भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन तैयार, जल्द इन शहरों के बीच दौड़ती हुई आएगी नजर; देखें पहली झलक

Hydrogen Train: चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) ने इस सप्ताह की शुरुआत में देश की पहली हाइड्रोजन से चलने वाली ड्राइविंग पावर कार का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है, जो ऑपरेशनल डिप्लायमेंट की दिशा में एक बड़ा कदम है. इसे जल्द आम पब्लिक के लिए शुरू किया जाएगा.

भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन. Image Credit: Indian Railway

Hydrogen Train: भारत में पहली बार हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन अपने अंतिम चरण में है, जो अत्याधुनिक तकनीक और क्लीन एनर्जी इनोवेशन का प्रदर्शन करेगी. रेल मंत्रालय ने बुधवार, 13 अगस्त को घोषणा की कि चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) ने इस सप्ताह की शुरुआत में देश की पहली हाइड्रोजन से चलने वाली ड्राइविंग पावर कार का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है, जो ऑपरेशनल डिप्लायमेंट की दिशा में एक बड़ा कदम है.

यह उपलब्धि अश्विनी वैष्णव के नेतृत्व वाली भारतीय रेलवे को हाइड्रोजन-ऑपरेटेड ट्रेनों के साथ प्रयोग करने वाले चुनिंदा देशों के समूह के साथ खड़ा करती है, जिनमें से अधिकांश अभी भी परीक्षण के चरण में हैं.

हाइड्रोजन ट्रेन प्रोजेक्ट

हाइड्रोजन ट्रेन प्रोजेक्ट, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और अपने ऑपरेशन में रिन्यूएबल एनर्जी की हिस्सेदारी बढ़ाने की भारतीय रेलवे की रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. जीवाश्म ईंधन से हाइड्रोजन, जो एक क्लीन विकल्प है, की ओर रुख करके, रेलवे का लक्ष्य अपने कार्बन उत्सर्जन और इंपोर्टेड फ्यूल पर निर्भरता को कम करना है. अधिकारियों ने पुष्टि की कि परियोजना अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है, तथा ट्रेन को कमर्शियल सर्विस में लाने से पहले व्यापक उपकरण परीक्षण चल रहा है.

136 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट

उत्तर रेलवे जोन द्वारा 2020-21 में शुरू की गई इस परियोजना के दो मुख्य कॉम्पोनेंट हैं – दो पारंपरिक 1600 HP डीजल पावर कारों को हाइड्रोजन फ्यूल सेल-ऑपरेटेड ट्रैक्शन सिस्टम में परिवर्तित करना और हरियाणा के जींद में एक हाइड्रोजन स्टोरेज और ईंधन भरने की फैसिलिटी की स्थापना.

परियोजना की कुल लागत लगभग 136 करोड़ रुपये है, जिसमें रिसर्च डिजाइन एवं स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (RDSO) प्राथमिक डिजEइन, वेरिफिकेशन और परीक्षण का काम संभालेगा.

कहां से कहां तक चलेगी?

कन्वर्टेड ट्रेन 10 डिब्बों वाली डीजल-इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (DEMU) होगी, जो 2,600 से अधिक यात्रियों को ले जाने में सक्षम होगी. चालू होने के बाद, इसे हरियाणा के जींद और सोनीपत के बीच चलाने की योजना है, जो प्रतिदिन 356 किलोमीटर का दो चक्कर पूरी करेगी. जींद में हाइड्रोजन स्टोरेज सुविधा की कुल क्षमता 3,000 किलोग्राम होगी.

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