6,500 किलोग्राम का अमेरिकी सैटेलाइट लॉन्च करेगा ISRO, 3 साल में चीन-यूएस को टक्कर देगा भारत

भारत अगले कुछ महीनों में 6,500 किलोग्राम का अमेरिकी कम्युनिकेशन सैटेलाइट लॉन्च करेगा. इसरो चेयरमैन वी. नारायणन ने यह जानकारी दी, जो NASA के साथ NISAR मिशन के बाद एक और सहयोग है. इसरो ने अब तक 34 देशों के 433 सैटेलाइट्स लॉन्च किए हैं और आने वाले वर्षों में अपने ऑर्बिटल उपग्रहों को तीन गुना करने की योजना बनाई है.

ISRO is set to Launch 6,500 KG US Communication Satellite Image Credit: Canva/ Getty

ISRO is set to Launch 6,500 KG US Communication Satellite: अगले कुछ महीनों में भारत 6,500 किलोग्राम का अमेरिकी कम्युनिकेशन सैटेलाइट अपने रॉकेट से लॉन्च करेगा. यह जानकारी रविवार को इसरो के चेयरमैन वी. नारायणन दी है. हाल ही में लॉन्च हुए NISAR सैटेलाइट के बाद ISRO और NASA के बीच यह एक नई साझेदरी है. हालांकि ISRO ने अब तक 34 देशों के 433 सैटेलाइट्स को अपने लॉन्च व्हीकल से लॉन्च किया है. साथ ही ऑर्बिट में इसरो के पास वर्तमान में 56 सैटेलाइट हैं, जिसे 2-3 वर्षों में तीन गुना करने की योजना है. 1975 में SITE परियोजना के माध्यम से अमेरिका द्वारा दिए गए सैटालाइ डाटा के माध्यम से, इसरो ने 6 राज्यों के 2,400 गांवों में 2,400 टेलीविजन सेट स्थापित किया था.

अमेरिकी सैटेलाइट लॉन्च करेगा ISRO

इसरो के चेयरमैन वी. नारायणन ने बताया कि अगले कुछ महीनों में भारत 6,500 किलोग्राम का अमेरिकी कम्युनिकेशन सैटेलाइट अपने रॉकेट से लॉन्च करेगा. ISRO ने अब तक 34 देशों के 433 सैटेलाइट्स को अपने लॉन्च व्हीकल से प्रक्षेपित किया है.

इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) ने 30 जुलाई, 2025 को शाम 5:40 बजे GSLV-F16 रॉकेट से NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar (NISAR) सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया. यह दुनिया का पहला सैटेलाइट है, जिसमें डुअल-बैंड रडार (L-band और S-band) तकनीक का उपयोग किया गया है. इस प्रोजेक्ट पर भारत और अमेरिका ने करीब एक दशक पहले साथ काम करना शुरू किया था.

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ऑपरेशन सिंदूर में रहा ISRO का योगदान

इसरो आज 55 एप्लिकेशन के माध्यम से देश में योगदान दे रहा है. इनमें टेलीविजन ब्रॉडकास्टिंग, दूरसंचार, मौसम पूर्वानुमान, आपदा चेतावनी, नेविगेशन, और खाद्य एवं जल सुरक्षा शामिल हैं. इसरो के चेयरमैन वी. नारायणन कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इसरो ने अपनी उपग्रह तकनीक से नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की. चंद्रयान-1 ने चंद्रमा की सतह पर जल की खोज की और चंद्रयान-3 ने दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रचा.

ये हैं भविष्य की योजनाएं

ऑर्बिट में इसरो के पास वर्तमान में 56 सैटेलाइट हैं, और अगले 2-3 वर्षों में इसे तीन गुना करने की योजना है. गगनयान कार्यक्रम के तहत मानव को अंतरिक्ष में भेजने और 2035 तक अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाने का लक्ष्य है. 2040 तक भारत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में विकसित देशों के बराबर होगा.

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