन सिंदूर के नायकों को सरकार ने किया सम्मानित, 36 वायु सैनिकों को मिला वीरता पुरस्कार
ऑपरेशन सिंदूर में साहस दिखाने वाले 36 वायुसेना के जांबाजों को देश ने वीरता पुरस्कारों से नवाजा. पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमले कर आतंकियों का सफाया करने वाले इन योद्धाओं का सम्मान भारत की सैन्य ताकत और दुश्मन के खिलाफ दृढ़ इरादे का सबूत है.
Gallantry awards 2025 : पाकिस्तान की सरहद में घुसे बिना आतंक के अड्डों को नेस्तनाबूद करने वाले भारतीय वायुसेना के जांबाज अब राष्ट्र के गर्व का कारण बन गए हैं. केंद्र सरकार ने गुरुवार को ऑपरेशन सिंदूर में अहम भूमिका निभाने वाले 36 वायु सैनिकों को वीरता पुरस्कार (Gallantry awards) देने की घोषणा की.
वीर चक्र से सम्मानित जांबाज
घोषणा के मुताबिक, 9 वायुसेना अधिकारियों को वीर चक्र से नवाजा गया है. इनमें ग्रुप कैप्टन आर एस सिद्धू, मनीष अरोड़ा, अनिमेष पाटनी और कुणाल कालरा शामिल हैं. इसके अलावा विंग कमांडर जॉय चंद्रा, स्क्वाड्रन लीडर सार्थक कुमार, सिद्धांत सिंह, रिजवान मलिक और फ्लाइट लेफ्टिनेंट ए एस ठाकुर को भी यह सम्मान मिला है. ये सभी अधिकारी पाकिस्तान के मुरिदके और बहावलपुर में आतंकवादी ठिकानों पर हमले में शामिल रहे.
वीर चक्र के अलावा एक अधिकारी को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है, जो साहसिक कार्य या बलिदान के लिए दिया जाता है, भले ही वह सीधी लड़ाई में शामिल न हो. वहीं, 26 अन्य वायु सैनिकों को वायु सेना मेडल से नवाजा गया.
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता
7 मई को शुरू हुआ ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम आतंकी हमले (जिसमें 26 लोगों की जान गई थी) के जवाब में अंजाम दिया गया था. भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान की सीमा में 9 आतंकी ठिकानों पर निशाना साधा और 100 से ज्यादा आतंकियों को ढेर किया. इस कार्रवाई के दौरान भारतीय वायुसेना ने 6 पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को मार गिराया और कई एफ-16 को नुकसान पहुंचाया.
पहली बार ‘सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक’
इस अभियान में पहली बार वायुसेना अधिकारियों को ‘सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक’ भी दिया गया है. सेना, नौसेना और वायुसेना के अधिकारियों को मिले ये सम्मान ऑपरेशन सिंदूर में उनके योगदान को सलाम करते हैं.
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ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान ने ड्रोन हमले किए, लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने उन्हें नाकाम कर दिया. 10 मई को भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान के 11 अहम सैन्य और रडार ठिकानों पर फिर से हमला किया.